रायपुर।छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संध ने प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बधेल द्वारा प्रदेश में स्थानांतरण पर प्रतिबंध संबंधी विचार का समर्थन करते हुए स्थानांतरण पर प्रतिबंध हटने से व्यापक स्तर पर स्थानांतरण से कर्मचारी परेशान होते है। अनेक प्रकरणों में राग, द्वेष, बदले की भावना से स्थानांतरित कर्मचारी उच्च न्यायालय में सैकड़ों की संख्या में याचिकाएं प्रस्तुत करते है, जिससे न्याय पालिका को भी कष्ट होता है। किंतु समन्वय में मुख्यमंत्री तक स्थानांतरण प्रकरण केवल अधिकारियों के ज्यादा जा पाते है। वर्तमान् में उच्च अधिकारियों के स्थानांतरण प्रतिदिन हो रहे है, तृतीय चतुर्थ वर्ग कर्मचारियों को अनेक समस्याएं है। संध के प्रांतीय अध्यक्ष विजय कुमार झा, जिला शाखा अध्यक्ष इदरीश खाॅन ने बताया है कि कोरोना काल में विगत् दो वर्षो से तृतीय एवं चतुर्थ वर्ग कर्मचारियों के लिए स्थानांतरण पर प्रतिबंध है। अत्यंत आवश्यक व मुख्यमंत्री के समन्वय तक पहुंचने वाले इक्का दुक्का प्रकरणों में स्थानांतरण हो पाया है।
किंतु कोरोना काल में दिवंगत पति की पत्नी अथवा दिवंगत पत्नी के पति, बुजुर्ग दिवंगत माता पिता या गंभीर बीमारी यथा केंसर, किडनी, पक्षाधात् ब्रेन हेम्रेज जैसे प्रकरणों के परिजन प्रतिबंध होने के कारण परेशान है। शासन के स्थानांतरण नीति में पति-पत्नी को एक स्थान पर, बुजुर्ग माता पिता की वृद्वावस्था में सेवा करने उनके पास स्थानांतरित होने जैसे प्रकरणों में अल्प वेतन भांेगी नीचले स्तर के मैदानी तृतीय व चतुर्थ वर्ग कर्मचारियों को समन्वय से अपेक्षित लाभ नहीं पा रहा है। अनेक स्वास्थ, पुलिस व राजस्व के कर्मचारी कोरोना काल में पति पत्नी पृथक पृथक स्थानों में तथा बच्चे व वृद्व माता पिता दूसरे स्थान में रहने के लिए विगत् 2 वर्ष से मजबूर है। जहां तक स्थानांतरण में आर्थिक व्यय बजट भार का प्रश्न है तो सरकार स्थानांतरण के इच्छुक कर्मचारियों से कोरोना संक्रमण संबंधी व निधन संबंधी प्रमाण पत्र प्राप्त कर उन्हें प्राथमिकता के आधार पर स्वेच्छा से स्थानांतरण करने की व्यवस्था करें।
ऐसे कर्मचारियों से लिखित में वचन पत्र ले लिया जावे कि वे स्थानांतरण उपरांत स्थानांतरण यात्रा भत्ता, लोडिंग अनलोडिंग आदि के देयक प्रस्तुत कर राशि की मांग नहीं करेगें। संध ने कुल मिलाकर कोरोना पिड़ित तृतीय चतुर्थ वर्ग कर्मचारियों का स्वेच्छा से स्थानांतरण की व्यवस्था किए जाने की मांग की है, चाहे समन्वय के माध्यम से हो या अन्य व्यवस्था जो शासन व कर्मचारी के हित में है, सरकार कर सकती है। प्रतिबंध हटने से ‘‘तबादला उद्योग‘‘ का खतरा बना रहता है। संध के प्रांतीय कार्यकारी अध्यक्ष अजय तिवारी, महामत्री उमेश मुदलियार, संभागीय अध्यक्ष संजय शर्मा, प्रांतीय सचिव रामचद्र ताण्डी, सुरेन्द्र त्रिपाठी, विमलचंद्र कुण्डू विश्वनाथ ध्रुव, संजय झड़बड़े, मनोहर लोचनम्, आलोक जाधव, राजू मुदलियार, रविराज पिल्ले, सुंदर यादव, प्रदीप उपाध्याय, प्रकाश ठाकुर, सुनील शर्मा, कुंदन साहू, डाॅ0 अरूंधति परिहार, ए.जे.नायक, राजकुमार देशलहरे, संतोष धनगर आदि नेताओं ने तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के स्वेच्छिक स्थानांतरण, आपसी स्थानांतरण, की व्यवस्था करने की मांग मुख्यमंत्री से की है।