पटवारी से तंग आकर किसान ने की आत्महत्या.. सुसाइड नोट में लिखा..5 हजार रिश्वत दिया फिर भी नहीं काटा पर्ची..6 महीने तक घुमाया..बेटे को कहा..परिवार का रखना ध्यान

BHASKAR MISHRA
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तखतपुर (टेकचंद कारड़ा)—जिसका डर था वही हुआ..पटवारी की लम्बी जीभ और बार की प्रताड़ना से तंग आकर धरती पुत्र किसान ने फांसी लगाकर खुद खो खत्म कर लिया है। घटना तखतपुर थाना क्षेत्र के राजा कापा का है। किसान ने फांसी लगाने से पहले एक सुसाइड पत्र भी लिखा है। अपनी आत्महत्या के लिए सीधे तौर पर हल्का पटवारी को जिम्मेदार बताया है।
 
              पटवारियों की लालफीताशाही से तंग आकर तखतपुर के एक किसान ने एक सुसाइड नोट लिखने के बाद फांसी लगा लिया है। मामला तखतपुर थाना क्षेत्र के राजाकापा का है। पटवारी की प्रताड़ना और तारीख से तंग आकर किसान ने आत्महत्या कर लिया है।
 
           जानकारी के अनुसार पटवारी ने किसान से पैसा लेने के बावजूद पर्ची बनाकर नहीं दिया। समय पर जमीन की रजिस्ट्री नहीं होने पर कृषक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया है।  कृषक ने सुसाइड नोट में अपने मरने का कारण पटवारी को बताया है। पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार तखतपुर थाना अंतर्गत ग्राम राजा कापा निवासी छोटू राम कैवर्त पिता स्वर्गीय पंचराम कैवर्त जमीन बिक्री को लेकर पर्ची बनाने के लिए पटवारी का पिछले 6 माह से चक्कर काट रहा था । पर्ची के लिए किसान पटवारी को 5000 रूपए भी दिए थे। 
 
            सूत्र ने बताया कि मार्च क्लोजिंग के समय छोटू को रजिस्ट्री करवाना था । लेकिन समय पर रजिस्ट्री नहीं करा पाया। पटवारी से तंग आकर छोटू शुक्वार की सुबह 5 बजे घर से निकला। अपनी ही बाड़ी में फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया। थोड़ी देर बाद यानि पांच बजे के बाद जब छोटू की पत्नीचाय लेकर आयी तो उसने देखा कि उसका पति गमछे से फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया है ।
 
            पत्नी ने देखा कि पति ने सामान रखने वाले केरेट में एक सुसाइड नोट छोड़ा है। छोटू ने सुसाइड नोट में बताया है कि वह पटवारी से तंग आ गया है। 5000 रूपए देने के बावजूद काम नहीं किया। और महीनों तक बेवजह घूमता रहा। इसलिए तंग आकर आत्महत्या कर रहा है। मामले में छोटू के साथी ने बताया कि जब छोटू ने पटवारी को रूपए दिए उस समय उसके साथ ही था।
 
 बहन और मां का ख्याल रखना*
 
              मृतक ने सुसाइड नोट में लिखा है कि वह पटवारी से तंग आ गया था। पैसे लेने के बावजूद काम नहीं कर रहा था । बार-बार चक्कर लगाने से तंग आ गया था। इस बात से दुखी होकर वह फांसी लगा रहा है। ईहलीला समाप्त करते वक्त छोटूराम को अपने परिवार की भी चिंता सता रही थी।  उसने अपने बेटे से कहा है कि मरने के बाद वह अपनी मां और बहन का ख्याल रखेगा।
 
अंत में लिखा जय श्री राम
 
 किसान ने फांसी लगाने से पहले पटवारी से प्रताड़ित होना और पैसे लेकर काम नही किए जाने को लेकर दुख जाहिर किया। पत्र के अंत में छोटू ने लिखा है कि वह पटवारी से काफी तंग आ गया था। इसलिए उसके सामने दूसरा कोई रास्ता नहीं है। पत्र के अंत में छोटू ने जय श्री राम लिख कर अपना जीवन राम को समर्पित कर दिया।

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