आर्थिक मंदी के लिए गुजरात मॉडल जिम्मेदार..छत्तीसगढ़ मॉडल से जनता को मिली ताकत..बोले मुख्यमंत्री..रासुका से भाजपा नेताओं में खौफ

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—तखतपुर विधानसभा में भेंट मुलाकात के बाद खपरी गेस्ट हाउस में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पत्रकारों से बातचीत किया। उन्होने कमोबेश सभी सवालों का जवाब दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि रासुका से जनता में नही ..सिर्फ भाजपा नेताओं में डर है। स्पष्ट कर दूं कि किसी को प्रदेश में घृणा फैलाने या उत्पात मचाने नहीं दिया जाएगा। पहले भाजपा नेता तो बताएं कि रमन सिंह ने कितनी बार रासुका लगाया। यह कानून राज्य का नहीं..बल्कि राष्ट्र का बनाया गया है। 

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                            बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री ने बताया कि गुजरात और छत्तीसगढ़ मॉडल की कोई तुलना ही नहीं है। गुजरात मॉडल का मतलब देश में आर्थिक मंदी का आना है। छत्तीसगढ़ मॉडल का अर्थ अन्तिम पंक्ति में बैठे व्यक्ति के जेब में पैसा डालना है। यही कारण है कि दिश में आर्थिक मंदी तो आयी। लेकिन छत्तीसगढ़ की जनता को आर्थिक मंदी का सामना नहीं करना पड़ा। भेंट मुलाकात का उद्देश्य भी यही है कि जनता से सीधे संवाद कर उनके दुख सुख का पता लगाना। अधिकारियों की काम काज का जायजा लेना है। यदि कही गड़बड़ी मिलती है तो उचित कदम भी उठाना है। 

तखतपुर विधानसभा में बेलपान और खैरी में भेंट मुलाकात के बाद दूसरे दिन मुख्यमंत्री पत्रकारों से रूबरू हुए। उन्होने भेंट मुलाकात की वस्तुस्थिति के बारे में बताया। इसके पहले अधिकारियों से बैठक कर शिकायतों को लेकर फटकारा और पुचकारा भी।

सहकारी बैंक की शिकायत पर नाराजगी

    मुख्यमंत्री ने जिला सहकारी बैंक अधिकारी से कहा कि 60 से अधिक विधानसभा का दौरा किया। लेकिन किसानों को धान का रूपया मिलने को लेकर कहीं शिकायत नहीं मिली। तखतपुर में ही पता चला कि किसानों की रकम को रोक कर दिया जा रहा है। शिकायत का तत्काल निराकरण करें। अन्यथा कार्रवाई के लिए तैयार रहें ।

पीएचई अधिकारी को मिली फटकार

मुख्यमंत्री ने पीएचई विभाग के इंजीनियर को फटकार लगाया। उन्होने कुछ गांव का जिक्र कर पानी पहुंचाने और टंकी निर्माण और मरम्मत को लेकर सवाल किया। संतोषप्रद जवाब नहीं मिलने पर नाराजगी जाहिर किया। उन्होने पूछा की कब तक काम पूरा हो जाएगा। मुझे सिर्फ समय बताएं..तीन महीने के वादे पर सीएम ने कहा कि दुबारा शिकायत मिलने पर कठोर कार्रवाई होगी। आंकडा पेश नहीं किए जाने पर सीएम ने फटकारा भी।

मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग को भी लपेटे में लिया। कुछ स्कूल के शिक्षक पढ़ाने नहीं जाते है। जानकारी नहीं होने के जवाब में शिक्षा अधिकारी को फटकार लगाते हुए कहा कि मुझे जानकारी है..और आपको नहीं…बताएं कार्रवाई कौन करेगा। यदि लापरवाह शिक्षकों पर कार्रवाई नहीं करेंगे..तो मुझे आपके खिलाफ कार्रवाई करनी होगी। पटवारी की शिकायत पर मुख्यमंत्री ने एसडीएम को निर्देश दिया कि उचित कार्रवाई करें।

जमीन विवाद पर सीएम ने दिया निर्देश

कानून व्यवस्था को लेकर पुलिस कप्तान पारूल माथुर ने चाकूबाजी और अन्य अपराधिक गतिविधियों को लेकर जवाब दिया। पुलिस कप्तान ने बताया कि गुंडा फाइल खोला गया है। अपराधिक गतिविधियों में शामिल लोगों को जेल भेजा जा रहा है। लोग आनलाइन चाकू की खरीदी कर रहे हैं। चाकू बेचने वाले कई दुकानों के खिलाफ सख्त कदम उठाया गया है। कई लोग सब्जी काटने वाले चाकू से अपराध कर रहे हैं।माथुर ने बताया कि जमीन से जुड़े अपराध बहुत सामने आ रहे हैं। कब्जा दिलाना,कब्जा करना और जमीन हड़पना इसमें शामिल है। तत्काल सीएम ने कलेक्टर को निर्देश दिया कि राज्स्व विभाग और पुलिस विभाग मिलकर जमीन चोरों के खिलाफ कार्रवाई करें। इस प्रकार की वारदात को बर्दास्त नहीं किया जाएगा।

