VIDEO-और..जब कलेक्टर डॉ.मित्तर हुए दंग..कहना पड़ा..ऐसे प्रतिभावानों के लिए दरवाजा हमेशा खुला..प्रशासन करेगा हर संभव मदद

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—-जरा गौर से देखिए…प्रतिभा से लवरेज और आर्थिक रूप से जूझ रहे इस मासूम चेहरे को…और सामने रखे इस भव्य पोट्रेट को भी..जिसने राज्योत्सव में आम और खास सभी का ध्यान अपनी तरफ खींचा है। खुद मुख्य अतिथि इन्द्रशाह मण्डावी, पर्यटन मण्डल अध्यक्ष अटल श्रीवास्तव और कलेक्टर डॉ.साराश मित्तर देखकर मानों अवाक हो गए।

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             जी हां पुलिस मैदान में आयोजित राज्योत्सव कार्यक्रम में एक से एक झांकियां देखने को मिली। लेकिन लोगों ने एक ऐसी जीवन्त झांकी को देखा..इसके बाद किसी को अपनी आंखों पर मानों विश्वास ही नहीं हुआ। मुख्य अतिथि इन्द्रशाह मण्डावी,पर्यटन मण्डल अध्यक्ष अटल श्रीवास्तव और कलेक्टर को भी तारीफ करने को मजबूर होना पड़ा। 

                जी हां राज्योत्सव में जिसने भी कक्षा दसवी के छात्र हर्ष को पोट्रेट बनाते देखा..उसे  दांतो तले उंगलियां दबाने को मजबूर होना पड़ा। खासकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कलेक्टर डॉ.सारांश की जीवन्त पोट्रेट को देखने लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। पोट्रेट भी ऐसा कि मानो अब बोल ही दे।

                कलेक्टर सारांश मित्तर ने भी सीएम के  अलावा नन्हें हाथों को पोट्रेट बनाते गौर से देखा। इस दौरान उन्हें विश्वास नहीं हो रहा था कि एक छोटा सा बच्चा इतना शानदार पोट्रेट बनाता है। पत्रकारों से बातचीत के दौरान कलेक्टर मित्तर ने बताया कि हर्ष प्रतिभावान है। और उसे उसकी प्रतिभा के लिए प्रशासन से मदद की सख्त जरूरत है। 2 नवम्बर को हर्ष को कार्यालय आने को कहा है।

           कलेक्टर सारांश मित्तर ने कहा हर्ष अपनी प्रतिभा के साथ आर्थिक रूप से जूझ रहा है। वह कक्षा 10 वीं का छात्र है। परिवार आर्थिक रूप से बहुत कमजोर है। कहीं प्रतिभा दम ना तोड़े दे…हर्ष के उज्जवल भविष्य के लिए प्रशासनिक स्तर पर जो कुछ भी होगा..मदद किया जाएगा। कलेक्टर ने यह भी बताया कि प्रतिभावान बच्चों के लिए कलेक्टर कार्यालय का दरवाजा हमेशा खुला था…और खुला रहेगा। साथ ही कलेक्टर ने बच्चे को लेकर संदीप चिपड़े को विशेष निर्देश भी दिया।

                                 किशोर कलाकार हर्ष ने बताया कि उसके पिता हॉटल में काम करते हैं। मां घर में रहकर लोगों के कपड़ा सिलती है। वह कक्षा दसवी में पढ़ता है। कलेक्टर साहब ने कहा है कि कला को जीवित रखने जो भी मदद होगा.. दिया जाएगा। कलेक्टर साहब ने कार्यालय बुलाया है।

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