पर्यटन बोर्ड अध्यक्ष ने कहा..फ्रांस,मोरक्का की तर्ज पर स्थानीयता को दिया जा रहा बढ़ावा.अटल ने कहा..हमारी संस्कृति ही..राज्य की बड़ी पहचान

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—-छत्तीसगढ़ में एग्रो टूरिज्म की अपरा संभावनाएं है। इसी दिशा में काम करते हुए राज्य को राष्ट्रीय मानचित्र पर बेहतर तरीके से स्थापित किया जा सकात है। जिससे राज्य की लोक कला और संस्कृति को मजबूती मिलेगी। यह बातें पर्यटन मण्डल बोर्ड के अध्यक्ष अटल श्रीवास्तव ने आदिवासी नृत्य महोत्सव के अवसर पर परिचर्चा के दौरान कही।
 
              छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल अध्यक्ष अटल श्रीवास्तव ने कहा कि प्रदेश में एग्रो टूरिज्म की अपार संभावनाएं है। राज्य के आदिवासियों ने प्रकृति और संस्कृति को बचाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका को अंजाम दिया है। जिससे राज्य की लोक कला एवं संस्कृति को बढ़ावा मिल रहा है। अटल ने राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के अवसर पर आयोजित परिचर्चा के दौरान कहा कि राज्य सरकार अपनी जिम्मेदारियों को बहुत ही गंभीरता के साथ अंजाम दे रही है। धीरे धीरे परिणाम भी सामने आ रहा है। वह दिन दूर नहीं जब छत्तीसगढ़ टूरिज्म और  लोकनृत्य परम्परा की चर्चा देश दुनिया में गंभीरता के साथ किया जाएगा।
 
               रायपुर में  राज्य में पर्यटन और खान-पान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से परिचर्चा का आयोजन किया गया। परिचर्चा में पर्यटन मंडल अध्यक्ष श्रीवास्तव ने भी शिरकत किया। उन्होने इस दौरान कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेश में 7 हजार गौठान बनाकर ग्रामीण व्यवस्था को मजबूत करने की योजना बनाई है। जमीन से जुड़ी योजना में महिला स्व-सहायता समूह आजीविका से जुड़े व्यवसाय को आगे बढ़ावा मिला है। हस्तकला के विभिन्न उत्पाद को प्रोत्साहित कर एग्रो टूरिज्म को बढ़ावा दिया जा रहा है।
 
                अटल ने कहा कि प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल की दूरदर्शी सोच के अनुरूप गौठान के माध्यम से विभिन्न व्यावसायिक गतिविधियों का संचालन किया जाएगा। परिचर्चा में अन्य वक्ताओं ने भी अपने विचार को जाहिर किया।अटल ने बताया कि फ्रांस और मोरक्कों में स्थानीय संस्कृति और  खानपान बढ़ावा दिया गया। उसका परिणाम आज सबके सामने है। इसी प्रकार छत्तीसगढ़ में भी स्थानी संस्कृति और खानपान को बढ़ावा देकर पर्यटकों को आकर्षित किया जा सकता है। इसके लिए रेस्टोरेंट संचालकों को सरकार के साथ मिलकर काम करने की आवश्यकता है।
 
            अटल ने बताया कि गढ़ कलेवा और छत्तीसगढ़ी व्यंजन के साथ ही डिजिटल बिजनेस, पर्यटकों की सुविधा के लिए अधोसंरचना का विकास और पर्यटन स्थलों तक पहृुंच मार्ग को सुलभ बनाएं जाने की आवश्यकता है। परिचर्चा में कम खर्च में बेस्ट ट्राइबल रिर्साेट बनाने की  आवश्यकता और ग्लोबल विलेज कनेक्टिविटी पर भी जोर दिया गया।
 
                 परिचर्चा में शामिल प्रमुख वक्ता अमरनाथ ने कहा कि राज्य में ट्राइबल रिसोर्ट बनाने की आवश्यकता है। जमाल ने पर्यटन स्थलों में डिजिटल बिजनेस को बढाने की आवश्यकता की बात कही।  संस्कृति विभाग सचिव अन्बलगन पी ने कहा कि सरकार टूरिस्ट इंडस्ट्री संचालन में सुविधाएं उपलब्ध करा सकती है। प्रदेश में रूरल टूरिज्म कैसे विकसित हो राज्य सरकार की तरफ से इस बात को लेकर लगातार प्रयास किया जा रहा है। इस अवसर पर जनसंपर्क विभाग के आयुक्त दीपांशु काबरा, एडिशनल डायरेक्टर उमेश मिश्रा समेत विभिन्न राज्यों से आए प्रतिनिधि, अधिकारी-कर्मचारी और बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे।
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