VIDEO-सहायक शिक्षकों की वार्ता क्यों टूटी…?देखिए लम्बे आंदोलन के लिए कैसी है तैयारी..? शिक्षकों के हाथों में झाड़ू का मतलब क्या है..?

Chief Editor
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राजधानी रायपुर में पिछले 7  दिन से चल रहा सहायक शिक्षकों का आंदोलन लगातार जारी रहेगा। शुक्रवार को शिक्षा विभाग के साथ सहायक शिक्षक फेडरेशन की बातचीत बेनतीजा रही। यह वार्ता विफल होने के बाद छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन ने अपनी हड़ताल को जारी रखने का ऐलान किया है। सहायक शिक्षक अपनी वेतन विसंगति दूर करने की मांग को लेकर पिछले 7  दिन से रायपुर के बूढ़ा तालाब में आंदोलन कर रहे हैं। सहायक शिक्षकों ने धरना प्रदर्शन के साथ ही विधानसभा के घेराव का प्रयास किया और गिरफ्तारी भी दी। शुक्रवार को शिक्षा विभाग ने सहायक शिक्षक फेडरेशन को बातचीत के लिए बुलावा भेजा। दोपहर बाद सहायक शिक्षक फ़ेडरेशन का डेलिगेशन मंत्रालय पहुंचा। जहां मुख्य शिक्षा सचिव आलोक शुक्ला के साथ संगठन के डेलिगेशन ने बात की। जानकारी दी गई है कि बैठक में मुख्य शिक्षा सचिव आलोक शुक्ला का कहना था कि वेतन विसंगति दूर करने के लिए बनाई गई कमेटी की एक और बैठक मंगलवार को होगी। इसके बाद मामला मुख्यमंत्री के पास भेजा जाएगा। लिहाज़ा कमेटी की रिपोर्ट के लिए और समय चाहिए । प्रतिनिधि मंडल ने इस बात पर असहमति जताई और बातचीत खत्म हो गई। इसके बाद सहायक शिक्षक फेडरेशन ने अपने आंदोलन को लगातार जारी रखने का ऐलान किया है।

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हड़ताली शिक्षक और शिक्षा विभाग के आला अफ़सरों के बीच इस गतिरोध के पीछे कहीं – ना –कहीं मुद्दा भरोसे का भी है। छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन के आवाहन पर पिछले 7 दिनों से सहायक शिक्षकों का आंदोलन जारी है । हड़ताल कर रहे आंदोलनकारियों  के लिए शुक्रवार की शाम पौने चार बजे एक बड़ी खबर आई की शासन फेडरेशन के 5 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल से वार्ता करना चाहता है । वार्ता के लिए शिक्षकों का प्रतिनिधिमंडल 4:15 बजे के करीब मंत्रालय की ओर रवाना हो गया जहां मांगों को लेकर मुख्य सचिव सचिव आलोक शुक्ला से वार्ता विफल हो गई है । जानकारी देते हुए छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन के प्रदेश उपाध्यक्ष शिव मिश्रा ने बताया कि  मुख्य सचिव सहायक शिक्षकों की वेतन विसंगति को लेकर बनाई गई कमेटी  की रिपोर्ट कुछ समय और बढ़ाने का आश्वासन दिया ।  जिसे प्रतिनिधिमंडल ने सिरे से खारिज कर दिया और बैठक छोड़कर बाहर निकल आए  । और फ़िर से धरना स्थल पहुंच गए।

इधर शुक्रवार को छत्तीसगढ़ सरकार के तीन साल पूरे होने के मॉडल का विज्ञापन प्रदेश भर में  शिक्षकों के बीच छाया रहा । वहीं प्रदेश के सहायक शिक्षकों ने चौक – चौराहे पर झाड़ू मारते हुए सफाई कर  विरोध प्रदर्शन का एक नया अंदाज़ पेश किया । शिक्षकों के हाथों में झाड़ू के बहुत से मायने निक़ाले ज़ा रहे हैं।  माना ज़ा रहा है कि इसकी वजह से सरकार पर दबाव बढ़ा और शाम होते होते शिक्षकों को वार्ता के लिए बुलाया गया। जहाँ वार्ता विफल हो गई।

इस वार्ता की विफ़लता के पीछे की वज़ह को समझने की कोशिश करें तो लगता है कि शिक्षा विभाग के आला अफ़सरों ने सहायक शिक्षकों की इस मुह़िम को हल्के में लिया । ज़िसके चलते तीन महीने पहले मुख्यमंत्री की ओर से दिए गए आश्वासन के बावज़ूद कमेटी की रिपोर्ट नहीं सौंपी जा सकी। जिससे शिक्षकों का विभाग के आला अफ़सरों पर से भरोसा टूटा है। यही वज़ह है कि शुक्रवार को ज़ब शिक्षा प्रमुख़ सचिव ने बातचीत के लिए बुलाया तो कमेटी की रिपोर्ट के लिए और समय मांगते ही शिक्षक फेडरेशन के प्रतिनिधि बिफ़र गए …। और बातचीत बेनतीज़ा रही।

छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष मनीष मिश्रा धरना मंच से कई बार कह चुके थे कि मुख्यमंत्री के अलावा हम किसी से भी वार्ता या बातचीत नहीं करेंगे । जब हमें मुख्यमंत्री ने 3 महीने के अंदर समस्याओं का निराकरण करने का लिखित में आश्वासन दिया था तो हम भी अब मुख्यमंत्री से ही बात करेंगे।सहायक शिक्षक पूरी तैयारी के साथ आए हैं । जिससे आंदोलन लम्बा चलाया जा सके। अपने भोज़न का इंतज़ाम भी उन्होने धरना स्थल पर ही कर लिया है। इस तरह शिक्षकों ने तो अपना रुख़ साफ़ कर दिया है। लेकिन अब प्रशासन क्या रुख़ अपनाता है,यह आने वाले समय में ही पता लग सकेगा।

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