समझिए बिलासपुर में अभी कितनी है संक्रमण दर..? नाईट कर्फ्यू और स्कूल बंद करने का फैसला कब..?

Chief Editor
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बिलासपुर । कोरोना के मामले लगात़ार बढ़ने के साथ ही पाबंदियों की भी शुरूआत हो गई है। छत्तीसगढ़ सरकार की हिदायत के मुताब़िक जिने ज़िलों में 4 प्रतिशत से अधिक संक्रमण की दर हैं, वहां पर स्कूलों को बंद करने के साथ ही और भी पाबंदियां लगाई ज़ाएंगी । इस मामले में बिलासपुर जिले की स्थिति पर नज़र डालें तो यहां 3 जनवरी की स्थिति में संक्रमण दर 3.8 फ़ीसदी है. जो कि 4 फ़ीसदी के नज़दीक ही है। इस लिहाज़ से बिलासपुर में भी नाइट कर्फ़्यू के साथ ही दूसरी पाबंदियां भी लगाई जा सकती है।

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जैसा कि मालूम है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश मेें कोविड-19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए सभी कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए कोविड-19 गाइडलाईन के तहत सख्ती से हर संभव उपाय सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि हमारा मुख्य उद्देश्य कोविड-19 संक्रमण और इससे संबंधित रिस्क को सीमित करना है, न कि आर्थिक गतिविधियों को धीमा करना।
इस संबंध में जारी निर्देश में कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों से कहा गया है कि प्रदेश के ऐसे जिले जहां पॉजिटिव रेट 4 प्रतिशत या इससे अधिक है, वहां रात्रि 10 बजे से सुबह 6 बजे तक रात्रिकालीन क्लैम्प डाउन लगाया जाए और नॉन कमर्शियल गतिविधियों पर सख्ती से रोक लगाई जाए। इसके लिए जहां जरूरी हो वहां धारा 144 तथा महामारी अधिनियम के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाए, जिन जिलों में पॉजिटिव रेट 4 प्रतिशत से ज्यादा है, वहां सभी स्कूलों और आंगनबाड़ी केन्द्रों, पुस्तकालयों, स्वीमिंग पूल और ऐसे सार्वजनिक स्थानों को बंद रखा जाए। ऐसे जिले जहां बीते 7 दिनों में कोरोना पॉजिटिविटी रेट 4ः से कम है,  वहां कलेक्टर अन्य जिलो के प्रावधान लागू कर सकेंगे।
सभी जिलों में जुलूसों, रैलियों, पब्लिक गैदरिंग, सामाजिक, सांस्कृतिक, धार्मिक और खेल आयोजनों पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिए गए हैं। जहां जरूरी हो वहां धारा 144 तथा महामारी अधिनियम के प्रावधानों के तहत कार्रवाई करने को कहा गया है।
       सभी कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों से कहा गया है कि कोविड-19 संक्रमण के नियंत्रण के लिए निजी डॉक्टरों, निजी अस्पतालों, एनजीओ, मीडिया प्रतिनिधियों के साथ बैठकें आयोजित की जाएं। कोरोना संक्रमण नियंत्रण के उपायों का स्थानीय प्रचार माध्यमों में प्रचार-प्रसार सुनिश्चित किया जाए और नकारात्मक तथा असत्य खबरों पर सख्ती से रोक लगाई जाए। कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक, चौम्बर ऑफ कामर्स के प्रतिनिधियों, मॉल के मालिकों, थोक विक्रेताओं, जिम, सिनेमा और थिएटर के मालिकों, होटल-रेस्टोरेंट, स्वीमिंग पूल, ऑडिटोरियम, मेरिज पैलेस, इवेंट मैनेजमेंट समूहों के साथ बैठक करके यह सुनिश्चित करें कि इन स्थानों में क्षमता के केवल एक तिहाई लोगों को प्रवेश दिया जाए। ऐसे जिलों में जहां पॉजिटिव रेट 4 प्रतिशत से अधिक है, वहां इनकी गतिविधियों पर रोक लगाई जाए।

इस हिसाब से बिलासपुर ज़िले की अब तक की स्थिति पर नज़र डालें तो तीन ज़नवरी तक यहां पर 364 एक्टिव मरीज़ दर्ज़ हैं। यहां पर संक्रमण दर 3.8 फ़ीसदी है , जो 4 फ़ीसदी के नज़दीक है। बिलासपुर ज़िले में संक्रमण बढ़ने की शुरूआत पिछले दिसंबर के आख़िरी हफ़्ते में हुई थी । 26 दिसंबर को जहां मात्र 3 मामले आए थे । वहीं 27 को 8 मामले, 28 को 9 मामले, 29 को 17 मामले, 30 को 31 मामले, 31 दिसंबर को 43 मामले, 1 जनवरी को 58 मामले, 2 जनवरी को 52 और 3 ज़नवरी को करीब दोगुना बढोत्तरी के साथ 113 मामले सामने आए। यह ग्राफ़ बताता है कि बिलासपुर ज़िले में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। लिहाज़ा यहां भी पाबंदियां लगाी जा सकती हैं। जिला प्रशसान के सूत्रों के मुताबिक बिलासपुर में रात 10 बजे से सुबह 6 बज़े के बीच नाइट कर्फ़्यू लगाने का आदेश हो सकता है। 4 जनवरी की रिपोर्ट सामने आने के बाद मामले बढ़ने पर स्कूलों और दूसरे सार्वज़निक स्थानों पर पाबंदियों को लेकर भी आदेश ज़ारी हो सकते हैं।

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