जब IAS ने पूछा..कौन कहता है..छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया..अन्दर या बाहर वाले..कुलपति ने क्या कहा..पढें..विस्तार से खबर

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—आखिर कौन कहता है..छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया..ऐसा यहां के रहने वाले कहते हैं..या फिर बाहर वाले…यह सवाल अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय मेें आयोजित व्ख्यानमाला के दौरान पूर्व आईएएस और शिक्षाविद् शरतचन्द्र बेहरा ने उठाया। और उन्होने अपने सवाल का खुद ही जवाब दिया तो पूरा हाल तालियों से गूंज उठाया। कार्यक्रम में शामिल मुख्य वक्ता के अलावा यूएसटी विश्वविद्यालय मेघाललय के कुलपति प्रो.जीडी शर्मा ने बताया कि अपने अल्प कार्यकाल में एडीएन वाजपेयी ने ऐसा करामत कर दिया आज अटल विश्वविद्यालय का नाम पूरा देश बहुत ही सम्मान के साथ लेता है। और उन्हें पूरा विश्वास है नैक ग्रेडेशन में विश्वविद्यालय को A प्लस का रूतवा जरूर हासिल होगा।
अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय में गरिमामय वातावरण में छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया विषय पर बव्याख्यान माला कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में प्रमुख वक्ता के रूप में पूर्व आईएएस मध्यप्रदेश सरकार के पूर्व मुख्य सचिव शरतचन्द बेहार शामिल हुए। विश्वविद्यालय स्थित सभागार में आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि प्रोफेसर ज़ी डी शर्मा कुलपति यूएसटी विश्व विद्यालय मेघालय  ने भाग लिया। कुलपति आचार्य अरूण दिवाकर नाथ बाजपेई जी ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। इसके पहले सभी अतिथियों ने मां सरस्वती और छत्तीसगढ़ महतारी के छायाचित्र पर माल्यार्पण किया।
कार्यक्रम के प्रारम्भ में डीन छात्र कल्याण डॉ. एच एस होता ने स्वागत भाषण के साथ कार्यक्रम की रूपरेखा को पेश किया। मुख्य अतिथि प्रोफेसर ज़ी डी शर्मा जी ने बताया कि आचार्य अरूण दिवाकर नाथ बाजपेई ने अपने अल्प समय में ही अटल बिहारी वाजपेई विश्व विद्यालय पूरे देश में स्थापित कर दिया है। संभव है कि अब जल्द ही विश्वविद्यालय को नैक ग्रेडेशन में ए प्लस मिलेगा।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता शरत चन्द्र बेहार पूर्व आईएएस और मुख्य सचिव मध्यप्रदेश शासन ने अपने वक्तृत्व कला से सभागार में उपस्थित लोगों को ताली पीटने के मजबूर किया। बेहार ने उपस्थित लोगों के बीच सवाल उठाया कि आखिर छत्तीसगढ़ियों को सबले बढ़िया कहते कौन है। छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया कहने वाले छत्तीसगढ़ के हैं या फिर छ्तीसगढ के बाहर के हैं। सवाल का खुद जवाब देते हुए बेहार ने कहा किछत्तीसगढ़ के मानव समाज में अन्य क्षेत्रों के लोगों से कही बहुत अधिक मानवीय मूल्यों का महत्व है। यहां के लोग सरलता, सादगी,और ईमानदारी के साथ ना केवल जीते हैं। बल्कि  स्रवभाव में अतिथि सत्कार का गुण कूट कूट कर भरा ।यही कारण है कि यहां के लोगों के बारे में देश के अन्य राज्यों में कहा जाता है छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया। ऐसी स्थिति में जिम्मेदारी बनती है कि हम अपने मानवीय मूल्यों को विकास और प्रगति के साथ बनाएं रखें।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कुलपति आचार्य अरूण दिवाकर नाथ बाजपेई ने कहा..बहुत ही शानदार विषय पर शानदार व्यक्तित्व के धनी शिक्षावनिद्यों के विचार सुनकर प्रफुल्लित हूं। कार्यक्रम की शुरुआत शरतरचन्द बेहार और प्रोफेसर ज़ी डी शर्मा  के व्याख्यान से होना। अपने आप में बहुत बड़ी बात है। दोनो अतिथियों के व्याख्यान से विषय को ना केवल ऊंचाई मिली है। बल्कि व्याख्यान माला की सफलता को चार चांद भी लगा है। आने वाले विज्ञान दिवस पर व्याख्यान माला का विषय साइंस आफ छत्तीसगढ़ पर केन्द्रित रहेगा। 
कार्यक्रम का संचालन रश्मि गुप्ता ने और धन्यवाद् डॉ मनोज सिन्हा समन्वयक राष्ट्रीय सेवा योजना ने जाहिर किया। इस अवसर पर कुलसचिव शैलेन्द्र दुबे, उपकुलसचिव नेहा यादव, नेहा राठिया, सहायक कुलसचिव रामेश्वर राठौर, फखरूद्दीन कुरेशी, परीक्षा नियंत्रक डॉ पी के पांडेय, वित्त अधिकारी अलेक्जेंडर कुजुर, डॉ सीमा बेरोलकर, डॉ लतिका भाटिया, डॉ सुमोना भट्टाचार्य, डॉ कलाधर, डॉ जितेन्द्र गुप्ता, डॉ हैरी जार्ज, डॉ हामिद अब्दुल्ला, डॉ सौमित्र तिवारी, डॉ रेवा कुलश्रेष्ठ, डॉ गौरव साहू, डॉ यशवंत पटेल, डॉ धर्मेंद्र कश्यप, सौम्या तिवारी, आकृति सिसोदिया, भुवन वर्मा, डॉ तारणीश गौतम, डॉ तरूण धर दिवान,सहित विश्व विद्यालय के समस्त प्राध्यापक, अधिकारी, कर्मचारी और विद्यार्थी गण उपस्थित थे।
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