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Chhattisgarh

Transfer Policy: स्‍थानांतरण में नहीं रखा गया वरिष्‍ठता का ध्‍यान, हाईकोर्ट ने लगाई रोक

Transfer policy: बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में राज्य शासन के उस आदेश को निरस्त कर दिया है जिसमें जांजगीर जिला अस्पताल की सीएमएचओ का तबादला कर दिया था।

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Transfer policy।याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट के सामने राज्य शासन द्वारा बनाई गई स्थानांतरण नीति का हवाला देते हुए कहा है कि शासन ने अपने ही नियमों व निर्देशों की धज्जियां उड़ा दी है। सीनियर अफसर की जगह जूनियर अफसर की पदस्थापना कर दी गई है। राज्य शासन ने स्थानांतरण करते कैडर का भी ख्याल नहीं रखा है।

Transfer policy।स्वास्थ्य विभाग ने एक आदेश जारी कर जांजगीर– चांपा जिला अस्पताल की मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. स्वाति वंदना सिसोदिया का स्थानांतरण कर उनकी जगह जूनियर डाक्टर को पदस्थ कर दिया है।

राज्य शासन के फैसले के खिलाफ डा स्वाति ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में डा स्वाति ने अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि वह क्लास वन अफसर है।

Transfer policy।उनकी जगह क्लास क्लास टू अफसर को सीएमएचओ के पद पर पदस्थ कर दिया है। शासन ने जो नीति बनाई है उसका अफसर उल्लंघन कर रहे हैं। याचिकाकर्ता ने बताया कि सीएमएचओ के पद से हटाते हुए उसे जिला अस्पताल में स्त्री रोग विशेषज्ञ पर पदस्थ कर दिया है। जिस अस्पताल में वह कार्यरत है उनके जूनियर डा को उनके ऊपर बैठा दिया गया है।

याचिकाकर्ता केअधिवक्ता हिमांशु पांडेय ने कोर्ट के समक्ष पैरवी करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता क्लास वन अफसर हैं। उनका स्थानांतरण उसी अस्पताल में कर उनके जूनियर को सीएमएचओ के पद पर पदस्थापना दी गई है।

हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर करते हुए कहा था कि वह खुद क्लास वन अफसर हैं और उनका स्थानांतरण उन्हीं के मातहत जिला अस्पताल कर दिया गया।

याचिकाकर्ता ने संवैधानिक पहलुओं का हवाला देते हुए कहा कि सीनियर अफसर के रहते जूनियर क्लास टू अफसर को उच्च पद पर पदस्थापना देना संविधान के अनुच्छेद 14 और 16 का सीधेतौर पर उल्लंघन है। मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने राज्य शासन के स्थानांतरण आदेश पर रोक लगा दी है।

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