किसे बचाने सीपत पुलिस ने रचा षड़यंत्र..आरोपी को भगाया..बरामद बाईक को गुपचुप लौटाया..1 ही परिवार के 3 सदस्यों को बना दिया गांजा तस्कर

BHASKAR MISHRA
6 Min Read
बिलासपुर (रियाज़ अशरफी)—चार दिन पहले सीपत पुलिस ने 10 किलो गांजा के साथ एक  नाबालिक युवक समेत एक ही परिवार के तीन लोगों को पकड़ा। सभी के खिलाफ पुलिस ने एनडीपीएस के तहत अपराध दर्ज किया। मामले में नया मोड़ अब आया है। पकड़े गए नाबालिक आरोपी के पिता ने सीपत पुलिस पर मुख्य आरोपी को छोड़ने का आरोप लगाया है। आरोपी नाबालिग के पिता ने मामले की शिकायत रेंज प्रमुख आईजी और बिलासपुर पुलिस कप्तान से करने का फैसला किया है। 
          जानकारी देते चलें कि चार दिन पहले सीपत पुलिस ने  कौड़िया मुड़पार के बीच 10 किलो गांजा के साथ कुंजराम राय पिता राधेश्याम उम्र 22 वर्ष निवासी दलदली,अमितेश भार्गव पिता रामचरण उम्र 18 वर्ष निवासी मुड़पार और एक 17 साल के नाबालिक को गांजा तस्करी करते पकड़ा। मामले में आरोपी युवक के बड़े भाई और नाबालिक के पिता ने सीपत पुलिस की कार्यवाही पर संगीन आरोप  लगाए है। 
 24 घण्टे बाद एफआईआर दर्ज
      सीपत पुलिस ने 7 अगस्त की रात लगभग 10 बजे कौड़िया के आगे ग्राम तेंदुआ(मुड़पार) मोड़ के पास गांजा के साथ आरोपियों को गिरफ्तार किया। लेकिन 24 घण्टे बाद यानि दूसरे दिन 8 अगस्त की रात 9:30 बजे एफआईआर दर्ज किया गया। सूत्रों के अनुसार इस बीच आरोपियों के परिवार और सीपत पुलिस के बीच मामले को निपटाने के लिए बातचीत हुई। सौदा पक्का भी हो जाता लेकिन इसी बीच मामले की जानकारी जिला के उच्च पुलिस अधिकारियों को लग गयी। सीपत टीआई को कार्यवाही करने आदेश दिया गया।
  मुख्य आरोपी को छोड़ अन्य को फंसाया
     पकड़े गए आरोपी कुंजराम के भाई और 17 वर्षीय नाबालिक आरोपी के पिता व्यास नारायण ने पुलिस पर संगीन आरोप लगाय है। दोनो की मानें तो..मुख्य आरोपी का गांव के ही एक अन्य युवक से गहरा रिश्ता है। युवक वर्तमान में बाहर रहता है। इस युवक का संबंध सीपत पुलिस के एक आरक्षक से है। उसी ने कुंजराम को फंसाया है। कुंजराम डीजे बजाने जयरामनगर गया था। पैसा लाने की बात कहकर अपनी बाइक में बैठाकर साथ ले गया।  युवक ने पाराघाट से एक थैला लिया।  मोटरसाइकल बदली और कौड़िया की ओर निकल गया। भाई कुंजराम ने लेट होने पर फोन कर भांजा अमितेश भार्गव को बुलाया। रात अधिक होने के कारण भांजा अपने नाबालिक बेटा को साथ लेकर गया। 
            इसी बीच कुंजराम का मोबाइल डिस्चार्ज के कारण बंद हो गया। भांजा और बेटा भाई को खोजते हुए कौड़िया पहुंच गए । वापसी पर देखा कि कुंजराम और साथ मे आये युवक को पुलिस ने तेंदुआ मुड़पार मोड़ पर पकड़ लिया है। थोड़ी देर बाद भाई कुंजराम के साथ भांजा अमितेश और नाबालिक बेटा को भी दो पुलिस आरक्षकों ने रस्सी से बांध दिया। भाई कुंजराम जिस युवक के साथ आया था उसे वहां से पैदल भगा दिया गया।
  पुलिस ने जिस युवक को भगाया..24 घण्टे बाद बाइक भी छोड़ा
          सीपत पुलिस ने घटना स्थल से दो मोटर सायकल बरामद किया। दोनों  बाइक को थाना भी लाया गया।  दोनो बाइक 24 घण्टे तक थाना के पीछे संवेदना केंद्र के बाहर थाना के अन्य स्टाफ की गाड़ी के साथ खड़ी रही। दूसरे दिन जब मामले पर कार्यवाही हुई तो भगाए गए युवक से बरामद मोटरसायकल हीरो इग्नाइटर सीजी 22 एबी 6383 थाना से गायब कर दिया गया। जबकि दूसरी मोटरसाइकल जिसका नम्बर छोड़े गए वाहन से मिलता जुलता है कार्रवाई की गयी। जिस गाड़ी को बरामद दिखाया गया उसका नम्बर सीजी 10 एआर 6733 है। 
      बताया जा रहा है कि छोड़े गए मोटरसायकल बलौदा बाजार जिला में तैनात एक आरक्षक की है। जो आरोपी के गांव का ही रहने वाला है। 
 मस्तूरी के दलदली गांव आखिर क्या है मामला
           पकड़े गए तीनो आरोपी एक ही घर परिवार के है । मस्तूरी निवासी आरोपी कुंजराम राय और नाबालिक आरोपी चाचा भतीजा है।अभितेश भार्गव कुंजराम का भांजा है। आरोपी नाबालिक के पिता व्यास नारायण के अनुसार जिस युवक ने गांजा लाया..वह भी दलदली का रहने वाला है। वर्तमान में मस्तूरी के करीब किसी गांव में रहता है। जिस वाहन को पुलिस ने थाना से 24 घंटे बाद बिना कार्यवाही  छोड़ दिया। उस वाहन का मालिक  बलौदाबाजार में आरक्षक है। आरक्षक  भी दलदली का रहने वाला है।आरोपी के पिता ने आरोप लगाया है कि पूरे मामले में संलिप्तता आरक्षक और मौके से भगाया गया युवक है। दोनों का सम्बंध सीपत थाना के एक आरक्षक से है। आरोपियों से दो मोबाइल भी पुलिस ने बरामद किया था। लेकिन एफआईआर में नही लिखा गया । चार दिन बाद पुलिस ने परिजनों को थाना बुलाकर मोबाइल लौटाया है।

 मामले में कोई लेना देना नहीं

Join Our WhatsApp Group Join Now
          सीपत टीआई हरीश टांडेकर ने बताया कि सीजी 22 एबी 6783 मोटरसायकल का इस मामले से कोई लेना देना ही नही है। दरअसल उस वहान को थाना लाया ही नही गया है। मौके से पकड़ी गयी गाड़ी पर ही कार्यवाही की गयी है।

close