रायपुर तक पहुंची हसदेव अरण्य की गूंज ..प्रदर्शनकारियों की हुंकार..SAVE HASDEO,CM के नाम भेजा खत,कहा-रोको हो जाएगा विनाश

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— बिलासपुर की जनता ने आज विशाल रैली निकालकर कलेक्टर कार्यालय का घेराव किया। और उग्र प्रदर्शन भी किया। रैली में शामिल लोगों ने बताया कि अब बिलासपुर की जनता जाग चुकी है। हम हसदेव अरण्य का एक भी पेड़ कटने नहीं देंगे। हसदेव अरण्य  मध्यभारत का समृद्ध वन क्षेत्र हैं। जैव विविधता से परिपूर्ण है। जीवों का रहवास और माइग्रेटरी कॉरीडोर भी है। कई विलुप्त प्रजाति के जीव जंतु और वनस्पति वन क्षेत्र मौजूद हैं।वन क्षेत्र से निकालने वाली छोटी जल धाराओं से विशाल हसदेव नदी का जन्म हुआ है। बावजूद इसके केन्द्र और राज्य सरकार षड़यंत्र कर जंगल का विनाश कर रही है। अब भी समय है दोनो सरकार जाग जाएं। 
        
                 बिलासपुर की जनता ने आज विशाल रैली निकालकर कलेक्टर कार्यालय का घेराव किया। हसदेव  अरण्य को विनाश से बचाने प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल के नाम जिला प्रशासन को पत्र भी दिया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने जमकर नारेबाजी की।  मौजूद सैकड़ों की संख्या में लोगों ने हसदेव सेव का नारा लगाया। साथ ही जंगल को बचाने संघर्ष का एलान भी किया।
 
                  प्रथमेश, किरण चावला,चन्द्रप्रदीप समेत सभी ने बताया कि जल जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने 2010 में वन क्षेत्र की पर्यावरणीय संवेदनशीलता को बचाने सम्पूर्ण हसदेव अरण्य को NO GO क्षेत्र घोषित किया था । लेकिनएक कॉर्पोरेट कंपनी के मुनाफे के लिए राज्य सरकार हसदेव को बचाने अपनी प्रतिबद्धता से पीछे हटते हुए कोल ब्लाक में खनन को स्वीकृत जारी कर दिया है। एक दशक से हसदेव के आदिवासी  जल, जंगल, जमीन को बचाने संवैधानिक और लोकतांत्रिक तरीके से आन्दोलन कर रहे हैं।
              प्रथमेश और किरण ने बताया कि हसदेव के साथ अब प्रदेश की जन भावना जुड़ चुकी है। यह पहली बार हुआ किसी आन्दोलन ने अपने क्षेत्र की सीमाओं को तोड़ते हुए राष्ट्रीय और  अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर समर्थन हासिल किया है। स्पष्टहै की जलवायु परिवर्तन के इस भयंकर दौर में हसदेव जैसे जंगल को जीवन के लिए बनाये रखना आवश्यक है ।
 
               प्रदेश के मुखिया से निवेदन है कि संघीय ढांचे में राज्य सरकार के पास सभी अधिकार सुरक्षित है। जमीन पूर्णतः राज्य का विषय है। किसी भी परियोजना के लिए वन भूमि के डायवर्सन का अंतिम निर्णभी राज्य सरकार की है। नंदराज पहाड़ की वन अनुमति को फर्जी ग्राम सभा साबित होने पर निरस्त किया गया है। इसी प्रकार हसदेव अरण्य का कोयला खनन परियोजनाओ
की वन अनुमति को निरस्त किया जाए।
 
              किरण चावला ने बताया कि पांच जून को पर्यावरण दिवस है। हम सभी बिलासपुर वासी हसदेव अरण्य को बचाने बिलासपुर से हसदेव तक मोटररैली निकालेंगे। सरकार पर दबाव बनाएंगे।
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