जिला पंचायत की असामान्य, हंगामेदार सामान्य सभा..शामिल हुए विधायक..प्रतिनिधियों ने लगाया घोटाला का आरोप..रेत परिवहन पर लगाया गया प्रस्ताव
प्रतिनिधियों ने लगाया मनरेगा,स्वास्थ्य विभाग पर घोटाला का आरोप
बिलासपुर– शुक्रवार को जिला पंचायत की सामान्य सभा की बैठक हंगामेदार के साथ कुछ खास रही। बैठक में तखतपुर,बेलतरा और कोटा विधायक शामिल हुए। इसके अलावा बिलासपुर, बिल्हा और मस्तूरी समेत मरवाही विधायकों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। करीब आधे घंटा बैठक में शामिल होने के बाद विधायक धरमजीत सिंह और सुशाांत शुक्ला ने रवाना हुए। इसके कुछ देर बाद कोटा विधायक भी बैठक से बाहर निकले। इस दौरान तीनों विधायकों का जिला पंचायत अध्यक्ष अरूण चौहान ने शाल श्रीफल और मोमेन्टों से स्वागत किया। विधायकों की उपस्थिति में जिला पंचायत प्रतिनिधियों ने स्वास्थ्य, शिक्षा और मनरेगा समेत अन्य महत्वपूर्ण योजनाओं में करोड़ों का घोटाला करने का आरोप लगाया।
शुक्रवार को जिला पंचायत अध्यक्ष अरूण चौहान की अध्यक्षता में सामान्य सभा की हंगामेदार बैठक हुई। बैठक में विधायकों समेत विधायक प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। बैठक की शुरूआत से ही जनप्रतिनिधि हाथ धोकर अधिकारियों पर टूट पड़े। सभापति जितेन्द्र पाण्डेय और राजस्व भार्गव ने जिला पंचायत अधिकारी पर मनरेगा में घोटाला करने का आरोप गया। जितेन्द्र और राजेश्वर ने आरोप लगाया कि काम स्वीकृत के बाद भी आज तक काम नहीं हुआ। हमें जानकारी मिली है कि राशि की बंदरबांट भी हो चुकी है। राजेश्वर ने बिलासपुर जिले में काम में पिछड़ने के अलावा गुणवत्ता पर सवाल उठाया।
दोनों नेताओं ने दुहराया कि कागज बताता है काम हुआ है जबकि मौके पर काम नजर ही नहीं आता है। लेकिन बिल धड़ाधड़ पास हो रहृे है। सदस्यों ने आरोप लगाया की मनरेगा में करोड़ों का घोटाला हुआ है। इसकी जांच होनी चाहिए। बैठक में स्वास्थ विभाग के अधिकारियों की जमकर खिंचाई हुई। जितेंद्र पाण्डेय ने जीवनदीप समिति में जनप्रतिनिधियों को नहीं बुलाने का आरोप लगाया। उन्होने कहा कि बैठक में अवांछित तत्वों को बुलाया जाता है। जो जनप्रतिनिधि भी नहीं है। भला ऐसे में लोगों की समस्या कौन रखेगा।सीएमओ से जितेन्द्र ने पूछा कि क्या कहीं नियम में है कि जनप्रतिनिधियों को नहीं बुलाया जाए।
उन्होंने झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्रवाई का आंकड़ा पूछा। साथ ही नाराजगी जाहिर किया कि 83 कार्रवाई में किसी के खिलाफ एफआईआर दर्ज क्यों नही किया गया। सदस्यों ने ग्रामीण क्षेत्र के अस्पतालों में डॉक्टरों की अनुपस्थिति का भी मुद्दा उठाया। एक सदस्य में बिल्हा में सोनोग्राफी और एक्सरे मसीन बंद होने का कारण पूछा। CMO ने संतोषप्रद जवाब नहीं दिया। सदस्य ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पतालों में टिटनेस इंजेक्शन नही है।सीएमओं ने कहा कि उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही डाक्टरों की कमी होने की बात कही।
विधायक प्रतिनिधि उमेश गौरहा ने लछनपुर डायवर्सन से किसानों का पानी कोल वासरी को दिए जाने पर नाराजगी जाहिर किया। उन्होने सिंचाई विभाग के अधिकारियों की खिंचाई करते हुए कहा कि किसानों के फसल को पानी नहीं मिल रहा है। और कोलवासरी को पानी पिलाया जा रहा है। खारंग जल संसाधन के अधिकारी ने बताया कि पानी देने का आदेश बहुत पहले का है।
बैठक में वन विभाग के अधिकारियों पर जिला पंचायत सदस्य और सभापति जितेंद्र पाण्डेय और अंकित गौरहा जमकर बरसे। दोनो ने फदहाखार फेंसिंग घोटाले की जानकारी मांगी तो अधिकारी ने गोलमोल जवाब दिया। अंकित ने कहा कि पिछली बैठक में मामले को लेकर जानकारी देने को कहा गया था। बावजूद इसके अभी तक कार्रवाई नहीं हुआ। जितेन्द्र और अंकित ने जिला पंचायत सदस्यों की जांच टिम बनाने की मांग रखी। बैठक में ही टीम का गठन किया गया। मागलवार को फदहाखार में फेंसिंग के काम को टीम देखेगी।
बैठक के बीच कोटा विधायक ने माइनिंग की कार्रवाई को लेकर चिंता जाहिर किया। उन्होने बताया कि प्रधानमंत्री आवास बनाने का आदेश हो रहा है। रेत आपूर्ति के दौरान ट्रैक्टर को पकड़ा जा रहा है। जबकि वह शासकीय काम कर रहे हैं। बावजद इसके उनके खिलाफ चालानी कार्रवाई हो रही है। बेहतर होगा कि एक प्रस्ताव लाकर ट्रैक्टर के खिलाफ कार्रवाई पर प्रतिबंदध लगाया जाए। अरूण चौहान ने तत्काल मामले में प्रस्ताव पेश करने का आदेश दिया।