VIDEO-भारी पड़ गयी सिम्स की लापरवाही.. और वही हुआ जिसका डर था..चुट्टू के नाराज भाई ने कहा.अलविदा बिलासपुर..शामिल हुआ शहर

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—जिसका डर था…वही हुआ…जिसके लिए सिम्स से तूफान उठा..सिटी कोतवाली में प्रदर्शन हुआ..जमकर राजनीति हुई..उस शख्स ने आज बिलासपुर को अलविदा कह दिया। जी हां हम बात कर रहे हैं..जुगरू यानि रविशंकर अवस्थी की…जिनकी मौत के लिए केवल और केवल सिम्स और प्रबंधन जिम्मेदार है। यद्यपि सिम्स को लेकर इस प्रकार का मामला पहला नहीं है..शायद अंतिम भी नहीं होगा। क्योंकि जो आया है..उसे जाना ही होगा…लेकिन जुगरू अवस्थी के साथ सिम्स प्रबंधन ने जैसा व्यवहार किया…निश्चित रूप से इस प्रकार की अमानवीयता का सबसे घृणित उदाहरण को कभी भी नहीं भुलाया जा सकता है।

                        अभी सिम्स विवाद को एक सप्ताह भी नहीं हुआ है। लोगों को याददास्त पर भी जोर नहीं देना होगा। पिछले रविवार को चुट्टू अवस्थी गंभीर रूप से घायल अपने बड़े भाई..रविशंकर जुगरू अवस्थी का एक्सरे और एमआरआई कराने दोपहर को सिम्स ले गए। घंटा दो घंटा और फिर पहर बीतने के बाद चुट्टू को जानकारी मिलती है कि मशीन खराब है..एक्सरे फिल्म भी नहीं है। एमआरआई भी सम्भव नहीं है। इसलिए जुगरू अवस्थी का इलाज सिम्स में संभव नहीं है। करीब पांच छः घंटे के इंतजार और फिर विवाद के बाद मशीन ने काम करना शुरू कर दिया। एक्सरे फिल्म भी मिल गयी..। रिपोर्ट भी चन्द घंटे के अन्दर हाथ में आ गया। लेकिन तब तक  सिम्स प्रबंधन ने जुगरू अवस्थी के माथे पर मौत का पैगाम लिख दिया था। बेशक मौत का कारण सिम्स की लापरवाही ना भी हो..लेकिन सिम्स प्रबंधन ने भी अपने गले में लापरवाही का तमगा लटका लिया था। आज सोमवार को सिम्स की उसी लापरवाही को शहर ने देखा..और रोते बिलखते परिवार को जुगरू अवस्थी ने बिलासपुर की जीवन्त राजनीति और अपनों को हमेशा हमेशा के लिए अलविदा कह  दिया। खबर के बाद सिम्स प्रबंधन को सांप सूघ गया। 

                      सिम्स और कोतवाली घटना के बाद सभी ने सिम्स की लानत मलानत की। लेकिन किसी ने भी इस दौरान ना तो जुगरू अवस्थी के परिवार के दर्द को समझा और ना ही चुट्टू अवस्थी की पीड़ा को समझने का प्रयास ही किया। इस दौरान जमकर राजनीति हुई। जैसा की सभी लोग जानते हैं कि राजनीति में भावनाओं का कोई स्थान नहीं होता। यहा भी वही हुआ। प्रदर्शन के बाद सभी लोग सिम्स की व्यवस्था पर बयान करने के साथ राजनीति करते रहे। लेकिन किसी ने भी जुगरू अवस्थी और उनके परिवार की पीड़ा को समझने का प्रयास शायद ही किया।

           शोक में डूबे अवस्थी परिवार को आज पश्चाताप है कि काश कीमती पांच से सात घंटा का समय सिम्स में बरबाद नहीं करते। तो शायद परिवार का मुखिया उनके बीच होता। बहरहाल राजनीति भी अपनी गति से चल रही है..लोगो का मुंह भी चल रहा है…लेकिन लोग समझने का भरसक प्रयास भी कर रहे है कि जुगरू की मौत सिर की चोट से हुआ है …या सिम्स की घोर लापरवाही से….यह जांच का विषय है..यदि जांच होती है तो राज जरूर सामने आ जाएगा। फिलहाल राज का बाहर आना नामुमकिन है..क्योंकि पहले भी कई लापरवाही पर कई टीम ने जांच की है..लेकिन परिणाम किसी का भी सामने नहीं आया है। इसलिए दावा करना फजूल है कि जुगरू अवस्थी के परिवार को न्याय मिलेगा…..।

https://youtu.be/uMyfEMQ71yM
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