नईदिल्ली।उत्तर प्रदेश सरकार को बड़ा झटका देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उस कानून को रद्द कर दिया है, जिसके जरिए राज्य के सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजीवन सरकारी बंगला दिए जाने की व्यवस्था की गई थी।राज्य सरकार ने विधानसभा में विधेयक पारित कर राज्य के सभी पूर्वमुख्यमंत्रियों को स्थायी तौर सरकारी बंगला दिए जाने का प्रावधान किया था।कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि राज्य के पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगले में रहने का अधिकार नहीं है।
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कोर्ट ने कहा, ‘यूपी सरकार का कानून मनमाने तरीके से बनाया गया कानून है, जो भेदभाव पूर्ण है और समानता के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन करता है।’
कोर्ट ने इसके साथ ही यूपी मिनिस्टर्स (वेतन, भत्ता और अन्य प्रावधान) एक्ट 2016 की धारा 4 (3) को अवैध घोषित कर दिया।
फैसले के बाद मुलायम, मायावती, अखिलेश यादव, कल्याण सिंह, राजनाथ सिंह और एनडी तिवारी को लखनऊ का सरकारी आवास खाली करना होगा।दरसअल इससे पहले साल 2016 में भी सुप्रीम कोर्ट ने लोक प्रहरी एनजीओ की याचिका पर यूपी के पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगला छोड़ने का आदेश दिया था, लेकिन इसके बाद अखिलेश सरकार ने पुराने कानून में संसोधन कर पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजीवन सरकारी बंगला रखने की इजाजत दे दी थीइस संसोधन को फिर से सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी, जिसे आज सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया।