जुनूनी..शिक्षिका ने बना दिया दीवारों को ब्लैक बोर्ड…अब राज्यपाल के हाथों होगी सम्मानित..स्कूल स्टाफ में खुशी

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—- पांच अगस्त को राज्यपाल अनुसुईया ऊइके प्रदेश के कुल पचास शिक्षकों को दरबार हाल में सम्मानित करेगी। इस दौरान राज्यपाल चार शिक्षकों को विशेष सम्मान से सम्मानित करेगी। शिक्षक दिवस पर मुंगेली और बिलासपुर के दो दो शिक्षकों को राज्यपाल के हाथों सम्मानित होने अवसर मिलेगा। खासकर मुंगेली शिक्षिका स्वाती  पाण्डेय पर लोगों की विशेष नजर रहेगी। बताते चले कि स्वाती पाण्डेय ने विशेष पहल करते हुए करही समेत आस पास में गली गली पहुंच दीवारों को ही ब्लैक बोर्ड बना दिया। और बच्चों को ना केवल अक्षर ज्ञान कराया। बल्कि स्कूल से दिए गए होम वर्क को भी आसान बनाया।

                   बताते चलें कि प्रत्येक साल 5 सितम्बर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। डॉ.सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जंयति पर देश और प्रदेश में सर्वश्रेष्ठ शिक्षण कार्य करने वाले शिक्षकों को सम्मानित किया जाता है। इसी क्रम में छत्तीसगढ़ में भी राज्यपाल अनुसुइया उईके पांच सितम्बर को राजभवन स्थित दरबार हाल में प्रदेश के कुल 50 शिक्षकों को सम्मानित करेगी। इसमें एक ऐसी शिक्षिका सम्मानित होगी..जिसने अपने शैक्षणिक कार्य से कई मंंचो पर कई बार सम्मानित हो चुकी है। 

                  स्वाती पाण्डेय मुंगेली जिला स्थित करही गांव मेें अंग्रेजी मीडियम स्कूल में शिक्षिका है। बच्चों और शिक्षण कार्य से असीम प्यार करने वाली स्वाती पाण्डेय को इसी जूनीनियत के कारण कई बार कई मंच से सर्वश्रेष्ण शिक्षक का सम्मान हासिल कर चुकी है। इतना ही नहीं स्कूल नहीं आने वाले बच्चों में भी स्वाती पाण्डेय को बहुत ही सम्मान की नजर से देखा जाता है।

             बताते चलें कि बच्चों को पढ़ाने के लिए स्वाती ने हमेशा नया नया प्रयोग किया। करही का ऐसा कोई दीवार नहीं होगा जिसे उन्होने ब्लैक बोर्ड नहीं बनाया हो। घर से बच्चों को बुलाकर किसी भी दीवार पर व्हाइट और ब्लैक बोर्ड टांग कर पढ़ाना शुरू कर दिया। जरूरत पड़ी तो अपने वेतन से ही किताब कापी की व्यवस्था करने से नहीं चुकी।

               इसके अलावा स्वाती पाण्डेय ने बच्चों में समग्र विकास को लेकर कभी कहानी लेखन तो कभी पहली प्रतियोगिता का आयोजन किया। कोरोना काल में सरकार के आदेशों का ना केवल शत प्रतिशत पालन किया। बल्कि अलग हटकर कुछ नया भी किया। जिसकी गूंज रायपुर स्थित मंत्रालय तक भी पहुंची। सफाई अभियान हो या बच्चों के बीच जागरूकता अभियान। सभी ने सबसे आगे स्वाती पाण्डेय को ही पाया। इन तमाम उपलब्धियों को देखते हुए ही स्वाती पाण्डेय को दिल्ली में शिक्षा रत्न से सम्मानित किया गया। गुजरात के एडूटर एप में भी स्थान दिया गया। वैक्सीन अभियान मेे तो बढ़चढ़कर हिस्सा लिया। जिसकी चर्चा आज भी मुंगेली जिला के जनमानस में है। 

                         स्वाती पाण्डेय 5 अगस्त को राजभवन स्थित दरबार हाल में दोपहर को राज्यपाल के हाथों सम्मानित होंगी। इस दौरान बिलासपुर और मुंगेली के तीन अन्य शिक्षक भी सम्मानित होंगे।

सम्मान कार्यक्रम

                 शासन से जारी आदेश के अनुसार सम्मानित होने वाले सभी शिक्षक तीन अगस्त को रायपुर पहुंचेगें। सभी को शंकरनगर स्थित एसईसीआरटी हास्टल में रूकवाया जाएगा। इस दौरान कोई भी परिजन साथ में रहेगा। चार अगस्त को सम्मानित होने वाले सभी शिक्षकों का दरबार हाल में रिहर्सल होगा। 5 अगस्त को राज्यपाल अनुसुइया ऊइके के हाथों सभी शिक्षक सम्मानित होंगे।  

                           

                                    

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