नई दिल्ली।दुनिया भर में चर्चित उपन्यास “प्लेग” के संदेश को कोरोना महामारी के खिलाफ लोगों के मनोबल के लिए कारगर माना जा रहा है । प्लेग की पंक्तियों पर आधारित एक मिनट का एक संदेश छत्तीसगढ़ी और हिंदी में दिल्ली के एक संगठन ने तैयार किया है और राज्य सरकार को इस अनुरोध के साथ भेजा है कि सरकार की वेबसाइट और सोशल मीडिया मंचों पर लोगों का मनोबल बनाए रखने के लिए इस वीडियो का उपयोग किया जा सकता है ।कोरोना वायरस ( कोविड -19 ) की तरह भारत समेत दुनिया को लगभग सवा सौ साल पहले भी प्लेग नामक महामारी का सामना करना पड़ा था और कोरोनावायरस की तरह प्लेग ने लोगों को परेशान किया था। फ्रेंच लेखक अल्बैर कामू ने उन दिनों के हालातों व अनुभवों पर आधारित उपन्यास प्लेग की अनूठी की दुनिया को भेंट की है कि वह पूरे विश्व में आज भी सबसे ज्यादा पढ़े जाने वाली रचनाओं में एक है । हिंदी ,चीनी समेत दुनिया भर की भाषाओं में उस कृति का अनुवाद किया गया है।
प्लेग के उपन्यास की उन पंक्तियों पर आधारित भारतीय भाषाओं में एक मिनट का एक वीडियो संदेश म़ासलॉजी कम्युनिकेशन ने तैयार किया है । इस वीडियो को मासलॉजी कम्युनिकेशन ने छत्तीसगढ़ के लिए जनहित में तैयार किया है और उसे राज्य सरकार को कोरोनावायरस के ख़िलाफ़ अभियान में अपने सहयोग के तौर पर भेंट स्वरूप प्रदान किया गया है ।
इस वीडियो में यह संदेश है कि कोरोना दुनिया की पहली महामारी नहीं है। प्लेग ने भी तबाही मचाई थी । लेकिन अपने विश्व प्रसिद्ध उपन्यास प्लेग में अल्बैर कामू लिखते हैं। दृश्य – 1 महामारी 1 दिन में तो नहीं थमी । लेकिन उम्मीदों से कहीं ज्यादा जल्दी उसका प्रकोप कम हो गया। लोग समझने लगे कि प्लेग की ताकत कम हो रही है। महामारी हर दिशा में पीछे हट रही थी । दृश्य- 2 जब प्लेग का दौर खत्म हो गया । तब भी वे प्लेग के जमाने के नियमों पर चलते रहे । दृश्य- 3 अपनी व्यक्तिगत मुसीबतों के बावजूद लोग महामारियों के सामने सिर झुकाना मंजूर नहीं करते । लोगों को रोग से मुक्ति दिलाने की भरसक कोशिश करते हैं । कोरोना की होगी हार – छत्तीसगढ़िया है तैयार – वीडियो में छत्तीसगढ़ी आवाज कोरबा के दिनेश थवैत ने दी है।