CG Reservation: आरक्षण मामले में हाईकोर्ट से राजभवन को नोटिस..सुनवाई के बाद बोले कपिल सिब्बल..सबको मालूम..अडानी के दोस्त कौन..
कपिल सिब्बल ने कहा..आर्टिकल 200 के तहत देना चाहिए जवाब

बिलासपुर—छ्त्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने राज्यपाल को नोटिस जारी कर आरक्षण मामले में जवाब मांगा है। मामले में आज सुनवाई के बाद देश के जाने माने अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने सुनवाई के बाद पत्रकारों को जानकारी दिया कि आरक्षण विधेयक सदन से दिसम्बर को पारित हुआ। इसके बाद आज तक राज्यपाल ने हस्ताक्षर नहीं किया है। इससे प्रदेश की जनता को खासकर आदिवासी समाज को बहुत नुकसान हो रहा है। हाईकोर्ट ने आज राज्यपाल के सचिव को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है।
76 प्रतिशत आरक्षण मामले में शासन की तरफ से आज छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में देश के जाने माने अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने आरक्षण को लेकर तर्क पेश किया। कपिल सिब्बल ने बताया कि दो दिसम्बर को सदन से आरक्षण बिल पास हुआ। दो महीना बीत जाने के बाद भी राज्यपाल महोदया ने बिल को दबा कर रखा है। इससे प्रदेश की जनता खासकर आदिवासियों को बहुत बड़ा नुकसान हो रहा है। न्यायमूर्ति रजनी दुबे के सिंगल बेंच ने सुनवाई के बाद राज्यपाल के सचिव को नोटिस जारी किया है। साथ ही दो हप्ते के बीच जवाब पेश करने को कहा है।
कपिल सिब्बल ने बताया कि आरक्षण बिल संवैधानिक है या नहीं..इसका फैसला कोर्ट को करना है। नियमानुसार आर्टिकल 200 के तहत राज्यपाल महोदया को या तो बिल पर हस्ताक्षर करनार चाहिए। अथवा बिल सरकार को लौटा देना चाहिए। राष्ट्पति के पास भी भेज सकती है। लेकिन राज्यपाल महोदया बिल रोक नहीं सकती हैं।
सबको मालूम अडानी का दोस्त कौन
सवाल जवाब के दौरान कपिल सिब्बल ने एक सवाल के जवाब में बताया कि अडानी मामले में देश का बाजार बुरी तरह लड़खड़ा गया है। यह सच है कि वह गरीबों के नेता हैं। लेकिन गरीब भी आज चुप है। कुछ बोलने की स्थिति में नहीं है। कोई कुछ नहीं बोल रहा है। सबको मालूम है कि अडानी के दोस्त कौन है। लेकिन वह नही बोल रहे हैं। राहुल गांधी भी सरकार पर कार्पोरेट के नियंत्रण को लेकर कहते रहे हैं। कपिल सिब्बल ने बताया कि बहरहाल मैं इस मामले में कुछ नहीं बोलूंगा।