कोरिया—गुरू घासीदास टाइगर रिजर्व में स्थित सलगवां खुर्द में बाघ की मौत के बाद जिला समेत प्रदेश वन अमला में खलबली मच गयी है। जानकारी के बाद वन अमला मौके पर पहुंच मृत बाघ को बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए रामगढ़ भेज दिया है। बताया जा रहा है कि दो संदेहियों को गिरफ्तार किया है। फिलहाल वन विभाग कुछ भी बताने से इंकार कर रहा है।
कोरिया जिला स्थित गुरूघासीदास टाईगर रिजर्व से जुड़े सलगवां खुर्द गांव में बाघ की मौत की जानकारी के बाद प्रदेश वन अमला में हलचल मच गयी है। फिलहाल मामले में वन अधिकारी मुंह खोलने से बच रहे है।
बताते चलें कि टाईगर रिजर्व में बाघ की मौत का पहला और अंतिम मामला नहीं है। इसके पहले भी जब तक शिकारियों ने जानवरों को निशाना बनाया है। जब तब मामले में जांच भी हुई। लेकिन खानापूर्ति कर मामले को हमेशा की तरह दबा दिया गया है।
वन विभाग की लापरवाही का ही नतीजा है कि शिकारियों के हौसले बुलन्द है। और एक बाघ को जान से हाथ धोना पड़ा है। स्थानीय लोगों से जानकारी मिलने के बाद वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने आस पास का मुआयना भी किया।
स्थानीय लोगों के अनुसार इलाके में बाघ समेत जंगली जानवरों का आना जाना सामान्य बात है।
शेर ने किया भैंस का शिकार
जानकारी के अनुसार टाइगर रिजर्व क्षेत्र में सलगवां खुर्द से भैंस जंगल क्षेत्र में गयी। एक दिन पहले बाघ ने भैंस का शिकार किया। भैंस को मारने के बाद मांस खाकर बाघ चला गया। लगातार जानवरों के आक्रमण के बाद शायद ग्रामीणों ने बदला लेने को ठाना। चूंकि भैंस का शिकार करने के बाद बाघ चला गया था। ग्रामीणों को अच्छी तरह से पता था कि बाघ मृत भैंस को खाने दुबारा जरूर आएगा।
शायद मृत भैंस पर जहर छिड़का गया। बाघ जब लौटा और जहरीला मांस खाया तो उसकी मौत हो गयी। मृत बाघ को देखने के बाद स्थानीय लोगों ने वन प्रशासन को बताया। जानकारी मिलते ही सुबह करीब 11-12 बजे के बीच वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे।
दो संदेही गिरफ्तार
वन विभाग के अनुसार दो संदेहियों को पकड़ा गया है। संदेहियों से लगातार पूछताछ की जा रही है। कयास लगाया जा रहा है कि दोनों ने ही बाघ को मारने के लिए मृत भैंस के शरीर पर जहर छिड़का था।
बाघ का शव लेकर रवाना..होगा पोस्टमार्टम
नाम नहीं छापने की शर्त पर वन विभाग के एक कर्मचारी ने बताया कि मृत बाघ का रामगढ में पोस्टमार्ट किया जाएगा। मौके पर सभी तैयारियां हो चुकी है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही मौत के कारणों की जानकारी मिलेगी।
अधिकारियों का मोबाइल बन्द
घटना को लेकर जहां पीसीसीएफ वाइल्ड लाफ पी वी नरसिम्हन ने जानकारी होने से इंकार किया है। वहीं कोरिया वन अमला के ज्यादातर अधिकारियों का फोन बन्द है।
क्या मौत का रहस्य सामने आएगा–
बताते चलें कि शिकार और वन विभाग अधिकारियों के बीच चोली दामन का संबध है। अब तक जितने में वन जीवों की मौत हुई है। वन अधिकारी जांच तो जोर शोर से करते हैं। लेकिन बहुत कम उदाहरण सामने आया है कि किसी को सजा मिली हो। सवाल है कि क्या बाघ की मौत से पर्दा हटने के बाद..शिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होगी। यह तो समय ही बताएगा।