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नेता नहीं…वकील हूं…लेकिन नही लड़ूंगा मुसलमानों का केस…विष्णु शंकर ने कहा…फ्रांस बदल सकता है..तो भारत क्यों नहीं

भारतीय संविधान को बदलने की जरूरत

बिलासपुर—मैं वकील हूं…नेता नहीं…बावजूद इसके मैं अपनी आस्था के खिलाफ मुसलमानों की पैरवी नहीं करूंगा। मुझ पर कोई दबाव भी नहीं डाल सकता है। वकील की अपनी स्वतंत्रता है कि वह किसकी पैरवी करे और किसकी नहीं करे। क्या सलमान, जिलानी ,प्रशांत भूषण को दबाव मैं पैरवी कराया जा सकता है। मैं अपनी वकालत अपने धर्म और समाज को समर्पित किया है। यह बातें सुप्रीम कोर्ट के नामचीन वकील विष्णु शंकर जैन ने कही।

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बताते चलें कि विष्णु शंकर जैन दो दिवसीय प्रवास पर बिलासपुर पहुंचे। वंदे मातरम् समूह ने जगग जगह उनका स्वागत किया। पत्रकारों से बातचीत के दौरान विष्णु शंकर ने बताया कि यदि फ्रांस पांच बार संविधान बदल सकता है तो भारत क्यों नहीं बदल सकता।

103 से अधिक बार संविधान का संशोधन हो चुका है। इसलिए संविधान को बदला जा सकता है।

बिलासपुर प्रवास के दौरान सुप्रीम कोर्ट के वकील विष्णु शंकर जैन का वंदेमातरम समूह के अलावा जैन समाज के लौगों ने जमकर स्वागत किया। जगह जगह उन्होने व्याख्यान भी दिया। इस दौरान जैन ने पत्रकारों से संवाद भी किया।

2014 के बाद जानकारी

सवाल जवाब के दौरान विष्णु शंकर ने बताया कि राम मंदिर, ज्ञानव्यापी के बाद अब हम मथुरा में भी हमें सफलता मिलने जा रही है। हमने इसके अलावा ऐसे स्थानों की पहचान कर केस डालने जा रहे हैं जहां मंदिरों को तोड़कर नया स्ट्रक्चर खड़ा किया गया है।

राजस्थान में अड़ाई दिन का झोपड़ा. जौनपुर में अटाला मस्जिद, बंगाल में अदिना मस्जिद को चुनौती देने जा रहे हैं। विष्णु शंकर ने बताया कि ऐसे हर उस स्थान की पहचान कर रहे हैं जहां हिन्दू मंदिरों के साथ खिलवाड़ किया गया है।

मामलें हो रही तैयारी

विष्णु शंकर ने बताया कि राम मंदिर की तर्ज पर ही श्रीकृष्ण जन्मभूमि मथुरा को भी सुना जा रहा है। तेजी के साथ केस चल रहा है। सुप्रीम कोर्ट के वकील ने बताया कि 2014 के बाद हमारे प्रयास को दिखाया जा रहा है। अन्यथा 2014 के पहले हमारे प्रयासों को कभी दिखाया नहीं गया। हम 1000 कदम चलते तो मात्र 1 कदम की चर्चा होती थी। अब जागरूकता आयी है। हमारे प्रयासों को गंभीरता स लिया जा रहा है।

नता नहीं अधिवक्ता

 एक सवाल पर विष्णु जैन ने कहा कि हिन्दू धर्म का सिद्धन्त मार काट नहीं है। हमारा हिन्दू  समाज जीयो और जीने दो पर विश्वास करता है। जो इस सिध्दान्त को मानता है वह हिन्दूत्व के दायरे में ही आता है। क्या जैन समाज को नया नेता मिल गया है। उन्होने कहा कि मै नेता नहीं..अधिवक्ता हूं। मेरा काम ला के माध्यम से न्याय दिलाने का है। मैं फैक्ट के आधार पर काम करता हूं।

नहीं करूंगा पैरवी

क्या मुस्लिम समाज की तरफ से किसी मामले में जरूरत पड़ने पर पैरवी कर करेंगै। विष्णु शंकर ने कहा कि बिलकुल नहीं…मैं फ्रोफेसनल बेशक हूं…लेकिन धार्मिक मामले में विधर्मी की पैरवी नहीं करूंगा। मेरा प्रोफेशन अपने धर्म को न्याय दिलाने के लिए है। मुझ पर दबाव भी नहीं डाला जा सकता है कि… किसी केस को हाथ में लें। क्या प्रशांत भूषण,सलमान खुर्शीद, पर यदि दबाव नहीं डाल सकते तो मुझ पर भी कोई दबाव नहीं डाल सकता है। मतलब मेरी मर्जी…मेरा कानूनी ज्ञान मेरी आस्था और मेरे धर्म के लिए है।

संविधान में बदलाव

 क्या भारतीय संविधान को बदलने की तैयारी है। विष्णु शंकर ने कहा कि क्यों नहीं…जब फ्रांस का संविधान पांच बार बदला जा सकता है तो भारत का संविधान क्यों नहीं। अब तक 103 बार से अधिक बार संविधान में संशोधन हो चुका है। बहुत खामियां है। मैं महसूस करता हूं कि भारतीय संविधान  में बदलाव की जरूरत है।

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