इस दिवाली गोबर से बने रंग बिरंगे दिये से रोशन होगा घर – आंगन

Chief Editor
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सीपत (रियाज़ अशरफी)। दीवाली पर घरों को रोशन करने के लिये जलाये जाने वाले मिट्टी के दिये की जगह पर इस बार गोबर के दियों से घर-आंगन और सरकारी दफ्तर रोशन होंगे। ग्राम पंचायत पंचायत वेद परसदा के गौ माता महिला स्व  सहायता समूह औऱ टिकारी पंचायत की संतोषी महिला स्व सहायता समूह ने गाय के गोबर से रंग बिरंगी दिये तैयार किए हैं। इसके अलावा पूजा महिला स्व सहायता समूह टिकारी ने बच्चों के कपड़े  , प्रार्थना समूह टिकारी ने लाई – बताशा, जय मां दुर्गा समूह जैतपुर ने धूप अगरबत्ती, शिव शक्ति एवं भारतमाता समूह मस्तूरी की  महिलाओं ने बाती बनाया है और इसका स्टॉल जनपद कार्यालय परिसर में शनिवार और सोमवार को लगाया गया। जहाँ सभी समूहों ने मिलकर दस हज़ार चार सौ पचास रुपये की बिक्री की है । यहां की महिला स्व सहायता समूहों की दर्जनों महिलाएं वर्मी खाद और ऑर्गेनिक सब्जी की खेती भी करती है। इन्ही महिला समूहों ने मस्तूरी जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी कुमार सिंह के कुशल मार्गदर्शन में गाय के गोबर को अपनी आर्थिक और सामाजिक स्थिति मजबूत करने का जरिया बना लिया है। ये महिलाएं आकर्षक दीये बनाने के साथ-साथ गोबर की अगरबत्ती,बैग मसाला पैकेट मिठाईयां, मूर्ति सहित कई तरह की कलात्मक चीजें भी तैयार की हैं। आम लोग खरीद सके इसके लिए इन सभी का स्टाल लगाया गया है। मस्तूरी जनपद अध्यक्ष श्रीमती सावित्री रामनारायण राठौर और जनपद के उपाध्यक्ष नितेश सिंह ठाकुर,जनपद सदस्य प्रतिनिधि अभिलेश यादव,लक्ष्मी साहू ने दिया खरीदते हुए बताया कि शास्त्रों के मुताबिक गौमाता के गोबर में लक्ष्मी जी का वास है। इसीलिए हमारा लक्ष्य है कि हम महिला समूह को आत्मनिर्भरता की दिशा में एक कदम बढाते हुए गोबर के दिये बनाकर जागरूक किया जाए। ताकि लोग गाय के गोबर के महत्व को जान सके।

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जनपद के सीईओ कुमार सिंह का कहना है कि चीन किस तरह मार्केट को पकड़ता है….. इसका अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि चीन जिन त्योहारों को मानता ही नहीं है वह उसे मनाने के लिए सामान बनाता है। होली चीन में नहीं खेली जाती, लेकिन उसकी पिचकारी चीन से बनकर आती है। चीन दीपावली नहीं मनाता लेकिन हमारे घरों को रौशन करने वाले बिजली के उपकरण चीन से बनकर आते हैं। लेकिन अब यह तस्वीर बदल रही है। भारत ने यह ठान लिया है कि जब पर्व भारतीय हैं तो उसकी कमाई कोई और क्यों ले जाए। कुछ इसी तर्ज पर यहां की महिलाओं ने इस बार दीपावली पर जलने वाले दीपक चायनीज नहीं बल्कि गाय के गोबर से बनाकर आमजन को उपलब्ध कराने का जिम्मा संभाला है। और यह सफल भी होते दिख रहा है। इस अवसर पर मनरेगा कार्यक्रम अधिकारी विकास जायसवाल,मनरेगा की गोमती तिवारी,बिहान योजना के श्रीमति रूपलता बुनकर,नोमेश तिवारी सहित अन्य उपस्थित रहे।

बिहान दीपोत्सव मेला आयोजन का दूसरा वर्ष

राष्ट्रीय आजीविका मिशन बिहान के अंतर्गत बिहान दीपोत्सव मेला के आयोजन का यह दूसरा वर्ष है इस मेला में स्व-सहायता समूह की महिलाएं गोठानों में गोबर से बनाये गए दिए अगरबत्ती व अन्य सामाग्री के स्टॉल जनपद में शनिवार और सोमवार को लगाया गया । इन दो दिनों में समूहों ने दस हज़ार चार सौ पचास रुपये की बिक्री की है ।

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