गु जरात मॉडल ने देश को आर्थिक मंदी में झोंका

भाजपा नेता जगत प्रकाश नड्डा ने कहा कि लोकसभा चुनाव के समय देश में गुजरात मॉडल लागू किया जाएगा। आखिर छत्तीसगढ़ मॉडल को गुजरात मॉडल की चुनौती को किस रूप में लेते हैं। सीएम ने कहा कि गुजरात साल 2014 से देश में थोपने का काम किया जा रहा है। गुजरात मॉडल सिर्फ मुठ्ठी भर लोगों के लिए। है। गरीब और गरीब हो गया..मध्यमवर्गी गरीबी रेखा के नीचे पहुंच गया। कोयला की अफरातफरी शुरू हो गयी। बिलासपुर से निकलनी वाली गाड़ियां रोक दी गयी। देश में आर्थिक मंदी का दौर शुरू हो गया। मुठ्ठी भर अरबपति खरबपति बन गए। दरअसल गुजरात मॉडल ने ही देश को आर्थिक मंदी की आग में झोंका है।

छत्तीसगढ़ मॉडल ने आर्थिक मंदी को घुसने नहीं दिया

 छत्तीसगढ़ मॉडल का मतलब गरीबों को ऊंचा उठाना है। उसके जेब तक उसका ही पैसा सरकार की तरफ से जेब में डालना है। सभी को आर्थिक रूप से मजबूत बनाना है। न्याया योजना के बहाने न्याय दिलाना है। उनके फसल की उचित कीमत देना है। सभी को आर्थिक रूप से ताकतवर बनाना है। दरअसल छ्तीसगढ़ मॉडल का ही करामात है कि प्रदेश को आर्थिक मंदी ने छूआ भी नहीं है। छत्तीसगढ़ मॉडल को कोई चुनौती ही नहीं है।

रासुका की वजह क्या है। भाजपा में इसको लेकर तीखी प्रतिक्रिया का क्या अर्थ है। मुख्यमंत्री ने बताया कि रमन सिंह बताएं की कितनी बार रासुका लगाएं है। आज भी उनके बोल वैसे ही हैं। रही बात भाजपा की तीखी प्रतिक्रिया और उसे मैं समझ रहा हूं। कवर्धा, नारायणपुर जैसी स्थिति के लिए जिम्मेदार लोगों को छोड़ा नहीं जाएगा। उनमें डर स्वाभाविक हैं..कानून व्यवस्था से खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा।

घृणा फैलाना भाजपा नेताओं का काम

भेंट मुलाकात क्या चुनावी परिस्थितियों का हिस्सा है। नारायण चंदेल ने हेट मुलाकात कहा है। भूपेश बघेल ने कहा उनका काम ही हेट फैलाना है। कहेंगे ही…कहें। दरअसल भेंट मुलाकात प्रशासनिक कसावट का हिस्सा है। मई 2022 से शुरू हुआ। बारिश के दौरान बन्द कर दिया गया। लोग खेती किसानी में व्यस्त थे। अब तक 60 से अधिक विधानसभा का दौरा किया है। इससे काम काज की वस्तुस्थिति की जानकारी मिलती है। कमियों और शिकायतों को दूर किया जाता है। जनता की उम्मीदों को समझने का अवसर होता है। अधिकारियों के काम  काज का भी जायजा हो जाता है।

आरक्षण विवाद में भाजपा की भूमिका

आरक्षण के सवाल पर सीएम ने कहा..राज्यपाल के निर्देश पर हमने बिल लाया। दो दिन में हस्ताक्षक की बात कहने वाली राज्यपाल महोदया ने डेढ़ महीने लगा दिया। अभी तक बिल पर हस्ताक्षर नहीं किया है। इसमें भाजपा की अहम् भूमिका है। अभी तक हस्ताक्षर नहीं किया गया है।

धरमलाल कौशिक ने एसआईटी का किया विरोध

भाजपा के भ्रष्टाचार को लेकर एसआईटी का गठन किया गया..आखिर अब तक परिणाम क्यों नहीं सामने आए। सीएम ने बताया कि हमने भ्रष्टाचार के खुलासे के लिए ही एसआईटी का गठन कर जांच का आदेश दिया। पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि घोटाले की जांच नहीं होनी चाहिए। फिर कब पीआईएल का गठन हुआ। और मामला कोर्ट में चला गया। सवाल यह है कि भाजपा के नेता घोटालेबाजों को बेनकाब करने की मांग करते हैं। लेकिन घोटाला उजागर ना हो पीआईएल करते हैं। घोटाला जरूर सामने आएगा।

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