शादी होगी या नहीं…?पहले अनुमति मिली, फिर रद्द हो गई, अब नया फ़रमान- दस से अधिक लोगों की उपस्थिति पर रहेगी पाबंदी…घराती – बराती के सामने कन्फ़्यूजन – किस आदेश को सही माने..?

Chief Editor

बिलासपुर।कोरोना महामारी के इस दौर में सब कुछ अस्त-व्यस्त है। आम जनजीवन भी पूरी तरह से प्रभावित है और उत्सव –त्यौहार- शादी ब्याह वगैरह सब पर भी इसका असर पड़ा है। छत्तीसगढ़ में खास तौर पर अक्षय तृतीया यानी अक्ती के दिन ही अधिक शादियां होती हैं। लेकिन लॉक डाउन की वजह से शादियों के परमिशन भी रद्द कर दिए गए हैं। फिर भी जिन लोगों के घर शादियां तय हुई थी, उनके सामने भी दुविधा की स्थिति है। वजह यह है कि शासन प्रशासन की ओर से साफ-साफ तरीके से दिशा निर्देश जारी नहीं हो पा रहे हैं। अभी दो-तीन दिन पहले ही तखतपुर- मस्तूरी सहित कई जगहों के एसडीएम ने पहले से जारी किए गए शादियों के परमिशन रद्द कर दिए थे। अब 9 मई की तारीख पर सामान्य प्रशासन विभाग ने यह नया फरमान जारी किया है कि शादियों में 10 लोगों से अधिक की मौजूदगी पर पाबंदी रहेगी। अब भ्रम इस बात को लेकर है कि क्या 10 लोगों की मौजूदगी में शादी हो सकती है….या शादी की परमिशन रद्द मानी जाए। लोग असमंजस में है कि आखिर इनमें से किस आदेश का पालन किया जाए…..?

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छत्तीसगढ़ में गर्मी के दिनों में खासकर गांव – देहातों के लोगों के पास खेती का कोई काम नहीं होता। रबी की फसल समेट लेने के बाद किसान भी खाली रहते हैं और इस समय का उपयोग शादी- ब्याह जैसे उत्सव के लिए होता है। प्रदेश में काफी पहले से यह रिवाज है कि लोग रामनवमी और अक्षय तृतीया यानी अक़्ती  के दिन को सबसे बेहतर मुहूर्त मानते हैं। लिहाजा इन तारीखों पर ही गांव -देहात के लोगों की शादियां अधिक होती हैं। पिछले कुछ महीनों से कोरोना संक्रमण को लेकर जिस तरह देश भर में ढिलाई का माहौल था । उससे लोगों ने शादी -ब्याह के रिश्ते तय किए और तारीख भी तय कर ली। हाल के दिनों में कोरोना संक्रमण को देखते हुए जब पाबंदियां लगी तो लोगों ने शादी के नाम पर अनुमति लेने अर्जियां लगाई । जिस पर प्रशासन ने शर्तों के साथ अनुमति दी। जो शादियां पिछली तारीखों में थी वह संपन्न हो गई। लेकिन अब मई महीने के आने वाले दिनों में जिन शादियों की तारीख तय थी ,उन पर सवालिया निशान लग गया है।

