बिलासपुर– रेलवे क्षेत्र ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष मोती थारवानी की गिरफ्तारी के बाद विधायक शैलेष पाण्डेय तारबाहर पहुंचे। इस दौरान विधायक की साइबर सेल प्रभारी के साथ जमकर तू-तू मैं-मैं हुई। विधायक ने इस दौरान कई सवाल किए। वहीं पुलिस विधायक को समझाती रही। लेकिन मोती थारवानी के एफआईआर नहीं लिखे जाने को लेकर जमकर नाराजगी करते रहे।
बताते चलें कि मोती थारवानी को कामठी से पुलिस ने गिरफ्तार किया। मोती थारवानी पर यातायात आरक्षक के साथ बदसलुकी का आरोप है।
अपने समर्थकों के साथ तारबाहर थाना पहुंचकर मोती थारवानी की गिरफ्तारी को गलत बताया। शैलेष पाण्डेय ने पत्रकारों से कहा कि मानता हूं कि मोती थारवानी ने पुलिस से बदसलूकी किया है। इसके लिए बिलासपुर का विधायक होने के नाते पुलिस प्रशासन से माफी मांगता हूं। लेकिन पुलिस पुलिस को बताना होगा कि जब मोती थारवानी के परिजन एफआईआर लिखाने थाना पहुंचे तो..दर्ज क्यों नहीं किया गया।
नाराजगी जाहिर करते हुए शैलेश पाण्डेय ने बताया कि मोती थारवानी को उसकी पत्नी के सामने आरक्षक ने गाली दिया। क्या यह अपराध नहीं है। मैने पहले भी कहा था कि पुलिस बिलासपुर जैसे अमन पसंद जनता के बीच में दहशत फैलाना का काम कर रही है।
शैलेष ने आरोप लगाया कि पुलिस एक सामाजिक कार्यकर्ता, पार्टी और जनता के प्रति वफादार मोती थारवानी के साथ गुंडा जैसा व्यवहार कर रही है। इसे हरगिज बर्दास्त नहीं किया जा सकता है। मोती के साथ पुलिस गुंडा और कातिल जैसा सलूक कर रही है। आतंकवादियों जैसा व्यवहार किया जा रहा है।
पाण्डेय ने पुलिस की नैतिकता पर भी सवाल उठाया। उन्होने कहा कि मैने पहले भी पुलिस की कारगुजारियों को लेकर आवाज बुलंद किया था। आज भी उस पर कायम हूं।