फिर बीमार हुआ लोकसेवा आयोग का पोर्टल..मूल निवासियों की आयु सीमा में दो साल की कटौती.. शासकीय सेवकों ने दी हाईकोर्ट जाने की धमकी.. सचिव ने ध्रुव ने कहा..किसी का नहीं होगा अहित

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—छत्तीसगढ़ लोक सेवा एक बार फिर चर्चा में है। आनलाइन आवेदन में पिछली बार की तरह एक बार फिर खामियां सामने आयी है। इसके चलते आवेदक ना केवल परेशान है। बल्कि उनमें जमकर आक्रोश भी है। प्रतियोंगियों को छत्तीसगढ़ लोकसेवा आयोग परीक्षा 2021 के लिए 1 दिसंबर से 31 दिसंबर के बीच ऑनलाइन आवेदन करना है। खामियों के चलते आनेदन करने वाले मूलनिवासियों की परेशानी बढ़ गयी है। 
 
                    छत्तीसगढ़ लोकसेवा आयोग एक बार अपनी गतिविधियों को लेकर चर्चा में है। पिछली बार की तरह पोर्टल में खामियां एक बार फिर सामने आयी है। नियमों की गलत  व्याख्या से छत्तीसगढ़ के मूल निवासियों की परेशानी को आयोग ने बढ़ा दिया है। शासकीय सेवा में पदस्थ मूलनिवासी अब 38 साल के आयु वाले ही आवेदन कर पा रहे है।
 
शासकीय सेवकों की आयु सीमा में कटौती
 
             शासकीय सेवा में पदस्थ राज्य सेवा परीक्षा में शामिल होने के इच्छुक प्रतियोगियों ने बताया कि परीक्षा नियम अनुसार छत्तीसगढ़ के मूल निवासी 40 वर्ष तक आयोग की परीक्षा में बैठ सकते हैं। लेकिन इस बार सोची समझी रणनीति के तहत सामान्य वर्ग से आने वाले शासकीय सेवा में पदस्थ छत्तीसगढ़ के  मूलनिवासियों को परीक्षा से दूर रखा जा रहा है। जाहिर सी बात है कि लोकसेवा आयोग नियमों की व्याख्या में अंनदेखी कर रहा है। या फिर पोर्टल में तकनीकी खामी पैदा कर हजारों लोगों को परीक्षा से दूर रखा जा रहा है।
 
               प्रतियोगी ने बताया कि निम्न पद से उच्च पद पाने की इच्छा रखने और तैयारी करने वालों के साथ अन्याय है। शासकीय सेवकों को छत्तीसगढ़ शासन से उम्र में छूट की पात्रता है। बावजूद इसके ऐसा लगता है उन्हें परीक्षा में शामिल होने से रोका जा रहा है।
 
            प्रतियोगियों ने बताया कि आवेदन प्रक्रिया में प्रतियोगियों से ऑनलाइन आवेदन में मूल निवासी है या नहीं विकल्प विवरण मांगा जाता है। मूलनिवासी का कालम भरने के बावजूद 35 वर्ष की उच्च सीमा में 5 वर्ष की मिलने वाली छूट से  वंचित रखा जा रहा है। इसके चलते आवेदन फार्म स्वीकृत नहीं हो रहा है।
 
किसी प्रकार का सर्कुलर नहीं
 
                      जानकारी देते चलें कि छत्तीसगढ़  सामान्य प्रशासन विभाग ने फिलहाल किसी भी प्रकार से कोई ऐसा सर्कुलर  आदेश जारी नहीं है कि छत्तीसगढ़ के मूल निवासी  शासकीय सेवकों को पीएससी की परीक्षा दिलाने के लिए डोमिसाइल के आधार पर 5 वर्ष की छूट नहीं दी जाएगी। बावजूद उनके आवेदन को अन्य राज्यों के सामान्य वर्ग के साथ गणना कर परीक्षा में बैठने से वंचित किया जा रहा है ।
 
