बिलासपुर—लोकतंत्र में सरकारें आती जाती रहती हैं। लेकिन सभी सरकारों की पहली और अंतिम उद्देश्य जनता का हित होता है। कार्यपालिका न्यायपालिका और विधायिका भारत की संसदीय प्रणाली के आधार स्तंभ है । कांग्रेस जन एक परिवार के भजन कीर्तन में लीन रहते है।आज देश हित में कानून और लोकतंत्र के मायनो का चिंतन करने की जरूरत है। एन केन प्रकारेण राजनीतिक लाभ लेना ही सबसे बड़ा कांग्रेस का लक्ष्य बन गया है। इसलिये वे जनता के हितों के मुद्दे से परे केवल भ्रामक प्रचार और लुभाने वादे करके वोट की राजनीति करते है। यह बातें पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल ने धरना प्रदर्शन के दौरान के दौरान कही।
शहर विकास का जायजा लेने इन दिनों पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल अधूरे विकास की अधूरी कहानी अभियान के तहत शहर के कोने कोने में पहुंचकर जनता से संवाद कर रहे हैं। साथ ही धरना प्रदर्शन कर शहर और प्रदेश सरकार को आईना भी दिखा रहे हैं। इसी क्रम में अमर अग्रवाल शुक्रवार को जतिया तालाब क्षेत्र में धरना प्रदर्शन किया।
सांस्कृतिक धरोहर पर संक्रमण
उपस्थित लोगों को अमर ने संबोधित किया। उन्होने कहा प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण में भी कांग्रेसियों में होड़ मची है। अमर ने बताया कि जतिया बाई के नाम पर इस ऐतिहासिक तालाब का नाम पड़ा। लगभग 7 से 8 एकड़ की भूमि में यह तालाब आसपास के क्षेत्र और मोहल्ले के हजारों रहवासी परिवारों सैकड़ो परिवारों की निस्तारी का केंद्र था। थोड़ी सी गर्मी में जल्दी सूख जाना जतिया तालाब की अब पहचान बन चुकी है।
तालाबों का शहर बिलासपुर
अटल बिहारी वाजपेयी के समय 2000 में 3 राज्यों का गठन हुआ। इसमें एक राज्य छत्तीसगढ भी है। कांग्रेस की सरकार बनी , लेकिन थोड़े समय मे लोग समझ गए कि छत्तीसगढ लिए कांग्रेस की सरकार उचित नहीं है। शहरों के विकास के लिए इंदिरा सरोवर योजना आई। लेकिन तालाबों के विकास की आड़ में ठेकेदारों ने अपना तिजोरी भर लिया। अमर ने बताया कि कुआ, तालाब बावड़ी हमारी संस्कृति का हिस्सा है। बिलासपुर को तालाबों का शहर माना जाता था। लेकिन कांग्रेस सरकार ने कभी भी इस बात को गंभीरता के साथ नहीं लिया। शहर के बड़े तालाबो के विकास और सौंदर्यीकरण के लिए 2016 में सरोवर धरोहर योजना के तहत 3.5 करोड़ की लागत से तालाब गहरीकरण,लेवलिंग पिचिंग अन्य कार्य हुआ।
स्मार्ट सिटी को मिला चार हजार करोड़
2017 में एनआईटी रायपुर और जयनारायण कमेटी के सुझाव पर जल प्रबंधन,तालाबो रखरखाव के संबंध में मूल्यांकन विश्लेषण कराया। इसके बाद जतिया पारा में पैठु निर्माण करवाया गया। जिससे तालाब में हमेशा पानी रहे। जब बिलासपुर को स्मार्ट सिटी का दर्जा मिला। शहर विकास के लिए 100 से ज्यादा प्रोजेक्ट तैयार किये गये।, 4000 करोड़ रुपए से भी अधिक राशि स्मार्ट सिटी बिलासपुर के विकास के लिए केंद्र सरकार ने दिया।
आज भी काम अधूरा
बना दिया भ्रष्टाचार का अमर ने कहा भाजपा की सरकार थी..बिलासपुर को कभी भी फंड की कमी नहीं हुई। आज स्थिति किसी से छिपी नहीं है। स्मार्ट सिटी योजना अंतर्गत जातियापारा तालाब क्षेत्र के डीपीआर में 11 करोड का स्टीमेट आया। रिवाइज कर स्मार्ट सिटी मद से लगभग सात करोड़ करोड़ की योजना बनाई गई । लगभग आठ एकड़ की तालाब भूमि में चारों और पाथवे, उद्यान,तालाब के अंदर फाउंटेन, बोटिंग की व्यवस्था, रेस्टोरेंट, दुकानें फूड यार्ड ,बेसमेंट पार्किंग सर्व सुविधा युक्त कन्वेंशनल सेंटर बनाया जाना था। लेकिन आज भी काम अधूरा है केवल 50 से 60 प्रतिशत कार्य हुआ है।
शहर विधायक तीन महीने की डेडलाइन देकर अपने कार्यकाल की सबसे बड़ी सौगात देने वाले थे। लेकिन विधायक निधि से फूटी कौड़ी आज तक इस क्षेत्र को नहीं मिली है। कोई भी काम समय पर पूरा नहीं कराया। जबकि अब तक शहर के सबसे सुंदर पिकनिक स्पॉट रूप में 12 महीने में जतिया पारा तालाब के कार्य को पूरा हो जाना था। लेकिन निर्माण के पूरा होने के पहले ही बाउंड्री वॉल का एक हिस्सा ढह गया। , मिलीभगत होने से जांच तक नहीं हुई ठेकेदार भी बच गया।
फण्ड का किया जा रहा दुरुपयोग
अमर अग्रवाल ने बताया कि स्मार्ट सिटी के फंड का दुरुपयोग हो रहा है। इसे रोका जाना चाहिए। गुणवत्ता हीन घटिया काम कराया जा रहा है। आज नगर निगम स्थिति बद से बदतर है। दो दिन पहले पेश किए बजट में विकास के बड़े बड़े वादे किए गए हैं। सच्चाई तो यह है कि निगम के खजाने में एक धेला भी नहीं है। सारा विकास स्मार्ट सिटी फण्ड के भरोसे चल रहा है। जबकि सभी लोग जान रहे हैं कि फण्ड की बंटरबांट हो रही है।
शहर पर गुण्डा जमीन माफियों का बोलबाला
अमर अग्रवाल ने कहा 2018 में हमने कोई नया वादा नहीं किया। जो बड़ी परियोजनाओं के अधूरे रह गए काम थे,उसे पूरा करने की योजना थी। ताकि बिलासपुर को अंतरराष्ट्रीय लेवल स्मार्ट शहर बनाया जा सके। लेकिन कांग्रेस राज में विकास काम ठप्प पड़ गए हैं। यहा जमीने उड़ने लगी है। चाकूबाजी भूमाफ़ियाओ, गुंडो का बोलबाला हो गया है।नशा और बढ़ते अपराध का गढ़ बिलासपुर अपराधपुर बन गया है। इसलिए निजात कार्यक्रम चलाना पड़ रहा है, सत्ता संरक्षण से बढ़ते अपराधों को निजात मिलने वाली नहीं है।