बिलासपुर।सीजी वॉल लेकर आए हैं आप सभी पाठकों के लिए सप्ताह के चर्चित ट्वीट्स जो हमारे देश प्रदेश की ख्यातिलब्ध हस्तियां अपने ट्विटर हैंडल से अपडेट करते हैं। सोशल मीडिया के इस दौर में ऐसी अभिव्यक्तिया जनता के बीच चर्चा में होती है, जिससे देश को देश और समाज में संवाद का सिलसिला क्रिया प्रतिक्रिया के माध्यम से होता है आइए देखते हैं इस सप्ताह के चर्चे कोई कौन से रहे…देश के पूर्व वित्त ,रक्षामंत्री व गृह मंत्री रह चुके वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदम्बरम के एक ट्वीट ट्विटर पर टॉप ट्रेंड पर रहा है। उनके इस ट्वीट की राष्ट्रवादी विचारधारा को मानने वाले उनके इस बयान से आहत है। बिहार चुनाव के पहले इस बयान से कितन नफा नुकसान होगा यह राजनीतिक विष्लेषण कर्ताओ के लिए एक विषय बन गया है। कांग्रेस नेता पी चिदम्बरम लिखते है कि कांग्रेस जम्मू-कश्मीर के लोगों की स्थिति और अधिकारों की बहाली के लिए भी दृढ़ है।
मोदी सरकार द्वारा 5 अगस्त, 2019 को लिए गए मनमाने और असंवैधानिक फैसलों को रद्द किया जाना चाहिए।
पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन ने टिवट कर बताया कि विगत दिवस राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके जी को प्रदेश में बढ़ते अपराधों, बदहाल कानून व्यवस्था व सरकार द्वारा भाजपा कार्यकर्ताओं पर झूठे केस कर प्रताड़ित करने के विरोध में प्रतिनिधि मंडल के साथ ज्ञापन सौंपा। साथ ही इन मामलों में संज्ञान लेने का अनुरोध किया।
इसके पूर्व एक अन्य ट्वीट उन्होंने कहा कि सीएम हाउस के बाहर फिर बेरोजगारी से तंग आकर एक युवक आत्महत्या करने पहुंचा। यह भूपेश सरकार के मुंह पर तमाचा है।
सरकार की वादाखिलाफी के चलते हम युवा हरदेव सिन्हा को खो चुके हैं। आखिर यह संवेदनहीन सरकार कब जागेगी।
युवाओं से किये वादे निभाये @INCChhattisgarh सरकार!
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के आधिकारिक ट्विटर खाते से लिखा हुआ पोस्ट ट्वीट किया जाना राज्य में कांग्रेस की सरकार के लिए अच्छा संदेश हो सकता है। राज्य की योजनाओं पर पार्टी ने ट्वीट किया और लिखा कि
छत्तीसगढ़ कांग्रेस सरकार ने हर वर्ग का ख्याल रखा। अनुसूचित जनजाति और पारंपरिक वनवासियों को वन अधिकार वितरित किया, लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पत्रकारिता को भी दी पत्रकार कल्याण कोष की सौगात।
छत्तीसगढ़ कांग्रेस सरकार अपना हर वादा पूरा कर रही है।
ProgressWithCongress https://t.co/5Wm8XrBVU6
मरवाही विधानसभा उपचुनाव में जाति प्रमाण पत्र निरस्त होने के बाद नामांकन खारिज होने से तिल मिलाए अमित जोगी अब घायल शेर जैसे हो गए है। उन्होंने ने ट्विटर पर अपनी प्रतिक्रिया कुछ इस प्रकार की:-
दीप जिस का महल्लात ही में जले
चंद लोगों की ख़ुशियों को ले कर चले
वो जो साए में हर मस्लहत के पले
ऐसे दस्तूर को सुब्ह-ए-बे-नूर को
मैं नहीं मानता मैं नहीं जानता
मैं भी ख़ाइफ़ नहीं तख़्ता-ए-दार से
मैं भी मंसूर हूँ कह दो अग़्यार से
क्यूँ डराते हो ज़िंदाँ की दीवार से
ज़ुल्म की बात को जहल की रात को
मैं नहीं मानता मैं नहीं जानता
(हबीब जालिब)
उपचुनाव में अकसर सत्ता पक्ष विपक्ष पर हावी रहता है। जैसा बिलासपुर जिले में कभी कोटा विधानसभा चुनाव में देखने को मिला था। जो अब मरवाही विधानसभा में दिखाई दे रहा है। इस उपचुनाव के प्रभारी अमर अग्रवाल है। विपक्षी नेताओं में डॉ रामन सिंह , अजय चंद्राकर के बाद ट्विटर पर इनके भी ट्वीट तीखे रहते है। जो मीडिया की सुर्खियों में रहते है। अमर रविवार को ट्वीट कर लिखते है कि
मरवाही में दल बदल कराने पर सरकार जोर मार रही है,हथकंडे अपना रही है लेकिन छत्तीसगढ़ की सियासत के इतिहास को जरा याद कर ले कि जनता इन षड्यंत्रो के लिए कैसे विदाई तय करती है?…वह वक्त करीब आ गया है!
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भाजपा प्रदेश संगठन मंत्री पवन साय द्वारा कांग्रेस सरकार की कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह लगाते कहा गया है कि समूचे कोविड काल में आपने भूपेश बघेल जी को केंद्र से पैसे मांगने के अलावा कुछ भी करते नही देखा होगा। यह आपदा केवल भ्रष्टाचार के अवसर के अलावा और कुछ भी नही। इसीलिए मेडिकल साजोसमान पर सौ-पचास करोड़ भी ख़र्च नही कर पाने वाले लोग ग़रीबों का निवाला भी चट कर रहे हैं। शर्म करो सरकार
गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू के राजभवन में बुलाई गई समीक्षा बैठक में क्वारंटाइन पर होने से नही आना बताकर सीएम हाउस में बैठक में शामिल होने पर तंज कसते हुए पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने ट्विट किया -….. आप तो ऐसे ना…. थे….??
किसके कहने पर, क्यों…… संवैधानिक संस्था का अनादर किये….??
आल इंडिया महिला कांग्रेस ने ट्वीट किया और लिखा कि
आय दिन गैंग रपे के खुलासे सामने आ रहे हैं!
घिनौनी वारदातों से घिरी और चुप बैठी अजय बिष्ट सरकार।
आखिर कब मिलेगा न्याय? https://t.co/tUWjkNB31J
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने ड्रग पेडलर मामले में सरकार को आड़े हाथों लेते हुए ट्वीट किया है किसैयां भये कोतवाल अब डर काहे का!
कांग्रेस के सत्ता में आते ही माफियाओं के हौसले बुलंद हैं। रेत माफ़िया, भू माफ़िया, जंगल माफ़िया, शराब माफ़िया, हाथी माफ़िया…. और अब ड्रग्स माफ़िया को भी राजनीतिक संरक्षण!
ऐसा गढ़ोगे छत्तीसगढ़ दाऊ?