Weekly Vrat And Festival 2022: वैदिक पंचांग के अनुसार इस सप्ताह की शुरुआत पौष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि के साथ हो रही है। इस सप्ताह सफला एकादशी, प्रदोष व्रत, मासिक शिवरात्रि और क्रिसमस त्योहार पड़ रहा है। इसलिए ज्योतिष के अनुसार इस सप्ताह का विशेष महत्व है। आइए जानते हैं इन व्रत- त्योहार की तिथि और महत्व…
सफला एकादशी व्रत (19 दिसंबर, सोमवार)
वैदिक पंचांग के अनुसार पौष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को सफला एकादशी पड़ती है। एकादशी का त्योहार भगवान विष्णु को समर्पित है। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
प्रदोष व्रत, मासिक शिवरात्रि (21 दिसंबर, बुधवार)
बुध प्रदोष व्रत: शास्त्रों के अनुसार अगर प्रदोष व्रत बुधवार के दिन पड़ता है तो उसे बुध प्रदोष व्रत कहते हैं। इस दिन शाम को प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा करने का विधान है। साथ ही जो व्यक्ति इस दिन भगवान शिव का अभिषेक करता है उसे आरोग्य की प्राप्ति होती है और कष्टों से मुक्ति मिलती है।
मासिक शिवरात्रि: पंचांग के अनुसार पौष मास के कृष्ण पक्ष क चतुर्थी तिथि को मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है। इस दिन भोलेनाथ के साथ माता पार्वती की पूजा- अर्चना की जाती है। इस दिन जो भगवान शिव को बेलपत्र, धतूरा चढ़ाने चाहिए। वहीं ‘ओम् नम: शिवाय’ का जाप करना चाहिए।
पौष अमावस्या (23 दिसंबर, शुक्रवार)
अमावस्या की तिथि पितृों को समर्पित होती है। इस दिन तर्पण, श्राद्ध करने का विधान शास्त्रों में बताया गया है। मान्यता है जिन लोगों की कुंडली में पितृ दोष लग रहा है, वो लोग अगर तर्पण करते हैं, तो उनको पितृ दोष से मुक्ति मिल सकती है। साथ ही किसी इस दिन ब्रह्माण भी कराने चाहिए। वहीं पौष अमावस के दिन पौष महीने का कृष्ण पक्ष भी समाप्त हो रहा है।
क्रिसमस (25 दिसंबर, रविवार)
हर साल 25 दिसंबर को ईसा मसीह या यीशु का जन्मदिन मनाया जाता है। इसको बड़ा दिन भी कहते हैं। इस दिन सभी गिरिजाघरों में सजावट की जाती है। साथ ही लोग केक काटकर और क्रिसमस ट्री सजा के इस त्योहार को मनाते हैं।