WHO ने जारी किए कोविड से मौतों के मामले

Shri Mi
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कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की ओर से गुरुवार को एक रिपोर्ट जारी की गई. डब्ल्यूएचओ ने इस रिपोर्ट में कहा है कि पिछले दो वर्षों में लगभग 1.5 करोड़ लोगों ने या तो कोरोना वायरस से या स्वास्थ्य प्रणालियों पर पड़े प्रभाव के कारण जान गंवाई. डब्ल्यूएचओ का अनुमान है कि भारत में कोरोना वायरस संक्रमण से 47 लाख लोगों की मौत हुई है. हालांकि भारत ने इन आंकड़ों पर आपत्ति दर्ज कराई है. 

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अधिक मृत्यु दर पेश करने पर आपत्ति 
भारत ने डब्ल्यूएचओ द्वारा प्रामाणिक आंकड़ों की उपलब्धता के बावजूद कोरोना वायरस महामारी से संबंधित अधिक मृत्यु दर अनुमानों को पेश करने पर आपत्ति जताई है. भारत ने गणितीय मॉडल के इस्तेमाल पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि मॉडल और डेटा संग्रह की कार्यप्रणाली संदिग्ध है. 

डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयियस ने इस आंकड़े को गंभीर बताया है. उन्होंने कहा कि देशों को स्वास्थ्य आपात स्थितियों से निपटने के लिए अपनी क्षमताओं में अधिक निवेश करने के लिए प्रेरित होना चाहिए. उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ बेहतर निर्णयों और बेहतर परिणामों के लिए डेटा तैयार करने के लिए अपनी स्वास्थ्य सूचना प्रणाली को मजबूत करने के दिशा में सभी देशों के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध है. 

अत्यधिक मृत्यु दर में कोविड-19 से जुड़ी मौतें शामिल हैं. डब्ल्यूएचओ ने कहा, अनुमानों को आधिकारिक तौर पर भारत द्वारा तैयार राष्ट्रीय आंकड़ों के रूप में नहीं माना जा सकता है क्योंकि डेटा और डब्ल्यूएचओ द्वारा उपयोग की जाने वाली विधियों में अंतर है.

मॉडलिंग आधारित अनुमानों का उपयोग गलत—नीति आयोग के सदस्य वी के पॉल ने पीटीआई-भाषा से कहा, जब सभी कारणों से अधिक मौतों की वास्तविक संख्या उपलब्ध है केवल मॉडलिंग आधारित अनुमानों का उपयोग करने का कोई औचित्य नहीं है. उन्होंने बताया कि कैलेंडर वर्ष 2018 की तुलना में 2019 में मौतों की संख्या 6.9 लाख अधिक थी. उन्होंने कहा कि कोविड के लिए स्थापित एक मजबूत निगरानी प्रणाली के आधार पर आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 2020 में कोविड की मृत्यु 1.49 लाख थी. डब्ल्यूएचओ ने कहा कि सबसे अधिक 84 फीसदी मौतें दक्षिण-पूर्व एशिया, यूरोप और अमेरिका में हुईं. 

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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