VIDEO-कोलवाशरी का जंगी विरोध..हजारो ग्रामीणों ने किया कलेक्ट्रोरेट का घेराव..सरपंचो ने लगाया आरोप..कोल माफिया बना रहे दबाव

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— तखतपुर और कोटा ब्लाक के आठ ग्राम पंचायतों के स्थानीय लोगों ने दिलीप अगवाल और 8 सरपंचों की अगुवाई में कलेक्टर कार्यालय का घेराव किया। हजारों की संख्या में कलेक्टर कार्यालय पहुंचे स्थानीय लोगों ने महावीर कोलवाशरी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। सरपंच समेत ग्रामीणों ने बताया कि कोल वाशरी स्थापित करने का आदेश बिना स्थानीय लोगों के समर्थन से किया जा रहा है। किसी भी हालत में कोलवाशरी को खुलने नहीं दिया जाएगा।

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                        दिलीप अग्रवाल ने बताया कि स्थानीय 8 ग्राम पंचायतों के लोगों में कोलवाशरी को लेकर गहरा आक्रोश है। महावीर कोलवाशरी के कर्मचारी और संचालकों ने स्थानीय लोगों को अंधेरे में रखकर कोलवाशरी खोल रहे हैं। जबकि कोलवाशरी को किसी भी ग्राम पंचायत से एनओसी नहीं दिया गया है। खरगहनी ग्राम पंचायत महिला सरपंच पर दबाव डालकर एनओसी लिया गया है। इतना ही नहीं एनओसी महिला सरपंच ने भी नहीं दिया। सरपंच के सील पर उसके पति ने हस्ताक्षर किए हैं।

         दिलीप ने बताया कि करीब 20 दिन पहले पथर्रा में जनसभा का आयोजन किया गया।  लेकिन कोलमाफियों  ने स्थानीय लोगों को सभा में आने से रोक दिया। जिसके चलते कोलवाशरी से प्रभावित होने वाले 8 ग्राम पंचायतों में आक्रोश है। 

                दिलीप समेत सभी आठो सरपंच ने बताया कि आज तक जिले में जितने भी कोलवाशरी खुले हैं किसी में भी न तो प्रशासन के निर्देशों का पालन किया जा रहा है। और ना ही पर्यावरण के सिद्धांतों पर अमल किया जा रहा है। जिसके चलते स्थानीय लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। 

               देखने में आया है कि लोग झूठ और पैसों के दम पर कोलवाशरी खोल दिया जाता है। लेकिन मानकों का आज तक पालन नहीं कियाजा रहा है। सरपंचों ने कहा महावीर कोलवाशरी संचालकों की नीयत साफ नहीं है। लेकिन दावा किया जा रहा है कि लाकडाउन के दौरान जनसभा का आयोजन किया गया। समझने वाली बात है कि जब लाकडाउन लगा हुआ हो..ऐसी स्थिति में जनसभा का आयोजन कैसे संभव है। यह सरासर झूठ है। 

                         नाराज ग्रामीणों ने कहा कि कोयला फसलों के लिए घातक है। हम अपने क्षेत्र में कोलवाशरी नहीं खुलने देंगे। जरूरत पड़ी तो कोलवाशरी के खिलाफ हाईकोर्ट भी जाएंगे।

          दिलीप ने कहा कि कोलवाशरी जिस क्षेत्र में खोला जा रहा है वह आदिवासी गांव है। कोलवाशरी खुलने से पथर्रा, खरगहनी, खरगहना, पिपरतराई,कलमीटार,खुरदुर, गोकुलनगर भरारी भुूण्डा. छेरकाबांधा पर सीधा प्रभाव पड़ेगा। सरपंचों ने इस दौरान जिला प्रशासन को लिखिति में कोलवाशरी खुलने का विरोध किया।

               इस दौरान महिलाओं ने भी विरोध प्रदर्शन किया। सभी तिरंगा लहराकर गांव में कोलवाशरी खोले जाने के विरोध किया। 

 लोगों की बातों को ऊपर तक पहुचाएंगे

              सिटी मजिस्ट्रेट अमित गुप्ता ने प्रदर्शन करने वाले नेताओं से लिखित ज्ञापन लिया। सिटी मजिस्ट्रेट ने बताया कि मामले को कलेक्टर महोदय के सामने पेश किया जाएगा। जो भी फैसला होगा उसकी जानकारी ग्रामीणों को मिल जाएगी।

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