हमें अपने आदिवासी समाज पर गर्व.. विजय ने कहा..सीएम का स्पष्ट निर्देश .. जंगल पर आदिवासियों का पहला हक

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—-कोटा ब्लाक के शिवतराई में जिला स्तरीय आदिवासी सम्मेलन का आयोजन नागा-बैगा जनशक्ति और “जय सेवा संगठन” के बैनर तले किया गया। कार्यक्रम को जिला कांग्रेस अध्यक्ष विजय केशरवानी ने संबोधित किया। अपने संबोधन में विजय केशरवानी बताया कि हमे अपने छत्तीसगढ़ी आदिवासी भाई बहनों और समाज के एक सदस्यों पर नाज है।

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                 कोटा ब्लॉक के शिवतराई गांव में जिला स्तरीय आदिवासी सम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में आसपास के 30 से अधिक गांव के आदिवासी समाज के प्रबुद्ध जन एकत्रित हुए। समारोह में परंपरागत तरीके से सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गयी। साथ ही आदिवासियों के वनाधिकार और आजीविका को लेकर जानकारियां दी गयी।

                     जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विजय केशरवानी ने आदिवासियों की आजीविका पर जोर देते हुए आदिवासियों को स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया। केशरवानी ने कहा कि, कांग्रेस की भूपेश सरकार आदिवासी समाज के हित संबर्धन को लेकर पूरी तरह से मुस्तैद है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का कोटा समेत दूरस्थ ग्रामीण आदिवासी अंचलों में बसे आदिवासियों की आजीविका को लेकर पूरी तरह से सजग है। सरकार आदिवासी महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने को लेकर लगातार प्रयासरत है। विजय केशरवानी ने बताया कि आदिवासी महिलाएँ अपना स्वयं का स्वरोजगार स्थापित करें। मुख्यमंत्री की यही तमन्ना है।

                  केशरवानी ने बताया कि जंगल में रहने वाली आदिवासी महिलाओं के लिए घरेलु उद्योगों की स्थापना करने और घर में ही रह कर काम कर सकें सरकार का इस तरफ गंभीर प्रयास है। सरकार की मंशा है कि आदिवासी समाज के बच्चे उच्च शिक्षा हासिल करें। जिससे समाज के बच्चे ना केवल अपने समाज बल्कि प्रदेश का नाम रोशन करें। साथ ही लुप्त होती अनमोल आदिवासी परंपराओं को संजोना का काम भी करें।

            विजय ने बताया कि आज आदिवासी समाज ऊँचे पद में अपना स्थान बना रहा है। वनोपज से विभिन्न प्रकार के घरेलू उत्पाद भी तैयार कर रहा है। आदिवासी समाज का एक एक व्यक्ति आर्थिक रूप से मजबूत बने कांग्रेस सरकार उन्हें जंगल का मालिकाना हक़ देने के दिशा मे लगातार प्रयास कर रही है। जिससे जंगल में होने वाले फलों पर सबसे पहला अधिकार आदिवासी समाज का हो।

          इस दौरान विजय को समाजिक कार्यकर्ताओं ने बताया कि क्षेत्र की महिलाएँ मुर्ग़ी और
बकरी पालन जैसे व्यवसाय कर रही हैं। इतना ही नहीं समाज की महिलाएं गी (माड़िया) कोदो, कुटकी जैसे परम्परागत अनाजों से खाद्य विविधताओं को बचाने का भी कार्य भी कर रही हैं। प्रशिक्षित महिलाएं आसपास के गांव के महिला समूहों को भी प्रशिक्षित कर रही हैं।  इन महिलाओं ने ग्राम करही कछार में अपना स्वयं का प्रशिक्षण केंद्र भी खोला है। महिला समूह के इन्हीं कार्यों से प्रभावित होकर नागा-बैगा-जनशक्ति संगठन के संयोजक और प्रेरक समिति के फैलो साथी सीमांचल अचारी ने बैगा जनजाति की आजीविका को लेकर बहुआयामी योजना पर कार्य करने का निर्णय लिया है.।

           आदिवासी सम्मेलन में जिला पंचायत बिलासपुर अरुणचौहान, सामाजिक कार्यकर्ता अनिल बामने संतकुमार नेताम, बैगा समाज प्रदेश अध्यक्ष इतवारी मछिया, विकासशील फाउंडेशन के अध्यक्ष लक्ष्मी जायसवाल , कांग्रेस नेता आदित्य दीक्षित,सत्येन्द्र कौशिक समेत बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।

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