आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने घेरा कलेक्टर कार्यालय..6 सूत्री मांग के साथ सहायिकाओं ने कहा..वादा अनुसार बनाया जाए सरकारी कर्मचारी

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— छत्तीसगढ़ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका संघ ने एकजुट होकर कलेक्टर कार्यालय के सामने शक्तिप्रदर्शन किया। इस दौरान संगठन के नेताओं ने जमकर नारेबाजी कर अपनी 6 सूत्रीय मांग के लिए आवाज बुलन्द किया। संगठन जिला अध्यक्ष भारती मिश्रा ने बताया कि अपनी मांग को लेकर पिछले दिनों से लगातार आंदोलन कर रहे हैं। बावजूद इसके शासन प्रशासन का ध्यान नहीं है। जबकि सरकार बनने से पहले वादा किया गया था कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकओं की मांग को पूरा किया जाएगा। मामले में कई बार मुख्यमंत्री से लेकर सभी का ध्यान आकर्षित किया गया। बावजूद इसके हमारी मांग को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। ऐसी सूरत में हम उग्र आंदोलन को मजबूर हैं।

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          आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं ने भारी संख्या में संगटन के बैनर तले 6 सूत्रीय मांग को लेकर कलेक्टर कार्यालय का घेराव किया। इस दौरान सभी ने जमकर नारेबाजी की। साथ ही जनघोषणा पत्र में किए गए वादों को पूरा करने को कहा। संगठन की नेत्री भारती मिश्रा और सुचिता शर्मा ने बताया कि हम लोग लगातार पिछले कुछ दिनों से मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। बावजूद इसके हमारी 6 सूत्रीय मांगों को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। जबकि सरकार बनने से पहले हमें आश्वासन दिया गया था कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की मांग को पूरा किया जाएगा। इतना ही नहीं मांग को जनघोषणा पत्र में भी शामिल किया गया। लेकिन अभी तक हमारी मांगों को पूरा नहीं किया गया है।

 भारती मिश्रा और सुचिता ने बताया कि हमारी मांग है कि सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को शासकीय कर्मचारी घोषित किया जाए। जन घोषणापत्र में घोषित नर्सरी शिक्षक पर उन्नयन करने के साथ ही कलेक्टर दर पर वेतन तत्काल दिया जाए। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को रिक्त सुपरवाइजर पद पर शत प्रतिशत पदोन्नति किया जा। साथ ही विभागीय भर्ती परीक्षा में संशोधन किया जाए।

सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्राइमरी शिक्षिका का दर्जा दिया जाए। मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के बराबर काम के साथ सम्मान और  मानदेय दिया जाए। कार्यकर्ताओं को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के पद पर समाहित कर अधिकार दिया जाए। प्रत्येक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को रिटायरमेंट के बाद 50 हजार और सहायिकाओं को 30 हजार राशि एकमुश्त दिया जाए। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के प्रदेश स्तर में सहायिकाओं को तत्काल रिक्त पद भरे जाएं। काम करने वाले सभी लोगों के लिए सरकार मोबाईल के साथ ही डाटा खर्च की व्यवस्था करे।

 

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