जिला पंचायत अध्यक्ष पर सरकारी जमीन हड़पने का आरोप..सरपंच ने कहा..सरकारी भूमि पर किया कब्जा,अरूण चौहान ने बताया..पैतृक जमीन

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—तखतपुर विकास खण्ड के घोड़ामार के ग्रामीणों ने सरपंच की अगुवाई में कलेक्टर कार्यालय का घेराव किया। सरपंच समेत सभी ग्रामीणों ने इस जमकर नारेबाजी की। सरपंच ने आरोप लगाया कि जिला पंचायत अध्यक्ष अरूण चौहान ने गौचार भूमि पर बलात कब्जा किया है। बार बार निवेदन के बाद भी जमीन छोड़ने को तैयार नहीं है। जबकि मामले में कई बार एसडीएम और जिला पंचायत से शिकायत कर चुके हैं।सैंकड़ों की संख्या में घोड़ामार ग्राम पंचायत के ग्रामीण सरपंच की अगुवाई में कलेक्टर कार्यालय पहुंचे। इस दौरान गांव के सरपंच ने बताया कि पंचायत ने फैसला किया है कि सरकारी जमीन पर कब्जा को हटाया जाए। फैसला के बाद कमोबेश सभी ग्रामीणों न खुशी खुशी सरकारी जमीन से कब्जा को हटा लिया। लेकिन जिला पंचायत अध्यक्ष अरूण चौहान ने कब्जा हटाने ने साफ इंकार कर दिया है।
                                   सरपंच ने बताया कि अरूण चौहान ने गांव की 6 एकड़ जमीन पर कब्जा किया है। पिछले तीस साल से जमीन पर धान की फसल भी ले रहे हैं। मामले में जब उनसे सम्पर्क किया गया तो पहले तो सीमांकन करने से टाल मटोल किया। अब उन्होने जमीन से कब्जा छोड़ने को लेकर साफ इंकार कर दिया है। इसके चलते ग्रामीणों में आक्रोश है कि गरीबों को जमीन से बेदखल करवाया गया। ऐसे में जिला पंचायत अध्यक्ष से भी गौचर की भूमि को छुड़ाया जाए।
               सरपंच के अलावा पंचायत के सदस्य राधेश्याम साहू ने कहा कि जिला पंचायत अध्यक्ष ताकरवर व्यक्ति है। यदि वह चाहें तो किसी भी मौसम में कभी भी जमीन का सीमांकन करवा सकते हैं। पहले तो उन्होने सीमांकन की बात को स्वीकार किया। लेकिन अब उन्होने धमकी देना शुरू कर दिया है। साफ शब्दों में कहते हैं कि जिसे जो करना है कर ले। जमीन खाली नहीं करेंगे।
                 ग्रामीणों ने बताया कि गांव मे मवेशियों के लिए गौचर की जमीन नही है। भोले भाली ग्रामीणों ने तो सरकारी जमीन खाली कर दिया। लेकिन बड़े लोग सरकारी जमीन खाली नहीं करना चाहते हैं। इसके बाद हम लोगों ने सामुहिक फैसला कर कलेक्टर से गुहार लगाने आए हैं। हमारी मांग है कि अरूण चौहान से सरकारी गौचर भूमि को खाली कराया जाए। अन्यथा हम कोर्ट जाएंगे। उन्होने पहले भी शासन के नियमों के खिलाफ निजी जमीन पर मनरेगा का काम करवाया है। अब सरकारी जमीन को कब्जा लेकर पट्टा बनवाने के फिराक में है।
चौहान ने कहा पैत्रिक जमीन
         जिला पंचायत अध्यक्ष अरूण चौहान ने कहा कि घोड़ामार में हमारी विरासत में मिली जमीन है। पिछले चालिस साल से खेती हो रही है। मैं 18 साल की उम्र से खेती कर रहा हूं। विरासत की जमीन के अलावा तीन चार एकड़ जमीन हमने भी खरीदा है। यदि ग्रामीणों को लगता है कि जमीन सरकारी है तो वह आवेदन कर सीमांकन करवा सकते हैं। हमें सीमांकन से एतराज भी नहीं है। यदि सरकारी जमीन पायी जाती है तो शासन उस जमीन को अलग करवा ले। हमें कोई एतराज नहीं है।
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