VIDEOः निजात अभियान के दौरान गिरफ्तार बंदी को दुनिया से मिली निजात..कैदियों ने इतना मारा कि जेल में तोड़ा दम..परिजनों ने लगाया संगीन आरोप

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—पुलिस की निजात अभियान की सफलता पर जेल में विचाराधीन बन्दी ने दम तोड़कर दाग लगा दिया है। शुक्रवार को शराब बनाने के जुर्म में गनियारी निवासी उपेन्द्र वर्मा की रविवार को मौत हो गयी। इसके साथ ही वह हमेशा के लिए इस दुनिया से निजात पा लिया। खबर के बाद परिवार समाज और गांव के लोगों ने कलेक्टर और पुलिस कप्तान कार्यालय के सामने उग्र प्रदर्शन किया। इस दौरान सभी ने पुलिस और जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर हंगामा किया। मुर्दाबाद का नारा लगाया। कोटा पुलिस पर एक लाख रूपये मांगने का संगीन आरोप भी लगाया। मृतक के परिजनों ने मृतक को निर्दोष करार देते हुए प्रशासन से पचास लाख का मुआवजा के साथ नौकरी मांगा है। बहरहाल मामले में पुलिस की तरफ से बयान आया है कि बंदी की जेल में मौत हुई है। प्रशासन ने न्यायिक जांच का आदेश दिया है। 

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 कलेक्टर और पुलिस कार्यालय का घेराव

शाम करीब चार पांच बजे के बीच गनियारी वर्मा मोहल्ला निवासियों ने जिला और पुलिस प्रशासन के खिलाफ कार्यालय के सामने उग्र प्रदर्शन किया। जिसके चलते घंटे भर से अधिक समय तक नेहरू चौक से मुंगेली नाक चौक की सड़क पुलिस प्रशासन ने दोनो तरफ से बन्द कर दिया। बावजूद इसके गनियारी के लोगों ने उपेन्द्र की मौत को लेकर पुलिस कप्तान कार्यालय के सामने पहुंचकर जमकर हंगामा बरपाया।

 मृतक ने मारपीट का किया था जिक्र

परिजनों ने बताया कि कोटा पुलिस ने उपेन्द्र वर्मा को निजात अभियान चलाकर शराब बनाने के झूठे मामले में शुक्रवुार को गनियारी स्थित वर्मा मोहल्ला से गिरफ्तार किया। इस दौरान पुलिस ने एक लाख रूपयों की मांग कर छोड़ने की बात कही। रूपया की व्यवस्था नहीं होने पर कोटा पुलिस ने उपेन्द्र को जेल दाखिल कराया। शनिवार को जब उपेन्द्र के माता पिता जेल मिलने पहुचे तो उसने जेल मारपीट किए जाने की बात कही। और जल्द से जल्द जेल से छोड़े जाने की गुहार लगायी। दूसरे दिन यानि रविवार को  पुलिस से जानकारी मिली कि उपेन्द्र की मौत हो गयी है। 

 एक लाख रूपयों की मांग

  परिजनों ने आरोप लगाया कि पुलिस शराब बनाने का आरोप लगाकर हमेशा वसूली अभियान चलाती है। घटना के दिन भी ऐसा ही हुआ। शुक्रवार की सुबह करीब 6 बजे उपेन्द्र अभी बिस्तर पर ही था कि पुलिस उसे पकड़ने पहुंच गयी। विरोध करने पर पुलिस की तरफ से एक लाख रूपयों की मांग की गयी। चूंकि हम हमेशा पुलिस को रूपये देते रहते हैं। लेकिन कभी भी एक लाख रूपया नहीं दिया। और आज हमारा भाई.बेटा और बच्चा हमारे बीच नहीं है।

जेल में बेरहमी से मारा गया

घेराव करने पहुंचे गांव के मुखिया और सामाजिक नेताओं ने बताया कि उपेन्द्र वर्मा को जेल में मारापीटा गया है। गला दबाकर जेल में ही मारा गया है। उसकी आंखे बाहर आ गयी है। गले पर दबाने का निशान है। हाथ पैर और सीना पर भी चोट के निशान है। उसे मृत अवस्था में ही सिम्स में दाखिल कराया गया है। और अपनी गलतियों को छिपाने अधिकारी बीमार होने की बात कह रहे हैं। सच्चाई तो यहा है कि शनिवार को जेल में माता पिता से मिलने के दौरान उपेन्द्र ने मारपीट के बाद सीने में दर्द होने की बात कही थी। उसकी मौत मार पीट के कारण ही हुई है। 

पचास लाख मुआवाज की मांग

मामले में सामाजिक नेता और परिजनों समेत माता पिता ने बताया कि उपेन्द्र अपने घर का एक मात्र कमाने वाला व्यक्ति था। दो साल पहले ही उसकी शादी हुई है। कोई बच्चा भी नहीं है। 35 साल की अविवाहित बहन कई साल से बिस्तर पर है। उसका सारा काम बिस्तर से ही होता है। हमारी मांग है कि उपेन्द्र के परिवार को प्रशासन पचास लाख का मुआवजा के साथ नौकरी दे। यदि हमारी मांग को पूरा नहीं किया गया तो हम ऐसा आंदोलन करेंगे जिसे शासन प्रशासन दशकों तक याद रखेंगा।

शराब के साथ पकड़ा गया उपेन्द्र

वहीं प्रदर्शन और उपेन्द्र की मौत पर एडिश्नल एसपी राजेन्द्र जायसवाल ने बताया कि कोटा पुलिस ने शराब के खिलाफ अभियान के दौरान मृतक को दोषी पाए जाने पर गिरफ्तार किया था। उसकी मौत हो गयी है। मामले में प्रशासन ने जांच का आदेश दिया है। उपेन्द्र को शरा्ब के साथ पकड़ा गया था।

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