बिलासपुर— पीएचई मंत्री रूद्र कुमार गुरू ने आज कुछ ऐसा किया कि शहर में चर्चा का विषय बन गया है। पत्रकार वार्ता के बाद कांग्रेसी नेताओं, कार्यकर्ताओं से बातचीत के बीच यकायक मंत्री ने सभी को कमरे से बाहर जाने को कहा। दोनों विधायकों को भी बाहर इंतजार करने को कहा। करीब तीस मिनट बाद बन्द कमरे में कलेक्टर और एसपी से चर्चा के बाद मंत्री ने दोनों विधायकों को टेबल पर बुलाया।
छत्तीसगढ़ भवन का कमरा नम्बर..इसी कमरे में भारत के राष्ट्रपति रामानाथ कोविद दो दिनों तक रहे। इस कमरे में ही सीएम का हमेशा बिलासपुर विजिट के दौरान रूकना होता है। दो दिनों से पीएचई मंत्री गूरू रुद्र भी इसी कमरे में रूके। कमरा नम्बर एक व्हीव्हीआईपी सूइट है। इसमें एक अलग कमरा बाथरूम भी है। जिसे केवल व्हीव्हीआईपी ही प्रयोग करता है। जरूरी बात होने पर बाहर के कमरे से लगे अलग कमरे में मंत्री अधिकारियों से गोपनीय चर्चा करते हैं। लेकिन आज ऐसा कुछ नहीं हुआ।
पत्रकार वार्ता के बाद मंत्री रूद्र कुमार दोनों विधायकों दोनों जिला अध्यक्षों समेत कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों समेत समाज के लोगों से चर्चा कर रहे थे। इसी दौरान कलेक्टर और एसपी भी पहुंचे। उन्हें देखते ही पीएचई मंत्री ने सबको बाहर इंतजार करने को कहा। इतना ही नहीं दोनों विधायक और कांग्रेस अध्य़क्षों को भी बाहर किया।
करीब तीस मिनट बाद रूद्र गुरू ने दोनों विधायकों को नाश्ते के टेबल पर बुलाया। अब तक यह बात चर्चा में आ चुकी थी कि आखिर दोनों विधायकों को बाहर क्यो किया गया। जबकि मंत्री अन्दर के कमरे में अधिकारियों से बातचीत कर सकते थे। जैसा इसके पहले हमेशा व्हीव्हीआईपी करते रहे। ताज्जुक की बात है कि इस दौरान बाहर मंत्री के काल का इंतजार करते रहे विधायक और संसदीय सचिव ने भी कुछ नहीं बोला। ना ही दोनों जिला अध्यक्षों ने मुंह खोला।
फिर भी लोगों ने देखा कि दोनों विधायक अपने आप में शर्मिन्दा महसूस कर रहे थे। दोनों विधायक शायद इसी बात को लेकर एकांत में चर्चा भी कर रहे थे। इसी बीच कलेक्टर और एसपी के जाने के बाद बुलावा आया। दोनों विधायक अन्दर गए। इसके बाद जिला कांग्रेस अध्यक्ष और पीएसओ के बीच कमरे के अन्दर प्रवेश को लेकर कहासुनी भी हुई।
बहरहाल आम कार्यकर्ताओं में पूरे दिन चर्चा का विषय रहा कि आखिर दोनों विधायकों को बाहर क्यो निकाला गया। जबकि संभव था कि दोनों बड़े अधिकारियों से मंत्री अलग कमरे मे भी बातचीत कर सकते थे। अन्दर से मिली जानकारी के अनुसार मामला मुख्यमंत्री के सामने भी रखा जा सकता है।