टीएनसी ने निरस्त किया ले आउट….सरकारी जमीन से रास्ता देने का मामला…कलेक्टर आदेश पर हुई कार्रवाई
बिल्डरों को लाभ पहुंचाने का अधिकारियों पर आरोप
बिलासपुर—-तीन बिल्डरों को रास्ता दिये जाने के मामले में संभागायुक्त ने प्रकरण को लेकर अभी तक सुनवाई पूरी नहीं हुई है। इस बीच कलेक्टर के आदेश पर टीएन्डसी तीनों बिल्डरों का ले आउट निरस्त कर दिया है। मामला बिल्डर को कालोनी के लिए सरकारी जमीन से रास्ता दिये जाने को लेकर है। कलेक्टर जांच के अनुसार अधिकारियों ने प्रक्रिया का पालन नहीं किया। जिसके चलते शासन को राजस्व हानि हुई है।
जानकारी देते चलें कि तत्कालीन अतिरिक्त तहसीलदार पर राज कन्स्ट्रक्शन के भागीदार अर्जुन सिंह कछवाहा को ग्राम बिरकोना, स्थित निजी भूमिस्वामी के हक में शासकीय भूमि से 30 फिट चौड़ी जमीन रास्ते के लिए एलाट करने का आरोप लगा। भूमि पर तत्कालीन संयुक्त संचालक नगर तथा ग्राम निवेश कार्यालय ने बिल्डर को अनुज्ञा जारी किया। मामले में जांच के बाद कलेक्टर ने पाया कि शासकीय भूमि के सामने निजी भूमि है। पहुंच मार्ग के लिए शासकीय भूमि का आबंटन नियमानुसार मार्ग निर्माण के लिए किया जा सकता है। लेकिन शासकीय जमीन आबंटन की प्रक्रिया गलत है। आवंटन के समय प्रचलित गाईड लाईन का पालन नहीं किया गया है।
कलेक्टर ने जांच पड़ताल के दौरान पाया कि किसी भी आवासीय स्थल तक पहुंच मार्ग उपलब्ध होने से भू-खण्ड का मूल्य बढता है। इसी तरह पूर्व में एक तहसीलदार ने भी गायत्री कन्स्ट्रक्शन के राघवेंद्र गुप्ता को 1.1170 हेक्टेयर जमीन दिया है। बिल्डर ने जमीन पर 160 फिट लंबा और 32 फिट चौड़ा सड़क बना लिया। बिल्डर ने अपनी जमीन की वजाय सरकारी जमीन पर सड़क बनाया। और निजी जमीन से प्रस्तावित सड़क के भाग को प्लाटिंग कर बेच दिया। इसी तरह तहसीलदार ने श्रीराम सरिता बिल्डर्स एंड कालोनाइजर आशीष गुप्ता को भी सरकारी जमीन देकर लाभ पहुंचाया है। आशीष गुप्ता को कालोनी के लिए 40 फिट चौड़ी जमीन दी है।
पूरे मामले में कलेक्टर ने रिपोर्ट के आधार पर अलग अलग समय में बिलासपुर तहसील में पदस्थ तात्कालिक नायब तहसीलदार और अतिरिक्त तहसीलदार को दोषी पाते हुए निलंबन की अनुशंषा कर कमिश्नर को प्रतिवेदन भेजा है। बहरहाल अभी सुनवाई चल रही है। लेकिन कलेक्टर के निर्देश पर टीएन्डसी ने तीनों बिल्डरों का लेआउट निरस्त कर दिया है।