VIDEOः नेता प्रतिपक्ष ने कहा..देश में खोले जाएंगे 4 वायरोलाजी केन्द्र सेन्टर .. स्वास्थ्य क्षेत्र को बजट में प्राथमिकता

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—- छत्तीसगढ़ विधानसभा नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि कोरोना काल में पेश किया बजट देश के सर्वांगीण विकास का दर्शन करवाता है। लोग कयास लगा रहे थे कि कोराना काल में बजट के बाद कठोर कदम उठाए जाएंगे। लेकिन हुआ उल्टा…किसी भी क्षेत्र में किसी प्रकार की कटौती नहीं की गयी। लेकिन बदकिस्मति कहें कि आज प्रदेश के ही स्वास्थ्य मंत्री लोगों को वैक्सीन लगवानें से रोक रहे हैं।बजट पेश किए जाने के करीब दो सप्ताह बाद छत्तीसगढ़ विधानसभा नेता प्रतिपक्ष ने बजट की विशेषताओं को पत्रकारों के सामने पेश किया। उन्होने बताया कि बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र को केन्द्र में रखकर पेश किा गया है। पिछले बार की तुलना में कोरोना काल में पेश किया गया बजट आम जनता के बहुत करीब का है। पिछले बार की तुलना में इस बार स्वास्थ्य क्षेत्र में 137 प्रतिशत से ज्यादा खर्च किए जाने का लक्ष्य रखा गया है। लोगों में भय था कि कटौती होगी। अतिरिक्त टैक्स लगाए जाएंगे। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ है।

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                         धरम ने कहा कि इस बजट में 34 प्रतिशत से अधिक पूंजीगत व्यय का प्रावधान किया गया है। स्वास्थ्य क्षेत्र में 2.23 लाख करोड़ दिया गया है। लगभग 35 हजार करोड़ रूपए का एलाट वैेक्सीन बनाने पर किया गया है। बजट में विशेषकर पांच  राज्यों में न्यूमोकोकस वैक्सीन के लिए, रिसर्च के लिए विशेष प्रावधान किया गया है। ताकी समय से पहले मौत के मुंह में जाने वाले बच्चों को सुरक्षित बचाया जा सके।धरमलाल कौशिक ने कहा कि कोरोना के चलते देश दुनिया को बहुत जनहानि का सामना करना पड़ा है। इस प्रकार के अज्ञात बीमारियों से बचने के लिए केन्द्रीय बजट में देश में चार राष्ट्रीय वायरोलाजी सेन्टर खोलने का फैसला किया है। ताकि आने वाली समस्याओं को रिसर्च के माध्यम से समय रहते बचा सके।

                नेता प्रतिपक्ष ने बताया कि अभी तक वैक्सीनेशन का दो चरण हो चुका है। कहीं से वैक्सीन को लेकर किसी प्रकार की शिकायत नहीं आयी है। लेकिन दुर्भाग्य है कि प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री वैक्सीन ट्रायल की बात कर लोगों को वैक्सीनेशन के लिए रोक रहे हैं। जबकि दुनिया भारत की वैक्सीन के लिए मुंह देख रही है। बावजूद इसके वैक्सीनेशन के लिए रोकना प्रदेश की जनता के साथ दुर्भाग्य है। इससे जाहिर होता है कि प्रदेश सरकार निजी कम्पनियों को फायदा पहुंचाने का प्रयास कर रही है।

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