राजनांदगांव। छत्तीसगढ़ सरकार की मंत्रिपरिषद की बैठक जो 22 नवम्बर को मुख्यमंत्री भुपेश बधेल की अध्यक्षता हुई है जिसमें प्रस्ताव क्रमांक एवं निर्णय क्रमांक 2 में पदोन्नति के लिए पूर्व में बनाए गए 5 वर्ष की सेवा अवधि के स्थान 3 वर्ष का प्रावधान करने का निर्णय लिया गया जिसमें यह भी लिखा गया है कि शिक्षा कर्मियों को पदोन्नति में राहत दी जा रही है। सरकार की इस राहत वाली नाव पर जगह कम और बैठने वाले सवार अधिक है। जिस वजह से इस निर्णय पर संतोष कम और आक्रोश ज्यादा है। इस निर्णय पर आक्रोश की एक और सबसे बड़ी वजह व्यख्याता एलबी वर्ग को प्राचार्य पद पर पदोन्नति देने का भी प्रावधान नहीं रखा गया है। इसके अलावा पदोन्नति में राहत देते हुए सेवा अवधि तीन वर्ष दिए जाने का मतलब यह भी समझा जा रहा है कि संविलियन के पूर्व की सेवा अवधि की गणना शून्य मान कर यह छूट दी गई है।
जबकि एक लाख से और अधिक एलबी संवर्ग के शिक्षको का संविलियन आठ साल की सेवा पूरा करने से हुआ है। वही बहुत से शिक्षक 1998 से संविलियन के बाद तक चरण दर चरण शिक्षा पंचायत, संविदा गुरुजी, शिक्षाकर्मी के रूप में शिक्षा विभाग की बागडोर संभाल रहे है।
एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से छत्तीसगढ़ शिक्षक कांग्रेस के प्रांतीय महासचिव कमलेश्वर सिंह ने बताया कि स्कूल शिक्षा विभाग एलबी संवर्ग के साथ नैसर्गिक न्याय के सिद्धांत अनुरूप कार्य नहीं कर रहा है एक ओर हमारी पुरानी सेवा को गिनते हुए कुछ आर्थिक लाभ जरूर दिया जा रहा है लेकिन जिसके हम वाजिब हकदार हैं उससे हमें वंचित रखा जा रहा है।10 वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुके शिक्षको को प्रथम 20 वर्ष की सेवा के बाद द्वितीय तथा 30 वर्ष में तृतीय उच्चतर वेतनमान का वेतन बैंड एवं ग्रेड पे का लाभ आम कर्मचारियों के जैसे दिया जाना चाहिए जो हो नही रहा है।
कमलेश्वर बताते है कि जितनी संख्या में प्राथमिक/माध्यमिक प्रधान पाठक की पदोन्नति होनी है उससे ज्यादा शिक्षक (एल बी) संवर्ग एक ही पद में 20वर्ष से अधिक की सेवा अवधि पूर्ण कर ली है ।जब 20वर्ष की सेवा पूर्ण तिथि में उन्हें द्वितीय क्रमोन्नति समयमान वेतनमान की पात्रता है तो प्राथमिक/माध्यमिक शाला के प्रधान पाठक पद पर पदोन्नति के लिए तीन वर्ष की सेवा अवधि करना अव्यवहारिक है ।इससे शिक्षक एलबी संवर्ग को कोई आर्थिक लाभ प्राप्त नहीं होगा क्योंकि वह 20 वर्ष की सेवा ऐसे ही पूर्ण कर चुका है ।इसी तरह मंत्रिपरिषद के निर्णय में व्याख्याता एलबी को प्राचार्य पद पर पदोन्नति देने का भी प्रावधान नहीं रखा गया है ।
शिक्षक नेता कमलेश्वर का कहना है कि मंत्रिपरिषद के निर्णय के बिंदु क्रमांक दो में यह भी अंकित है शिक्षा कर्मियों की पूर्व सेवा का भी लाभ प्राप्त होगा परन्तु यह वाक्य भी अस्पश्ट है क्योंकि निर्णय में स्पष्ट रूप से यह लिखा होना चाहिए कि शिक्षा कर्मियों (शिक्षक एल बी) को पूर्व सेवा अवधि का लाभ प्राप्त होगा एवं उनकी सेवाएं निरन्तर मानी जाएगी ।
छत्तीसगढ़ शिक्षक कांग्रेस के प्रांतीय महासचिव कमलेश्वर सिंह ने प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मांग की है कि शिक्षक (एल बी )संवर्ग की एक मात्र मांग को मंत्रिपरिषद में लिए निर्णय में संशोधन करते हुए शिक्षक (एलबी )संवर्ग यथा सहायक शिक्षक (एल बी)शिक्षक (एल बी) व व्याख्याता (एल बी) को पूर्व विभाग में की गई सेवा अवधि को जोड़कर एक ही पद में 10 वर्ष की पूर्ण तिथि से प्रथम 20 वर्ष में द्वितीय तथा 30 वर्ष में तृतीय उच्चतर वेतनमान का वेतन बैंड एवम् ग्रेड पे का लाभ दिया जाए जिससे अधिक से अधिक शिक्षक (एल बी) संवर्ग को आर्थिक लाभ प्राप्त हो सके । इसके अलावा समयमान वेतनमान में वेतन निर्धारण के पश्चात ही पदोन्नति दी जाए ।