 इस साल 14 मई को अक्षय तृतीया है।  बताया गया है कि इस दिन देहात के इलाकों में हजारों की तादात में शादियां तय हुई है। लोगों ने तैयारी कर ली है और प्रशासन के शर्तों के मुताबिक कार्यक्रम किसी तरह संपन्न कराने का मन भी बना चुके थे। लेकिन इस बीच प्रशासन की ओर से जारी हुए फरमान से उनके सामने ऐसी स्थिति बन गई है कि वे शादी का कार्यक्रम समय पर नहीं कर सकेंगे। इस सिलसिले में बिलासपुर जिले के कई तहसील मुख्यालयों में एसडीएम की ओर से पिछले 7 मई को आदेश जारी किया गया है। जिसमें से तखतपुर और मस्तूरी एसडीएम का आदेश सोशल मीडिया पर भी वायरल होता नज़र आया। इस आदेश में कहा गया है कि कोरोना पॉजिटिव मामलों की गिनती लगातार बढ़ने के कारण प्रतिबंधक आदेश के तहत पूरे जिले में धारा 144 लागू की गई है। इसे देखते हुए 8 मई से 15 मई तक शादी के लिए जिन्हें पहले अनुमति दी गई थी ,उसे निरस्त कर दिया गया है। हालांकि जिन परिवारों में आठ मई या उसके बाद की तारीख थी , ऐसे परिवारों ने शादी ही निरस्त कर दी है। लेकिन ऐसे भी कई परिवारों के बारे में जानकारी मिली है कि प्रशासन का आदेश जारी होने से ठीक पहले शादी के लिए वर- वधु दोनों के घर मंडप गड़ चुका था और दो-तीन दिन से शादी की रस्म चल रही थी। लेकिन ठीक शादी के दिन अनुमति रद्द करने की खबर मिली। जिससे लोगों ने आनन-फानन में किसी तरह विदाई की रस्म पूरी की।

इधर छत्तीसगढ़ शासन के सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से 9 मई की तारीख पर एक नया आदेश जारी हुआ है। इस आदेश में कहा गया है कि नोबेल कोरोनावायरस के नए वेरिएंट के संक्रमण पर नियंत्रण के लिए सामाजिक, धार्मिक एवं अन्य आयोजनों के संबंध में नया गाइडलाइन जारी किया गया है। जिसके तहत शादियों में 10 से अधिक व्यक्तियों की उपस्थिति पर प्रतिबंध रहेगा । अंत्येष्टि में भी 10 से अधिक व्यक्तियों की उपस्थिति पर पाबंदी रहेगी। बाकी सभी तरह के धार्मिक ,सामाजिक ,राजनीतिक और अन्य आयोजन पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेंगे । सभी कमिश्नर /आईजी /कलेक्टर और एसपी को भेजे गए इस आदेश में यह भी कहा गया है कि कोरोना संक्रमित लोगों के द्वारा आइसोलेशन प्रोटोकोल के पालन की समय-समय पर जांच की जाए । उनके द्वारा सार्वजनिक भीड़भाड़ वाली सुविधाओं -तालाब का उपयोग ना किया जाना सुनिश्चित किया जाए । ताकि संक्रमण आगे ना फैले।

कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के दौरान शादी विवाह को लेकर पहले अनुमति निरस्त करने और फिर 10 लोगों की उपस्थिति में संबंधी आदेश जारी होने के बाद अब एक बार फिर लोगों के सामने कन्फ्यूजन की स्थिति है। लोग यह नहीं समझ पा रहे हैं कि क्या उन्हें मिली अनुमति रद्द मानी जाए या नए आदेश के तहत अधिकतम 10 लोगों की मौजूदगी में शादी का उत्सव मना लिया जाए। वैसे ज्यादातर लोग यही सोचते हैं कि जब शादी तय हो गई है और मुहूर्त के हिसाब से तारीख़ भी तय हो गी है तो किसी तरह शादी का कार्यक्रम भी सम्पन्न् हो जाए।  हालांकि कोरोना के भयंकर प्रकोप और तेजी से बढ़ रहे संक्रमण को देखते हुए शादियों जैसे आयोजन पर पाबंदी की हिमायत सभी करते हैं। इसकी बड़ी वजह यह है कि तमाम रोक-टोक के बावजूद शादी के दौरान रिश्तेदारों -मित्रों -परिचितों की भीड़ बढ़ती जाती है ।  इसे रोक पाना मुमकिन नहीं होता। ऐसे में संक्रमण बढ़ने का खतरा बहुत अधिक बढ़ जाता है। पिछले महीनों में भी यह देखा गया है कि कुछ जगह शादी के समारोह के दौरान खासकर देहात के इलाकों में बड़ी तादाद में लोग कोरोना संक्रमित हुए। इसे रोकने के लिए शादी में पाबंदी जरूरी लगती है। लेकिन इस बारे में प्रशासन का रुख भी साफ होना चाहिए। जिससे लोगों के सामने भ्रम की स्थिति न रहे। ।

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