सेन्ट फ्रांसिस का तुगलकी फरमान..सांसत में पड़ी अभिभावकों की जान..परीक्षा को पांच दिन बाकी ..संक्रमण के बीच..बच्चों के साथ प्रयोग ठीक नहीं

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—जान जाए लेकिन दमड़ी न जाए। इस मुहावरे को कमोबेश सभी लोग जब तब उपयोग करते हैं। यह मुहावरा सेन्ट फ्रांसिस स्कूल पर सौ प्रतिशत लागू है। नर्सरी से पांचवी तक के बच्चों की परीक्षा 20-21 फरवरी से होने वाली है। इस बीच सिर्फ पांच दिनों के लिए प्रबंधन ने सभी बच्चों को आफलाइन क्लास लेने का फरमान जारी किया है। सेन्ट फ्रांसिस के तुलगकी फरमान से अभिभावकों में गहरा आक्रोश भर गया है। लोगो ने बताया कि सिर्फ अल्पसंख्यक स्कूल के नाम पर दादागिरी को हरगिज बर्दास्त नहीं करेंगे। अभिभावकों ने कलेक्टर प्रशासन से प्रबंधन के आदेश पर रोक लगाए जाने की मांग की है।
      
               सेन्ट फ्रासिंस स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों ने प्रबंधन के तुगलकी फरमान को लेकर आक्रोश जाहिर किया है।अभिभावकों ने बताया कि सिर्फ चार दिन की क्लास को लेकर हम जोखिम उठाने को तैयार नहीं है। जबकि 21 फरवरी से नर्सरी से लेकर कक्षा पांचवी के बच्चों की परीक्षा भी होने वाली है। इन चार दिनों में कोई बच्चा संक्रमित हो जाता है तो इसके लिए जिम्मेदार कौन होगा। जाहिर सी बात है कि एक कोरोना संक्रमित बच्चा कई लोगो को संक्रमित कर सकता है। इससे  ना केवल बच्चे का साल बरबामद होगा। बल्कि पूरे परिवार को लेने के देने पड़ जाएंगे। जबकि हम सभी लोग जानते हैं कि बोर्ड कक्षाओं के अलावा सभी को जनरल प्रमोशन मिलना है। ऐसी सूरत में सेन्ट फ्रांसिस स्कूल प्रबंधन का बच्चों की क्लास लेने का फरमान सिर्फ फीस वसूलना ही है। जबकि हम फीस देने के अलावा अलग से भुगतान भी कर रहे हैं। 
 
                  जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग को लिखित शिकायत कर अभिभावकों ने बताया कि मासूम नन्हे बच्चे अमेरी रोड स्थित सेन्ट फ्रांसिस विद्यालय में पढ़ते हैं। सभी बच्चों की औसत उम्र बमुश्किल सात आठ साल है। शासन को अच्छी तरह से पता है कि इन बच्चों को कोरोना रोधी वेक्सीन भी नहीं लगा है। इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि कुछ बच्चों के माता पिता और रिश्तेदार इस समय कोरोना संक्रमित भी हैं। ऐसी दशा में बच्चों को स्कूल बुलाकर
पढ़ाना या परीक्षा लेना कोरोना बीमारी को न्यौता देने जैसा है। जबकि कोरोना से बचना और बचाना हमारी  सामाजिक जिम्मेदारी है। बावजूद इसके प्रबंधन की गैर जिम्मेदारना फरमान समझ से परे है।
 
           अभिभावकों ने बताया कि देश में कोरोना संक्रमित होने वालों में आज का आंकड़ा करीब 75000 से अधिक है। आज ही छत्तीसगढ़ में करीब एक हजार से अधिक कोरोना संक्रमित पाये गये हैं। बिलासपुर में ही कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा रोज 100 से अधिक है। बावजूद इसके नन्हें बच्चों की सिर्फ चार दिनों के लिए क्लास लगाना उचित नहीं होगा। 
 
                      अभिभावकों ने कहा कि सेन्ट फ्रांसिस के आदेश पर तत्काल रोक लगाना जरूरी है। हाथी निकल गयी अब पूंछ रह गयी है। सिर्फ चार दिन के लिए क्लास भेजकर बच्चों की जान जोखिम में डालने को तैयार नहीं है। अब तक बच्चों की आनलाइन क्लास लग रही है। चार दिनों के लिए स्कूल बुलाना और क्लास लगाना उचित नहीं है।
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