पूर्व मंत्री अमर ने कहा-3 साल में बिलासपुर 30 साल पीछे…क्या बनाएंगे स्मार्ट सिटी Smart City..विधायक पर कसा तंज़

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर– पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल ने यह लोग बिलासपुर को क्या स्मार्ट सिटी बनाएंगे। शहर पूरी तरह से तीन साल में ही बराबद हो गया है। यह लोग किस बात का गौरव कर रहे हैं। तीस वार्डों में विकास को ढूंढने गया..लेकिन जहां सिर्फ बजजाती नालियों, मौत के गड्ढों के अलावा कुछ भी नहीं दिखायी दिया। जनता हलाकान है…रेस्टोरेशन के बाद सड़कों को थूक पालिस किया गया। शहर की जनता अब कहती है कि विधायक का रहना या नहीं रहना सब बराबर है। पूर्व मंत्री ने बताया कि कानून  व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं रह गयी है। यही कारण है कि आज नगर की जनता अपने जान माल को लेकर भयभीत है।

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गायब सड़के..मिली बजबजाती नालियां

         अमर अग्रवाल ने पत्रकारों से चर्चा कर बताया कि 19 दिसम्बर से अब तक बिलासपुर के तीस वार्डों का दौरा किया। सरकार का दावा है कि पिछले चार सालों में प्रदेश का तेजी से विकास हुआ है। नगर निगम सरकार के भी तीन साल पूरे हो चुके हैं। भ्रमण के दौरान पाया कि नगर सभी सड़कें गायब है। जगह जगह गड्ढे ही गड्ढे है। सड़को का कही लेबल नहीं है। बजबजाती नालियों की स्थिति बहुत बुरी है। प्रत्येक मोड़ पर जानलेवा गड्ढे हैं। अमृत मिशन रेस्टोरेशन के बाद खराब सड़कों का थूक पालिस कर मरम्मत किया गया है।

              अमर ने बताया कि लोगों को पीने का पानी नहीं मिल रहा है। भ्रमण के दौरान जानकारी मिली कि राशन कार्ड बनवाने के लिए लोगों को तीन हजार रूपए देना पडता है..। पांच हजार में जमीन का कब्जा मिलता है। जनता बिजली बिल और बिजली गुल होने से त्रस्त है। प्रधानमंत्री ने जनता को प्रति व्यक्ति चावल दिया। लेकिन यहां प्रति कार्ड पांच किलो ही चावल दिया गया।

बिलासपुर तीन साल में तीस साल पीछे

पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल ने बताया कि विकास खोजो अभियान के दौरान जनता में आक्रोश देखने को मिला। कानून व्यवस्था पूरी तरह से बदहाल है। लोगों में भयंकर भय और जान माल की चिंता है।

क्या बनेगा स्मार्ट सिटी

एक सवाल के जवाब में अमर ने बताया कि लोग क्या बनाएंगे स्मार्ट सिटी। स्मार्ट सिटी के रूपयों का दुरूपयोग हो रहा है। कलेक्टर,कमिश्नर और उनके घर के सामने स्मार्ट सिटी के पैसों से रंगरोगन हो रहा है। ऐस सिर्फ बरसात में बहाने के लिए ही किया जा रहा है। जो लोग जनता को पानी नहीं दे सकते..राशन कार्ड बनवाने का पैसा लेते हों..ऐसे लोग क्या स्मार्ट सिटी बनाएंगे। कम से कम मैने स्मार्ट सिटी का ऐसा सपना तो नहीं देखा था।

विधायक का होना.नहीं होना बराबर

अमर अग्रवाल ने बताया कि जनता का मानना है कि नगर विधायक का रहना और नही रहना सब बराबर है। पार्टी में कोई पूछता नहीं। जनता के बीच जाते नहीं..यही कारण है कि जनता को कहने के लिए मजबूर होना पड़ रहा कि हमारे बीच आए और बताएंगे कि गौरव दिवस क्या होता है। 

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