शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानन्द ने कहा-अखण्ड भारत चाहिए..इनके साथ रहने में दिक्कत नहीं…धर्मांतरण को बताया राजनैतिक मुद्दा

BHASKAR MISHRA
3 Min Read

बिलासपुर–जिन्ना नही चाहते थे कि हिन्दु मुसलमान साथ रहे। उन्होने मुसलमानों के लिए देश का विभाजन कराया। लेकिन सभी मुसलमान पाकिस्तन नहीं गए। जब हमें साथ ही रहना है तो..सवाल वाजिब है कि देश का विभाजन क्यों। समय आ गया है कि विभाजप के फैसले का पुनरीक्षण किया जाए।देश अमृत महोत्सव मना रहा है। हमने कभी मुस्लिमों से अलग रहनी कभी मांग नहीं किया है। हमें एक साथ रहने से कोई दिक्कत भी नहीं है। ऐसी सूरत में देश को अखण्ड भारत बनाने पाकिस्तान को भारत में मिलाया जाए। हम सब मिलकर रहेंगे। यह बातें बिलासपुर प्रवास के दौरान ज्योर्तिमठ शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरन्द महाराज ने कही। शंकराचार्य ने बताया कि मीडिया अब कार्पोरेट के कब्जे मेे है। अब अखबार की हेडलान जनता की नहीं सरकार की होती है। ऐसी सूरत में जनता के हितों की कल्पना भी मुश्किल है। 

Join Our WhatsApp Group Join Now

ज्योर्तिमठ आश्रम शंकराचार्य एक दिवसीय प्रवास पर बिलासपुर पहुंचे। पत्रकारों से रूबरू हुए। सवाल जवाब के दौरान कहा कि हिन्दुओं को मुस्लिमों के साथ रहने में कभी परेशानी नहीं हुई। हम वसुदैव कुटुम्बकम की भावना रखते हैं। जिन्ना ने इस्लामिक राष्ट्र के लिए देश का विभाजन कराया।  लेकिन सभी मुसलमान पाकिस्तान तो नहीं गए। इसलिए अब समय आ गया है कि विभाजन के फैसले पर पुनर्विचार किया जाए। जब हमें एक साथ ही रहना है तो पाकिस्तान को भारत में मिलाकर अखण्ड राष्ट्र की कल्पना को साकार किया जाए। क्योंकि हिन्दुओं को मुस्लिमों के साथ रहने में कोई दिक्कत नहीं है।

शंकराचार्य ने कहा…तथाकथित संतों के चमत्कार को नमस्कार करता हूं। यदि जनता के हित में चमत्कार करें तो हम स्वागत करेंगे। पलकों पर बिठाएंगे। धर्मांतरण के सवाल पर शंकराचार्य ने बताया कि यह सब राजनैतिक मुद्दा है। क्योंकि ऐसा करने से वोट बैंक बढ़ता है। और सब इसी के लिए हो रहा है। सनातन धर्म को कोई खतरा नहीं है..क्योंकि सनातन धर्म दृढ़ है। उन्होने दुहराया कि सनातन धर्म में राजनीति और धर्मनीती दोनो अलग है। अन्य धर्मों में धर्माचार्य और राजनेता एक ही होते हैं।

संतों के चमत्कार पर शंकराचार्य ने कहा कि अच्छी बात है यदि जनता के हितों में कोई चमत्कार करे। हम उनका स्वागत करते हैं। चमत्कार को नमस्कार करते हैं।  मीडिया की भूमिका पर दुख जाहिर किया। शंकराचार्य ने कहा कि अब संवाददाताओं को  हाईप्रोफाइल चेहरा और समाचार चाहिए। जनता का कोई हित मायने नहीं रखता है। एक दौर था हेडलाइन गरीब जनता के नाम होता था। और सरकार का बयान बाक्स में होता था। आज बाक्स में जनता का बयान और हेडलाइन सरकार की होती है। मीडिया बेशक चौथा स्तम्भ हो..लेकिन जनता के हितों को पूरी तरह से भूल चुका है।

 

close