फिर एक चीतल की मौत..वन विभाग ने बताया चोट से मौत..अवारा कुत्तों और रंगबाजों से खतरा

BHASKAR MISHRA
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तखतपुर (टेकचंद कारड़ा)— विकाशखण्ड पथरिया के ग्राम पुछेली में मंगलवार की दोपहर एक बजे के आसपास चीतल का शव मिला। खबर के बाद ग्रामीणों में  शासन प्रशासन के प्रति आक्रोश बढ़ने लगा है। ग्रामीणों की मानें तो वन परिक्षेत्र पथरिया में एक बार फिर वन्य प्राणियो की मौत का सिलसिला शुरू हो गया है। इसके लिए सीधे तौर पर वन विभाग जिम्मेदार है। क्योंकि गर्मी शुरु होते ही पथरिया वन परिक्षेत्र के चीतल प्यास बुझाने गांव के करीब पहुच जाते हैं। इसी दौरान वन्य जीव कभी असामाजिक तत्वों का शिकार हो जाते हैं तो कभी  आवारा कुत्तों को भेंट चढ़ जाते हैं।
 
           जानकारी के अनुसार दोपहर 01 बजे के करीब ग्राम पुछेली के मझरेटा खार में ग्रामीणों ने एक मृत चीतल का शव देखा। ग्रामीणों ने इसकी जानकारी वन विभाग के अधिकारी कर्मचारियो को दी । एसडीओ ने बताया कि प्रथम दृष्टया किसी कठोर चीज़ से टकराने से चीतल की मौत हुई है। मृत चीतल की उम्र करीब एक साल है। 
 
सिर की चोट से मौत
 
                   वन विभाग ने मृत चीतल को पथरिया में पोस्टमार्टम कराया। बताया जा रहा है कि चीतल की मौत सिर में अत्य़धिक चोट लगने से हुई है। जानकारी देते चलें कि पथरिया वन परिक्षेत्र में वन्य प्राणियो के लिए सुरक्षित भूमि और संसाधनों की कमी है।
 
मनोरंजन की भेट
 
          ग्रामीणों ने बताया कि क्षेत्र में रहने वाले चीतल गर्मी में पानी की तलाश करते गांव के पास पहुंच जाते हैं। इस दौरान चीतल झण्ड में रहते हैं।  जिसके चलते चीतलों को कभी असामाजिक तत्वों का तो कभी आवरा कुच्तों का सामना करना पड़ता है।
 
पार्क के लिए जमीन देने को तैयार  
      
               जिला पंचायत सदस्य एवं कैम्पा सदस्य वशिउल्ला खान ने बताया कि क्षेत्र में डियर पार्क के निर्माण को लेकर बहुत सारी प्रक्रियाए पूरी कर ली गई है । मामले में छत्तीसगढ़ शासन के वन मंत्री मोहम्मद अकबर से भी मुलाकात कर चर्चा हुई है। मंत्री ने सहमति भी जाहिर किया है।  पार्क निर्माण में आने वाली जमीन को लेकर जमीन मालिक सरकार मुआवजा लेकर जमीन देने को तैयार है।  लेकिन अब तक डियर पार्क ना बन पाना खेद का विषय है ।
 
           बताते चले कि क्षेत्र में चीतल मौत की यह पहली घटना नहीं है। वन विभाग की लापरवाही के चलते प्रतिवर्ष दर्जनों चीतल समेत अन्य वन्य प्राणियों को जान की कीमत चुकानी पड़ती है।
 
                एक बार फिर गर्मी शुरू होते ही  वन्य प्राणियो का गाँव की ओर आना शुरू हो गया है। जाहिर सी बात है कि इन प्राणियों को कोई भी निशाना बना सकता है। देखने वाली बात होगी की वन्य जीवों की सुरक्षा को लेकर अब  वन विभाग क्या कुछ कदम उठाता है।
 
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