नए साल में ऐसी होगी महाकाल मंदिर की दर्शन व्यवस्था

Shri Mi
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Ujjain News: इस साल के आखिर और नए साल (New Year) की शुरुआत में बड़ी संख्या में श्रद्धालु बाबा महाकाल (Mahakal) के दर्शन करने के लिए उज्जैन पहुंचते हैं। श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ जाने की वजह से दर्शन व्यवस्था में भी समय-समय पर बदलाव किए जाते हैं। 31 दिसंबर और 1 जनवरी को भी लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं के महाकाल मंदिर पहुंचने का अंदाजा लगाया जा रहा है। इसी को देखते हुए दर्शन व्यवस्था में बदलाव किया जा रहा है।

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जानकारी के मुताबिक लाखों श्रद्धालुओं को भगवान महाकाल के दर्शन करवाने के लिए अब महाकाल लोक (Mahakal Lok) के रास्ते से मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा। 30 दिसंबर और 1 जनवरी को यह दर्शन व्यवस्था लागू रहेगी। महाकाल मंदिर प्रबंध समिति ने श्रद्धालुओं को 40 मिनट में दर्शन कराने का प्लान तैयार किया है।

बाबा महाकाल की भस्म आरती के बाद से दर्शन का सिलसिला शुरू हो जाएगा। आम दिनों में श्रद्धालुओं को दर्शन करने में लगभग एक घंटा लगता है। इस बार 3 लेयर में लाइन लगाई जाएगी ताकि जल्दी दर्शन करवाए जा सकें। 31 दिसंबर को शनिवार है और नए साल के पहले दिन रविवार होने के चलते बड़ी संख्या में लोगों का हुजूम महाकाल मंदिर पहुंचेगा। महाकाल लोक का लोकार्पण कराए जाने के बाद वैसे भी मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या में बढ़ोतरी हुई है।

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भस्म आरती बुकिंग बदलाव

महाकाल मंदिर प्रबंध समिति की ओर से ऑनलाइन दी जाने वाली भस्म आरती की अनुमति को हर साल की तरह 31 दिसंबर और 1 जनवरी के लिए ब्लॉक कर दिया गया है। श्रद्धालुओं को ऑफलाइन अनुमति मिल सकेगी। महाकाल मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश पहले से ही बंद कर दिया गया है जो कि 5 जनवरी तक बंद ही रखा जाएगा। केवल पंडे पुजारी ही गर्भगृह में प्रवेश कर सकेंगे और दर्शनार्थियों को बाहर से दर्शन करना होंगे।

ये रहेगी दर्शन व्यवस्था

महाकाल दर्शन करने आने वाले श्रद्धालु अब हरसिद्धि की जगह महाकाल लोक से प्रवेश करेंगे। नंदी द्वार से फैसिलिटी सेंटर 2 और मानसरोवर तक 3 लेयर की बैरीकेडिंग की जा रही है। यहीं से श्रद्धालु गणेश मंडपम तक पहुंचेंगे और दर्शन करते हुए चारधाम मंदिर की रोड से बाहर निकलेंगे। 31 दिसंबर और 1 जनवरी को महाकाल लोक के नंदी द्वार से ही प्रवेश दिया जाएगा। दर्शनार्थियों के लिए जूता स्टैंड त्रिवेणी संग्रहालय के पास बनाया जाएगा।

यहां होगी पार्किंग

इंदौर, देवास और भोपाल से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए त्रिवेणी संग्रहालय और चारधाम मंदिर की पार्किंग पर वाहन खड़े करने की व्यवस्था की गई है। वहीं गुजरात से बड़नगर होकर आने वाले और राजस्थान से आगर होते हुए आने वाले श्रद्धालु कार्तिक मेला ग्राउंड और कर्कराज पार्किंग में गाड़ी पार्क कर सकते हैं।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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