बिलासपुर—सकरी में जमीन नामांतरण को लेकर फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया है। दस्तावेज के साथ वकील रवि मेहर ने कलेक्टर से शिकायत कर सकरी पटवारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग किया है। वकील रवि मेहर ने बताया कि सकरी पटवारी ने बिना किसी आवेदन और इस्ताह के करोड़ों रूपयों की बहुमून्य जमीन को लेन देन कर शैलेन्द्र तिवारी के नाम चढ़ा दिया है। जबकि मामले में ना तो तहसीलदार ने नामांतरण का आदेश दिया और ना ही किसी ने आवेदन किया है। शिकायत के बाद जिला प्रशासन ने मामले में सख्त कदम उठाए जाने की बात कही है।
अधिवक्ता रवि मेहर जिला प्रशासन को सकरी में करोड़ों रूपयों की जमीन को फर्जीवाडा़ कर फौती नामांतरण को लेकर शिकायत की है। जिला प्रशासन को लिखित शिकायत कर बताया कि साल 2018 में शैलेन्द्र तिवारी ने फौती नामांतरण का आवेदन दिया। आवेदन के आधार पर तात्कालीन तहसीलदार ने खसरा नम्बर 195/1, 217, 298/2 और 329/1/ का नामांतरण आदेश दिया। नामांतरम के बाद मामले को नस्तीबद्ध भी किया गया।
रवि मेहर ने अपनी शिकायत में बताया कि हाल फिलहाल सकरी पटवारी बृजेश राजपूत ने उसी पुराने आदेश की आड़ में 4 मार्च 2022 में खसरा नम्बर 317 और 116 को शैलेन्द्र के नाम नामांतरण कर दिया गया है। जबकि मामले में ना तो तहसीलदार के सामने किसी प्रकार का आवेदन पेश किया गया है। और ना ही तहसील कार्यालय से किसी प्रकार का आदेश ही जारी हुआ है।
रवि ने बताया कि मामले को जब पटवारी के सामने लाया गया तो उसने तहसीलदार के आदेश का हवाला दिया। सच्चाई तो यह है कि तहसील कार्यालय से फौती उठाए जाने का कोई आदेश ही नहीं दिया गया है। बावजूद इसके लेन देन कर पटवारी ने तहसीलदार के आदेश के बिना ही चार साल पुराने आदेश के बहाने दोनो खसरा नम्बर की जमीन का नामांतरण कर दिया है।
शिकायत कर्ता ने जिला प्रशासन को बताया कि फर्जीवाड़ा में राजस्व को भारी नुकसान हुआ है। साथ ही अधिकारी को अंधेरे में रखकर जमकर लेन देन का खेल हुआ है। रवि ने बताया कि हमने जिला प्रशासन से पटवारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
मामले को गंभीरता से लिया जा रहा
तहसीलदार अश्वनी कंवर ने बताया कि फौती नामांतरण की प्रक्रिया को काफी गंभारता से लिया जाता है। मामले की जानकारी आलाधिका्रियों के संज्ञान में लाया गया है। जो भी दोषी होगा आप लोगों तक जानकारी पहुंच जाएगी। बहरहाल मामले में जांच पड़ताल भी करेंगे।