चुनावी साल शिक्षा विभाग में नया प्रयोग: JD के अचानक तबादले से क्यों मायूस हैं शिक्षक..?

Shri Mi
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अम्बिकापुर।छत्तीसगढ़ के विधानसभा का चुनावी साल शुरू हो गया है। एक नया प्रयोग फिर से सामने आया है। स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत सरगुजा संभाग के संयुक्त संचालक हेमंत उपाध्याय का तबादला डीपीआई में कर दिया गया है। कोरिया के जिला शिक्षा अधिकारी संजय गुप्ता को सरगुजा संभाग का संयुक्त संचालक बनाया गया है। बताया जाता है कि हेमंत उपाध्याय अभी खुद रिलीव नही हुए है। पर संजय गुप्ता ने एकतरफा सरगुजा जेडी का प्रभार भी आदेश के दूसरे दिन ही ले लिया है।जिसकी वजह से सहायक शिक्षकों की कोरिया जिले में प्राथमिक स्कूल के एचएम के पद पर हुई काउंसलिंग के बाद पदोन्नति के आदेश की प्रक्रिया किसी अन्य के लिए वे छोड़ गए। कोरिया का अगला जिला शिक्षा अधिकारी कौन होगा यह अभी तय नहीं हुआ है। स्थिति यह है कि कोरिया जिले के शिक्षक अभी थोड़ा मायूस है और सरगुजा संभाग के पदोन्नति पाने वाले शिक्षक भी मायूस हो गए है।

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स्कूल शिक्षा विभाग में हुए एक तबादले का शीशा सबको दिखाई दे रहा है पर उसमें उभरी तस्वीर सिर्फ शिक्षको को ही दिखाई दे रही है। इस तस्वीर को व्यवस्था के जिम्मेदार सरकार के सलाहकार क्यो नही देख पा रहे है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत 23 साल बाद पदोन्नति की सौगात दी थी केबिनेट के निर्णय के बाद जो नीति आई थी उसके अनुसार संविलियन हो चुके सहायक शिक्षकों और शिक्षकों की पदोन्नति के नियमों 3 वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुके शिक्षकों को लाभ होना था।

सरगुजा के पदोन्नति की चाह लिए सहायक शिक्षक और उच्च वर्ग के शिक्षक स्कूल शिक्षा विभाग के संयुक्त संचालक सरगुजा संभाग हेमंत उपाध्याय एकएक तबादले से अब दुखी हो गए हैं पदोन्नति के लाभार्थियों का मायूस होने की बड़ी वजह बस्तर के जेडी रहते हुए हेमंत उपाध्याय बस्तर संभाग में सबसे पहले मिडिल स्कूल के प्रधान पाठक के पद पर पदोन्नति और सहायक शिक्षकों की वर्ग 2 के उच्च वर्ग के शिक्षक के पद पर पदोन्नति जारी कर दी थी। पांचों संभाग में बस्तर संभाग अव्वल रहा था। उसके बाद दुर्ग संभाग में यह प्रक्रिया हुई उसके बाद बहुत शिक्षक पदोन्नति में विसंगति को लेकर हाई कोर्ट चले गए और मामला कोर्ट में स्टे होने की वजह से अटक गया इन सारे मामलों की सुनवाई अब हो चुकी है फैसला आने के बाद ही आगे की प्रक्रिया पूरी हो सकेगी।

शिक्षक सरगुजा जेडी हेमंत उपाध्याय की कार्यशैली से परिचित है। जो बाते छन कर आ रही है वह यह है कि सरगुजा संचालक से मेल मुलाकात में शिक्षको को यह संदेश मिला था कि जैसे ही कोर्ट का फैसला शिक्षकों के पक्ष में आता है हफ्ते भर के अंदर पदोन्नति की प्रक्रिया निपटा ली जाएगी। उनके एकाएक तबादले की वजह से शिक्षकों के बीच नाराजगी और मायूसी छा गई है। सब को अंदाज है कि आगे होना क्या है ..!

जो प्रक्रिया 15 दिन के अंदर निपटा लेनी चाहिए थी वह प्रक्रिया आज भी कई जिलों में अटकी हुई है। सरगुजा संभाग के कई जिले खुद में बड़े उदाहरण है।
प्रदेश में सहायक शिक्षकों की प्राथमिक स्कूल के हेड मास्टर के पद पर चल रही पदोन्नति की प्रक्रिया में छाई अफसरशाही और कथित लेन देन के आरोपों की चर्चा किसी से छुपी नही है।

पदोन्नति में चल रही विसंगतियों पर लोक शिक्षण संचालनालय ने स्थिति को भापते हुए पूरी प्रक्रिया को काउंसलिंग के माध्यम से कराने का स्पष्ट निर्देश देना पड़ा। क्योंकि मीडिया में इस प्रक्रिया को लेकर संदेश सकारात्मक नहीं आ रहे थे जिसकी वजह से कहीं ना कहीं सरकार की छवि पर भी असर पड़ रहा था।

चुनावी साल शुरू हो गया है। सरकार की विशेष नीतियों का अधिक से अधिक लाभ लाभार्थियों तक पहुंचे इसके लिए मिशन मोड में काम करने का वक्त आ ही गया है। ऐसे में शिक्षा विभाग के जानकारों के बीच में यह तबादला पदोन्नति चाह रहे शिक्षकों के बीच जीवन के कौन से रंग लेकर आता है। वे पदोन्नति के लाभ को किस तराजू में तौलते है। या खुद तौला जाते हैं या तो अतीत के गर्भ में है।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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