videoः सदन में गूंजा जिले का नाम.. तन्खा ने बताया..बिलासपुर,भिलाई में भी मस्कुलर मरीज..दिए चार सुझाव

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— संसद में बिलासपुर का नाम एक बार सांसदों को सुनने को मिला। मौका था जब राज्यसभा सांसद कांग्रेस नेता विवेक तन्खा ने मस्कूलर रोग को लेकर अपनी बातों को सरकार के सामने रखा। तन्खा ने कहा जानलेवा मरीजों की संख्या दिनों दिन बढ़ रही है। बिलासपुर के अपोलो और भिलाई में मरीजों का इलाज किया जा रहा है। दवाई महंगी होेने के कारण इनकी स्थिति बहुत नाजुक है। सरकार इसकी दवाई को लेकर विशेष प्रयास करने की जरूरत है।

             
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                 राज्यसभा में कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा ने सदन के सामने देश में लगातार बढ़ रहे मस्कूलर रोग से पीड़ित मरीजों और परिजनों की समस्या को गंभीरता के साथ रखा। सदन में विवेक तन्खा ने इस दौरान  मस्क्युलर रोग से पीड़ित बच्चों की पीड़ा को गंभीरता के साथ रखा। तन्खा ने बताया कि मस्कूलर रोग बहुत ही भयावह है। देश में इस हजारों रोग इस रोग से पीड़ित हैं। खासकर बच्चों सर्वाधिक प्रभावित है।

              रोग से बचाने के लिए इंजेक्शन पूरे विश्व मे सिर्फ अमेरिका में ही बनती है। इंजेक्शन की कीमत 16 करोड़ है। टैक्स के साथ भारत में इंजेक्शन का दाम करीब 23 करोड़ है। तन्खा ने बताया कि महाराष्ट्र की एक बच्ची के माता पिता के आह्वान पर प्रधानमंत्री ने 7 करोड़ का टैक्स माफ किया है। बाकी रूपयों का इंतजाम पीड़ित परिवार ने लोगों के सहयोग से किया है।

                 तन्खा ने बताया कि बिलासपुर के अपोलों में मस्कूलर रोग से पीड़ित बच्ची का इलाज किया जा रहा है। इसी तरह भिलाई की बच्ची भी मस्कूलर रोग से जंग लड़ रही है। भिलाई में मस्कूलर रोग से पीड़ित बच्ची के माता पिता  मुझसे जबलपुर आकर मिलने आए। उन्होने रोग की भयावहता और आर्थिक समस्या से जुड़ी जानकारियों को साझा किया।

           सदन को तन्खा ने बताया कि देश मे 2500 बच्चे मस्कूलर रोग से पीड़ित है। किसी भी परिवार के लिए 23 करोड़ का एक इंजेक्शन लगा पाना संभव नही है। क्योंकि इतनी बड़ी राशि का भुगतान ना तो गरीबों के और ना ही करोड़पतियों की बसे की है।

                तन्खा ने मामले में सरकार को जनहित में चार सुझाव दिए। उन्होेन कहा कि केंद्र सरकारर को अमेरिका से बात कर मूल्य कम करवाने का प्रयास करना चाहिए।  सरकार भी मस्कूलर की दवाइयों यानि इंजेक्शन पर  टैक्स माफ करना चाहिए। राज्य और केंद्र सरकार अन्य मद से इस पर छूट देना चाहिए। ताकि बच्चों को बहुत ही कम कीमत पर या मुफ्त में इंजेक्शन लग सके।

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