बस्तर के विकास के लिए नही होगी पैसे की कमी,बकावंड तहसील मुख्यालय में महीने में 15 दिन लगेगा SDM ऑफिस

Shri Mi
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रायपुर/ विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा में शामिल होने के लिए जगदलपुर पहुंचे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज अपने प्रवास के दूसरे दिन बकावण्ड विकासखण्ड के गिरोला में पुजारी, सिरहा, गुनिया व समाज प्रमुखों से मुलाकात कर चर्चा की। मुख्यमंत्री के गिरोला आगमन पर वहां के पुजारी, सिरहा, गुनिया व समाज प्रमुखों ने उनका आत्मीय स्वागत किया।मुख्यमंत्री श्री बघेल ने माता हिंगलाजिन मंदिर परिसर में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि सड़क, स्कूल और भवन बनाना तो सभी सरकारों का काम है। लेकिन हमारी सरकार का उद्देश्य सड़क, स्कूल और भवन बनाने के साथ-साथ व्यक्ति का विकास करना है। हमने सुपोषण और मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान के साथ ही यहां के बन्द पड़े स्कूलों को दोबारा खोलने की शुरुआत की है।

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गरीब से गरीब लोगों को अनाज देने की व्यवस्था हमने की है। इसके साथ ही धान खरीदी, वनोपज खरीदी, गोबर खरीदी एवं तेंदूपत्ता खरीदी के माध्यम से लोगों की आर्थिक स्थिति लगातार सुधारी जा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य शासन राजीव गांधी भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के तहत भूमिहीनों को सालाना 6 हजार रुपये भी देने जा रही है। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में बकावंड तहसील मुख्यालय में महीने में 15 दिन एसडीएम कार्यालय संचालित करने और स्टेडियम निर्माण की घोषणा की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर में आदिवासियों की जमीन का अधिग्रहण किए बिना उद्योग स्थापित किए जाएंगे। इसके लिए किसी आदिवासी को उसकी जमीन से नहीं हटाया जाएगा। कारखाने और फैक्ट्रीज शासकीय भूमि में लगाए जाएंगे। इनमें 90 प्रतिशत रोजगार स्थानीय लोगों को दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि देश-दुनिया में अब बस्तर की नई पहचान बन रही है। सुकमा में इमली से इमली कैंडी बन रही है, दंतेवाड़ा के डेनेक्स ब्रांड के कपड़े दूसरे राज्यों तक पहुँच रहे हैं। मुख्यमंत्री ने समाज प्रमुखों से चर्चा में कहा कि बस्तर के विकास के लिए राशि की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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