डायमेट्रिक्स में फिर आयी गड़ब़ड़ी
 
                   आवेदन प्रक्रिया में त्रुटि पूर्ण आयुमैट्रि के चलते ऑनलाइन प्रक्रिया में 35 वर्ष की आयु सीमा में 3 वर्ष की छूट के बाद भी मूल निवासी को कोई लाभ नही मिल रहा है। ऐसा होना नैसर्गिक न्याय के खिलाफ है। दरअसल सरकार ने राज्य के निवासियों को 40 वर्ष तक आयु सीमा में मिलने वाली छूट को शासकीय सेवकों के संदर्भ में सुधार कर गणना नहीं किया है। जिसके चलते हजारों की संख्या में प्रतियोगी परीक्षा आवेदन नही भर पा रहे है।
 
आयु में कटौती..साजिश का हिस्सा
 
                छत्तीसगढ़ के शासकीय सेवक जो 39 वर्षों से 43 वर्ष की आयु के बीच में है और छत्तीसगढ़ के मूल निवासी भी है। आयुमेट्रिक में गड़बड़ी से उन्हें डोमिसाइल के बावजूद आयु सीमा में छूट का लाभ नही मिल रहा है। 38 वर्ष में ही आयु सीमा  पूर्ण बताये जाने से परीक्षा आवेदन जमा नहीं हो रहा है। विडंबना है कि शासन से डोमिसाइल की छूट की गणना नरही करने से शासकीय सेवकों की आवेदन में छत्तीसगढ़ के मूलनिवासी छूट में कटौती की जा रही है।
 
          एक प्रतियोगी ने बताया कि ऐसे शासकीय सेवक जिसकी उम्र 39 से 43 साल के बीच है। ऐसे आवेदकों का आवेदन 38 साल की आयु सीमा के ऊपर स्वीकार नही किया जा रहा है। सीजी डोमेसाइल शासकीय सेवक आवेदक की 38 वर्ष की आयु को उच्च आयु सीमा मानने से आयु सीमा  की गणना त्रुटिपूर्ण है। जो शासकीय सेवक शिक्षाकर्मी रहा है उन्हें 40+3 + सेवा वर्ष = 45  में जुड़ती है। वह 35 +3+ सेवा वर्ष में लिया जा रहा है। इससे अनेकों प्रतियोगी जो पिछले माह तक आयोग की परीक्षा 44 और 45 वर्ष की आयु तक दे रहे थे उन्हें भी 2 साल का नुकसान है।
 
त्रुटियों का करेंगे सुधार..किसी वर्ग का नहीं होगा अहित
 
                  लोक सेवा आयोग के सचिव जेके ध्रुव ने बताया कि प्रतियोगियों की शिकायत को संज्ञान में लिया गया है। परीक्षा नियंत्रक को सुधार के लिए आवश्यक निर्देश दिए गए हैं।  किसी भी वर्ग के हितों की अनदेखी नहीं की जाएगी। पिछले वर्ष भी पोर्टल में आई खामी को तत्काल सुधारा गया था। मामले को  पीएससी चेयरमैन के सामने रखा जा रहा है। 
 
        स्पष्ट निर्देश है कि प्रतियोगी अपनी शिकायत को परीक्षा नियंत्रक के सामने रख सकते हैं। सामान्य प्रशासन विभाग छत्तीसगढ़ शासन से मार्गदर्शन मांगा गया है।
 
उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे
 
              परीक्षा में बैठने से रोकने के लिए उम्र में तीन साल की कटौती को लेकर युवा प्रतियोगियों में गहरा आक्रोश है।  नौकरी के बाद पूर्ण वेतनमान नहीं दिया जा रहा है। 1 वर्ष की परिवीक्षा अवधि भी बढ़ा दी गई है। अब आयु सीमा में भी कटौती कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ के लोगों को ही परीक्षा में शामिल नहीं होने दिया जा रहा है। आखिर कहां के लोग नौकरी का आवेदन भर रहे हैं? प्रतियोगी गण संगठित होकर आर पार की लड़ाई ल़डेंगे। प्रतियोगी मंच के बैनर तले राज्यपाल और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को ज्ञापन देॆगे। राज्य के समस्त सांसदों और विधायकों और मंत्रिमंडल के सदस्यों को सामान्य वर्ग की शासकीय सेवकों के साथ हो रहे भेदभाव  से अवगत कराएंगे। जरूरत पड़ी तो उच्च न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाएंगे।
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