ADEO परीक्षा में फेरबदल का जमकर विरोध,प्रतियोगियों का अल्टीमेटम..किसे फायदा पहुंचाना चाहता है व्यापम

BHASKAR MISHRA
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IMG20171010151137 बिलासपुर— प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे सैकड़ों छात्रों ने कलेक्टर कार्यालय के सामने घेराव किया। व्यापम और पीएससी कर्मचारियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। छात्रों ने एडीईओ परीक्षा की समय सीमा बढ़ाने का विरोध किया। छात्रों के अनुसार ऐसा महसूस हो रहा है कि परीक्षा के पहले ही पदों को लेकर रसूखदारों नें मिलीभगत कर ली है। व्यापम के नए संशोधित आदेश में एक वर्ग विशेष को लाभ पहुंंचाने की कोशिश दिखाई दे रही है। यदि आदेश के संसोधन को नहीं हटाया गया तो सभी प्रतियोगी साथी रायपुर में पांच दिन के बाद उग्र आंदोलन करेंगे। इस दौरान किसी प्रकार की घटना होती है तो इसके लिए व्यापम और पीएससी जैसे संगठनों की जिम्मेदारी होगी।

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                          भारी संख्या में कलेक्टर कार्यालय घेराव करने वाले प्रतियोगी परीक्षार्थियों ने व्यापम को खुली चुनौती दी है। प्रतियोगियों ने व्यापम को एडीईओ परीक्षा को लेकर निकाले गए संशोधित आदेश का विरोध किया है। आदेश वापस नहीं होने पर प्रदेशस्तरीय उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी है।

                 प्रतियोगी परीक्षार्थियों की अगुवाई कर रहे पंकज शर्मा ने बताया कि बेरोजगार छात्रों के भविष्य के साथ मजाक किया जा रहा है। लोग इसे गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। लेकिन हमें मालूम है कि मजाक केवल चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए किया जा रहा है। पुराना सरकंडा निवासी प्रतियोगी पंकज ने बताया कि एक महीने पहले शासन ने व्यापम के जरिए 213 एडीईओ पद के लिए परीक्षा  का एलान किया। परीक्षा में स्नातक छात्रों से आवेदन मंगवाया गया। करीब ढाई लाख स्नातकों ने आवेदन किया। परीक्षा शुल्क प्रत्येक छात्र से सात सौ रूपए लिया गया।

                        लेकिन यकायक सीजी वाल पर खबर मिली कि व्यापम ने एडीईओ परीक्षा की तारीख पन्द्रह अक्टूबर से बढ़ाकर 29 अक्टूबर कर दिया है। तीन दिनों तक सच्चाई का जानने का प्रयास किया गया। साथियों ने देर रात तक व्यापम अधिकारियों से जानकारी चाही। हर बार जवाब  मिला कि संशोधित आदेश जारी नहीं किया है। IMG20171010150501

           खबर के करीब चार दिन बाद यकायक व्यापम के पोर्टल में संशोधित आदेश देखने को मिला। जबकि इसके पहले व्यापम अधिकारी किसी प्रकार के संशोधित आदेश को फेक बताया था। जबकि वही आदेश पोर्टल में पाया गया जिसे सीजी वाल ने तीन दिन पहले लगाया था। पंकज और एक अन्य प्रतियोगी गौरव ने बताया कि इससे जाहिर होता है कि जानबूझकर आदेश को छिपाने का प्रयास किया गया। शायद ऐसा किसी वर्ग विशेष को लाभ पहुंचाने के लिए किया गया है।

नये आदेश का किया विरोध

                    पंकज के अनुसार  संशोधित आदेश में स्नातक के अलावा ग्रामीण विकास में डिप्लोमा, डिग्रीधारियों को पन्द्रह प्रतिशत अतिरिक्त अंक देने की बात कही गयी है। इसका हम लोग विरोध करते हैं। पन्द्रह प्रतिशत अंक मिलने के बाद लम्बे समय से तैयारी कर रहे गरीब माता पिता के बच्चों को नुकसान होगा। यदि आदेश पर अमल किया जाता है तो 60 प्रतिशत प्रतियोगी स्नातक छात्र दौड़ से बाहर हो जाएंगे।

                       समझ में आ रहा है कि संशोधित आदेश किसी रसूखदार के रिश्तेदार को खुश करने के लिए निकाला गया है। नाराज छात्रों ने बताया कि व्यापम ने यदि संशोधित आदेश त्रुटिवश निकाला है तो त्रुटि करने वाले कर्मचारी के खिलाफ कठोर कार्रवाई होनी चाहिए। एक शिक्षक छोटी से गलती कर देता है तो उसे सस्पेंड और निलंबित कर दिया जाता है। यदि संशोधित आदेश निकालने का कारण पुरानी त्रुटियों में सुधार करना है तो त्रुटि करने वाले कर्मचारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। यदि ऐसा नहीं किया गया तो माना जाएगा कि संशोधित आदेश किसी वर्ग या विशेष को खुश करने के लिए निकाला गया है।

गलतियों की सजा बेरोजगरों को क्यों

           पंकज ने बताया कि हमेशा देखने में आया है कि प्रतियोगी परीक्षाओं में हमेशा पांच छः प्रश्न गलत पूछे जाते हैं। बाद में उन्हें विलोपित कर दिया जाता है। परीक्षा मण्डल के इस गलत निर्णय का परिणाम होनहार छात्रों को भुगतना पड़ता है। पांच प्रश्न हटाए जाने के बाद होनहार औसत दर्जे के छात्र एक ही स्तर पर आ जाते हैं। इसका फायदा औसत स्तर के लोगों को मिलता है। इस नियम को भी खत्म किया जाए। या फिर प्रश्न पत्र तैयार करते समय गलतियां ना हो प्रयास किया जाए। बावजूद इसके यदि गलतियां होती है तो प्रिंटिंग करने और पेपर सेट करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के अलावा परीक्षा भी निरस्त हो।

आंदोलन की चेतावनी

              आक्रोशित प्रतियोगियों ने कहा कि पांच दिन के भीतर यदि व्यापम ने एडीईओ संशोधित शर्तों को नहीं हटाया तो उग्र आंदोलन किया जाएगा। प्रदेश के कोने कोने में परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्र रायपुर में धरना प्रदर्शन करेंगे।

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