VIDEOः व्यापारियों ने किया GST प्रावधानों का विरोध..बताया..कानून और अधिकारियों की भाषा कठोर.. दहशत में व्यवसाय..

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— नेहरू चौक में आज व्यापार जगत के पदाधिकारियों ने दो घंटे का धरना प्रदर्शन किया। कांग्रेस ने भी धरना प्रदर्शन का समर्थन किया। मौके पर पहुंचकर जिला कांग्रेस के नेताओं  ने जीएसटी के प्रावधानों का खुला विरोध किया। व्यापारियों ने कहा कि जीएसटी में कुछ इतना सख्त प्रावधान किया गया है..जिसके चलते आने वाले समय में व्यापार करना मुश्किल हो जाएगा।

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                     कैट के आह्वान पर आज बिलासपुर में भी चैम्बर ऑफ कामर्स समेत अन्य व्यापारियों ने जीएसटी के प्रावधानों के खिलाफ दो घंटे का शहर बन्द आंदोलन और धरना प्रदर्शन किया। धरना प्रदर्शन को जिला कांग्रेस नेताओं ने भी समर्थन किया।

                         शहर के नामचीन व्यवसायी रामअवतार अग्रवाल ने कहा कि जीएसटी में जरूरत से ज्यादा कड़े प्रावधान कर दिए गए हैं। जिसके चलते व्यापारियों की कठिनाइयां बढ़ गयी है। खासकर रिटेन को लेकर व्यापारियों में भय और आक्रोश दोनों ही है। इसमें कुछ ऐसे सख्त नियम डाले गए हैं..यदि थोड़ी सी भी चूक होती है तो सीधे सजा का प्रावधान है। रामअवतार अग्रवाल ने बताया कि सरकार और अधिकारी दोनों ही व्यापारियों को जेल भेजने की धमकी देते हैं।

                लघु उद्योग संघ के अध्यक्ष हरीश केडिया ने बताया कि जीएसटी काउंसिल की 28 बैठके हुई हैं। कानून जब लागू हुआ..बहुत ही सरल था। इसे लागू करते समय कहा गया था कि देश में एक टैक्स और एक विधान चलेगा। शुरूआती दौर में सब ठीक था। लेकिन अब देखने में आ रहा है कि अधिकारी और सरकार बात बात पर जेल भेजने की धमकी दे रहे हैं।

               हरीश केडिया ने कहा कि अब तक जीएसटी कानून में 584 संशोधन हो चुके हैं। अब तो ऐसा लगता है कि जीएसटी संशोधन का कानून बन जाएगा। संशोधन की मोटी मोटी किताबे बाजार में आ जाएगी। प्रारम्भ में सरकार का कहना था कि हम एक लाइन का कानून बना रहे हैं। कानून बहुत ही सरल होगा..किसी से सलाह की जरूरत भी नहीं पड़ेगी। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। चार्टड अकाउन्टेड को ही कानून समझने में बहुत समय लगता है। जैसा कि हमें बताया गया था कि कानून बहुत सरल होगा। वैसा ही कानून हमें चाहिए। 

                 केडिया ने बताया कि शुरूआती तीन साल में कानून बेशक नया था लेकिन समझने के बाद सरल हो गया। लेकिन अब ना तो कानून की भाषा ठीक है और ना ही सरकार और अधिकारियों की भाषा को ठीक कहा जा सकता है। अब कानून में सुधार की भाषा की सजा की भाषा शामिल हो गयी है। अब जेल भेजने की भाषा का उपयोग किया जा रहा है। यह भाषा बहुत ही आपत्तीजनक और अव्यवहारिक है। 

कांग्रेस का मिला समर्थन

                 व्यापारियों के आंदोलन को जिला कांग्रेस शहर और ग्रामीण ने समर्थन किया। विजय केशरवानी और प्रमोद नायक ने मौके पर पहुंचकर व्यापारियों का उत्साहवर्धन किया। विजय और प्रमोद केशरवानी ने बताया कि हमसे व्यापारियों ने समर्थन मांगा था। प्रदेश कांग्रेस के निर्देश पर हमने व्यापारियों के विरोध कार्यक्रम का समर्थन किया है।

                           व्यापारियों के धरना प्रदर्शन कार्यक्रम में रामअवतार अग्रवाल, हरीश केडिया, जितेन्द्र गांधी, देवीदास वाधवानी, जयप्रकाश मित्तल,परमजीत उपवेजा, किशोर पंजवानी,सुनील सोंथलिया, अनिल गुप्ता, सन्जय मित्तल,राजू सलूजा, प्रकाश सोन्थालिया, सुनील चिमनानी, नारायण दयालानी, श्रीकांत पाणडेय समेत दर्जनों व्यापारी मौजूद थे।

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