PRESS VARTA में अरूण साव का छलका दर्द..बोले भाजपा प्रदेश अध्यक्ष-कांग्रेस ने हमारे आदिवासी नेता को छीना..पार्टी ने नहीं दिया धोखा

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—- बिलासपुर स्थित अपने सरकारी आवास में पत्रकारों से चर्चा कर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरूण साव ने नन्दकुमार साय के पार्टी छोड़ने पर आश्चर्च जाहिर किया। साथ ही उन्होने दुहराया कि नन्दकुमार साय पार्टी के बहुत पुराने नेता हैं। भाजपा स्थापना में उनका अहम योगदान है। कांग्रेस ने उनको प्रताड़ित भी किया। लेकिन उसी कांग्रेस में प्रवेश समझ से परे है। फिलहाल मामले में पतासाजी करेंगे। पत्रकारों से बातचीत के दौरान अरूण साव के जुबान और चेहरे पर नन्दकुमार साय के पार्टी छोड़ने का पर दर्ज भी दिखाई दिया।  

अपने सरकारी आवास पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरूण साव पत्रकारों से रूबरू हुए। इस दौरान उनके चेहरे पर आदिवासी नेता नन्दकुमार साय के भाजपा छोड़ने और कांग्रेस प्रवेश को लेकर दर्द दिखाई दिया। इस दौरान पत्रकारों ने नन्दकुमार साय के पार्टी छोड़ने और नाराज होने को लेकर कई सवाल किए। लेकिन हर सवाल का जवाब बस यही था..कि उन्हें जानकारी नहीं है कि आखिर उन्होने पार्टी क्यों छोड़ा।

अरूण साव ने बताया कि नन्दकुमार साय 1977 से लेकर आज तक पार्टी की सेवा किया है। भाजपा के स्थापना में भी उनका योगदान है। प्रदेश के बड़े आदिवासी नेता हैं। पार्टी ने उन्हें बहुत कुछ दिया। नेता प्रतिपक्ष बनाया..कई बार विधायक और सांसद रहे। प्रदेश अध्यक्ष भी बनाया। राष्ट्रीय स्तर पर आदिवासी आयोग का अध्यक्ष का तोहफा भी दिया। बावजूद इसके उन्होने पार्टी छोड़ा। कुछ समझ नहीं आया है। हमने एक दिन पहले सम्पर्क का प्रयास भी किया। लेकिन मुलाकात नहीं हुई।

अरूण साव ने सवाल जवाब के दौरान बताया कि भाजपा ने प्रदेश को कई बड़े आदिवासी नेता दिए हैं। लेकिन कांग्रेस ने हमारे आदिवासी नेता को हमसे छीन लिया। कांग्रेस का काम ही यही है। इस दौरान अरूण साव ने नन्दकुमार साय के भाजपा छोड़े जाने का दोषी कांग्रेस को ठहराया।

साव ने कहा कि जिस कांग्रेस सरकार ने नन्दकुमार को शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया। आज उसी कांग्रेस में नन्दकुमार साय का प्रवेश समझ परे है।

क्या शारीरिक पीड़ा से अधिक भाजपा ने मानसिक पीड़ा दिया है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि हमने उनका बहुत सम्मान दिया। उन्हें बड़े बड़े पदों से सम्मानित किया गया। बावजूद इसके हमारे पास आदिवासी नेताओं की कमी नहीं है। 

रेणुका सिंह के अलावा और कौन बड़ा आदिवासी नेता भाजपा में रह गया है। सवाल के जवाब में अरूण साव ने कहा भाजपा में आदिवासी नेताओं की लम्बी फेहरिस्त है। लेकिन उन्होने इस दौरान एक भी आदिवासी नेता का नाम नहीं बताया। उन्होने इतना जरूर कहा कि मैने सीएम का बयान सुना था लेकिन उन्होने नन्दकुमार साय का नाम नहीं लिया था।

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