बिलासपुर—- महिला प्रताड़ना समेत महिला जगत की अन्य विवादों को लेकर आज प्रदेश महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक के सामने सुनवाई हुई। नायक ने बताया कि कुल 22 मामलों में सुनवाई होनी थी। लेकिन पक्षकारों की अनुपस्थित के कारण कुल 6 मामलों की सुनवाई नहीं हुई। ज्यादातर मामलों में फैसला सुना दिया गया है। सुनवाई के दौरान काफी दिलचस्प मोड़ भी आए। इसमें एक मामला आयोग के सामने आने से पहले ही दोनों पक्षों ने रजामन्दी कर सुलझा लिया है।
जलसंसाधन विभाग स्थित प्रार्थना सभा में महिला आयोग के सामने महिलाओं से जुड़े मामलों की सुनवाई हुई। इस दौरान प्रदेश महिला आयोग अध्यक्ष किरणमयी नायक विशेष रूप से मौजूद रही। अध्यक्ष ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान बताया कि सुनवाई काफी सकारात्मक माहौल में हुई है। कुल 22 मामलों में सुनवाई होनी थी। लेकिन 6 मामलों में दोनों तरफ से पक्षकार उपस्थित नहीं हुए। 16 मामलों में सुनवाई हुई। इस दौरान कुछ मामलों में एक ही तरफ के पक्षकार मौजूद हुए।
किरणमयी ने नायक ने बताया कि सुनवाई के दौरान एक महिला ने सरपंच का कार्यभार नहीं दिए जाने को लेकर आवेदन किया था। उसने आत्महत्या की धमकी दी थी। लेकिन समझाइश के बाद मामले को ठीक किया गया है। चुंकी मामला हाईकोर्ट में है। इसलिए मामले को नस्तीबद्ध किया गया है।
किरणमयी नायक ने कहा कि एक मामला जीएसटी विभाग से भी है। आवेदिका ने आंतरिक परिवार समिति के आदेश के खिलाफ आवेदन किया है। किरणमयी ने कहा कि महिला के साथ सीनियर अधिकारी सहाययक आय़ुक्त ने कोर्ट की गाइड लाइन के खिलाफ अपराध किया है। लेकिन आंतरिक समिति की जांच पर अधिकारी का केवल स्थानांतरण कर मामले को दबा दिया गया। प्रदेश महिला आयोग अध्यक्ष ने कहा कि स्थानांतरण करने से अपराध कम नहीं होता है। सीनियर अधिकारी ने महिला अधिकारी का फोटो खींचा और बाद में डीलिट कर दिया। डीलिट करने से अपराध खत्म नहीं होता है।
अध्यक्ष ने कहा कि आवेदिका की शिकायत पर सीनियर अधिकारी पर अधिनियम 2013 के अनुसार अपराध होना दर्ज किया गया है। आयोग ने जीएसटी विभाग से आंतरिक समिति की सूची को मांगा है। जल्द ही आंतरिक समिति के सदस्यों से पूछताछ होगी।