कर्मचारियों का तीन दिवसीय हड़ताल..कार्यालयों में पसरा सन्नाटा..स्वास्थ्य सेवाओं पर भी दिखा असर रोहित ने बताया..सरकार को देना होगा महंगाई भत्ता

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—-कर्मचारियों के तीन दिवसीय हड़ताल के एलान के पहले दिन ही सरकारी काम काज पर असर देखने को मिला। कमोबेश संभागीय मुख्यालय बिलासपुर में सभी कार्यालयों में सन्नाटा पसरा दिखायी दिया। हर कार्यालयों की कमोबेश स्थिति खुला दरवाजा और खाली कुर्सी के अलावा पाइल के बिना टेबल ही नजर आया। कामकाजी लोगों को भारी मन से कार्यालय झांककर घर लौटना पड़ा है। 
 
              महंगाई भत्ता संघर्ष मोर्चा ने तीन पहले ही एलान किया था कि 11 अप्रैल से 14 सभी वर्ग कर्मचारी तीन दिवसीय कलमबन्द हड़ताल पर जाएंगे। लिपिक वर्ग कर्मचारी के प्रांतीय अध्यक्ष रोहित तिवारी ने बताया कि हड़ताल पर जाने से पहले जिला प्रशासन को मांग से अवगत भी कराया गया है। साथ ही सरकार से वेतनमान विसंगति को दूर किये जाने की बात को भी रखा है।
             
                रोहित तिवारी ने बताया पहले दिन हड़ताल पूरी तरह से सफल और असरदार रहा। शासकीय कार्यालय में दिन भर सन्नाटा पसरा रहा । बिलासपुर,-शासकीय कार्यालयों में कर्मचारियो के हड़ताल पर जाने से यद्यपि लोग भटकते रहे। लेकिन इसके लिए सीधे तौर पर शासन जिम्मेदार है। 
 
              लिपिकों के साथ अन्य कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से कलेक्टर कार्यालय पुरानी और नई कम्पोजीट बिल्डिंग, जिला कोषालय समेत जलसासाधन, लोक निर्माण विभाग, वन विभाग राजस्व मंडल कमीशनर कार्यलयों मे एक भी कर्मचारी देखने को मिला। कर्मचारियों के हडताल पर होने के कारण कार्यालयों में तालाबन्दी की स्थिति नजर आयी।
 
           तहसील कार्यलय में राजस्व प्रकरण की सुनवाई स्थगित रही। हड़ताल का असर स्वास्थ्य सेवा पर भी नजर आया। सिम्स जिला अस्पताल, सीएमएचओ ऑफिस समेत सभी स्वास्थ्य कार्यालयों की आकस्मिक को छोड़कर कमोबेश सभी सेवाएं ठप नजर आयी।
 
            महंगाई भत्ता संघर्ष मोर्चा के प्रदेश संयोजक रोहित तिवारी ने बताया कि महगाई भत्ता संघर्ष मोर्चा के प्रांतीय आह्वान पर सभी कर्मचारी तीन दिनों पर हड़ताल पर है। हड़ताल के पहले दिन ही सरकार को कर्मचारियों की नाराजगी का जानकारी मिल चुकी है।  प्रदेश भर के कर्मचारी 17 प्रतिशत महगाई भत्ता, ग्रह भाड़ा भत्ता की मांग को लेकर हड़ताल पर हैं।  रोहित तिवारी नें बताया की प्रदेश में 80 प्रतिशत कर्मचारी आंदोलन में शामिल हैं। भा
 
             भारत देश में सबसे कम महगाई भत्ता छत्तीसगढ़ के कर्मचारियो को दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री नें 17फरवरी 2019 को लिपिक वेतनमान सुधार की घोषणा पर लिपिक संवर्ग नें पृथक से ज्ञापन भी सौंपा था। तिवारी नें बताया की 11अप्रैल से 13अप्रैल तक तीन दिवस का निश्चित कालीन आंदोलन है। यदि मांग को गंभीरता से नहीं लिया गया तो आंदोलन का विस्तार किया जाएगा।
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